सामान्य रेल डिब्बे में ही यात्रा करेंगे सीएम और मंत्री
प्रदेश में सवा दो साल बाद फिर से शुरू हो रही मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना की पहली ट्रेन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनका मंत्रिमंडल भी तीर्थाटन पर काशी विश्वनाथ जा रहा है। यह ट्रेन 19 अप्रैल को भोपाल से रवाना होगी ,जिसमें इस बार दो अतिरिक्त बोगी होंगी। खास बात यह है कि इस ट्रेन के सभी डिब्बे सामान्य श्रेणी के ही होंगे। जिसकी वजह से सीएम और उनके मंत्रियों को भी नॉन एसी में ही यात्रा करनी होगी। इस ट्रेन से भोपाल और सागर संभाग के यात्री भेजे जा रहे हैं। दूसरी ट्रेन खंडवा से द्वारका और तीसरी ट्रेन रतलाम से वैष्णो देवी के लिए जाएगी। सरकार ने 3 ट्रेनें बुक की हैं ,जिसमें पहली ट्रेन ज्यादा लंबी रहेगी। इसमें सामान्य से दो बोगियां ज्यादा लगाई जाएंगी। ट्रेन भोपाल से दोपहर 2 बजे रवाना होकर दूसरे दिन सुबह 6 बजे वाराणसी पहुंचेगी। सभी यात्री दो दिन काशी घूमने के बाद 22 अप्रैल को वापस भोपाल लौटेंगे। ट्रेन में भोपाल से 350, विदिशा 50, रायसेन 50 और सीहोर के 50 यात्री रहेंगे। ये सभी लोग भोपाल से बैठेंगे। इनके अलावा सागर से 100, दमोह 50 और टीकमगढ़ के भी 50 यात्री रहेंगे जो सागर से सवार होंगे।
अब महामहिम का स्वेच्छानुदान भी दोगुना होगा
मुख्यमंत्री से लेकर विधायकों तक के स्वेच्छानुदान में वृद्वि करने के बाद अब सरकार ने महामहिम के स्वेच्छानुदान में वृद्धि करने का तय किया है। इसके तहत अब उनका स्वेच्छानुदान दोगुना किया जा रहा है। अभी तक इसकी राशि 1 करोड़ रुपए है, जिसे बढ़ाकर 2 करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके साथ ही उनके द्वारा एक लाख रुपए तक प्रति व्यक्ति की मदद की जा सकेगी। अभी तक यह सीमा 50 हजार रुपए है। राज्यपाल का स्वेच्छानुदान बढ़ाए जाने के बारे में आज मंगलवार को हो रही कैबिनेट की बैठक में विचार कर मुहर लगाई जाएगी।
दलबदल मामले में बिरला की सदस्यता रहेगी बरकरार
खंडवा लोकसभा उपचुनाव के दौरान बड़वाह से कांग्रेस विधायक सचिन बिरला द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मंच साझा करने और कांग्रेस छोड़कर भाजपा में प्रवेश की घोषणा करने के मामले में उनकी सदस्यता बरकरार रहेगी। इस मामले में कांग्रेस की ओर से विधायक रवि जोशी ने बिरला की सदस्यता समाप्त करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को आवेदन दिया था। इस आवेदन के साथ उनके द्वारा तमाम तरह के सबूत देने की बात कही गई थी। मामले में दोनों विधायकों से उनका पक्ष भी जाना गया था। गौरतलब है कि सदन में उनकी सीट भी बीते सत्र में नहीं बदली गई थी। सदन में वे कांग्रेस पक्ष के साथ ही बैठे नजर आए थे।
चयन बोर्ड को लेकर आईएएस और आईपीएस आमने -सामने
प्रदेश में आईएएस और आईपीएस अफसरों के बीच टकराव चलता ही रहता है। इस बीच आईपीएस अफसर सरकार से भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू कराने में सफल रहे। इस बीच अब पुलिस चयन बोर्ड के गठन को लेकर फिर टकराव की स्थिति बनती दिखना शुरू हो गई है। इसकी वजह है पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) द्वारा पीईबी की पुलिस भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी रोकने के लिए पुलिस चयन बोर्ड के गठन का प्रस्ताव भेजा जाना , जिसे गृह विभाग ने कुछ बिंदुओं पर अतिरिक्त जानकारी मांगते हुए वापस लौटा दिया है। दरअसल,पुलिस से जुड़ी तीन भर्ती परीक्षाओं में गड़बडियों की शिकायतें सामने आ चुकी है। इसके चलते पीएचक्यू ने गृह विभाग को पुलिस चयन बोर्ड के गठन का प्रस्ताव भेजा। गृह विभाग ने कुछ बिंदुओं पर आपत्ति ली है। वर्तमान में व्यापमं के चेयरमैन कोई आईएएस ही होता है , चयन बोर्ड का गठन होने वाले प्रस्ताव में चेयरमैन के लिए स्पेशल डीजी स्तर के आईपीएस का नाम प्रस्तावित किया गया है।बिहाइंड द कर्टन/सामान्य रेल डिब्बे में ही यात्रा करेंगे सीएम और मंत्री