सीएम राइज स्कूल… कलेक्टरों की मनमानी जारी

शिक्षकों को लगा दी चुनावी ड्यूटी, स्कूलों में बना दिए मतदान केन्द्र.

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। सूबे के कलेक्टर आला अफसर तो ठीक मुख्यमंत्री की सलाह तक को तबज्जो नहीं देते हैं। इसका बड़ा उदाहरण हैं सूबे के सीएम राइज स्कूल। दरअसल नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों में मतदान व मतगणना से इन स्कूलों को दूर रखने के निर्देश प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा द्वारा दिए गए थे। यही नहीं ऐसी ही सलाह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद दी थी।
इसके बाद भी कलेक्टरों ने न केवल इन स्कूलों के शिक्षकों की चुनावी ड्यूटी लगा दी , बल्कि कई जगह तो स्कूलों को ही मतदान केन्द्र तक बना दिया गया। इसकी वजह से अब इन स्कूलों में पढ़ाई लगभग बंद की स्थिति में पहुंच गई है। गौरतलब है की यह सीएम राइज स्कूल स्वयं मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। यही वजह है की इन स्कूलों में शिक्षा के लिए विश्व स्तरीय सुविधाओं को मुहैय्या कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में पौने तीन सौ सीएम राइज स्कूलों की शुरूआत 16 जून से की जा चुकी है। इसके बाद भी कलेक्टर मुख्यमंत्री की इस महत्वाकांक्षी योजना को कलेक्टरों द्वारा बट्टा लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है। इन स्कूलों को मतदान केन्द्र न बनाने के लिए स्वयं प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि शमी द्वारा पत्र लिखकर मनाही की गई थी। इसके बाद भी देवास जिले में एक्सीलेंस स्कूल को तो चुनाव के लिए लगभग पूरी तरह से ही अधिग्रहित कर लिया गया है। इसकी वजह से इस स्कूल में बच्चों की क्लास ही नहीं लग पा रही है। इनके तहत भोपाल में शासकीय बालक बैरसिया, हाईस्कूल बर्रई, गर्ल्स कमला नेहरू, गर्ल्स गोविंदपुरा, हायर सेकेंडरी स्कूल महात्मा गांधी, हायर सेकेंडरी स्कूल निशातपुरा व गर्ल्स स्कूल बरखेड़ी जहांगीराबाद का चयन किया गया है। खास बात यह है की यह पत्र चुनाव की घोषणा होने से पहले ही लिख दिया गया था। प्रमुख सचिव के जारी पत्र में कहा गया कि चुनाव को लेकर प्रदेश में तैयारियां शुरू हो गई है।
स्थानीय चुनाव में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाती है। शिक्षको को ड्यूटी लगाने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी। सीएम योजना के तहत प्रथम चरण में स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत 275 स्कूल चयनित किए गए है। शुरू के तीन माह में यह प्रयास किया जाना है कि विद्यालयों के लर्निंग लेबल में एक स्पष्ट सकारात्मक परिवर्तन हो। ऐसी स्थिति में यह सुनिश्चित किया जाना आवश्यक होगा द्याल में पठन-पाठन की प्रक्रिया किसी भी प्रकार से बाधित न हो। अत: चयनित सीएम इज स्कूलों पदस्थ अमले एवं भवन को समस्त प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त रखने के संबंध में सर्व संबंधियों को निर्देशित करना सुनिश्चत करें।
कलेक्टरों को फोन भी किए
सीएम राइज स्कूलों की पढ़ाई को लेकर प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि शमी ने दो बार जिला कलेक्टरों को पत्र लिखने के अलावा प्रमुख सचिव ने व्यक्तिगत रूप से कलेक्टरों को फोन भी किए। इसमें कहा गया कि सीएम राइज स्कूलों को मतदान केंद्र नहीं बनाया जाए। साथ ही इन स्कूलों के अमले को चुनावी कार्य से मुक्त रखा जाए। मुख्यमंत्री ने सीएम राइज स्कूलों के अमले को सिर्फ शैक्षणिक कार्य करवाने की बात कही थी। बावजूद इसके जिला कलेक्टरों ने प्रमुख सचिव रश्मि शमी के पत्र को कोई तवज्जो नहीं दी। राजधानी में ही सभी सीएम राइज स्कूलों को चुनाव के लिए मतदान केंद्र बना दिया गया है। इन स्कूलों के अमले की ड्यूटी भी चुनाव में लगा दी गई है। राजधानी के साथ ही प्रदेश के लगभग सभी जिलों में सीएम राइज स्कूलों को मतदान केंद्र बनाकर उनके अमले की चुनाव कार्य में ड्यूटी लगाई गई है।
प्राचार्य ने लिखा संचानालय को पत्र
देवास जिले में एक्सीलेंस स्कूल को चुनाव के लिए अधिारित कर लिया गया। स्कूल में हालात यह है कि यहां बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह बंद हो गई है। इसे लेकर देवास एक्सीलेंस स्कूल के प्राचार्य में आयुक्त लोक शिक्षण को पत्र लिख दिया। जिसमें कहा गया है कि बीते तीन साल से (विस उप निर्वाचन, लोकसभा उप निर्वाचन व पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव के कारण स्कूल को अधिस्तिका लिया जाता है। जिससे स्कूल में बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पाती है। ऐसे में प्रतिभाशाली बच्चे स्कूल में नहीं पढ़ पा रहे है।