मध्यप्रदेश भाजपा के नए मार्गदर्शक मंडल में होंगे विधानसभा स्पीकर, मंत्री भार्गव, बिसाहुलाल और कई विधायक
भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। गुजरात में भाजपा को मिली ऐतिहासिक जीत के बाद मप्र में भी गुजरात मॉडल लागू करने की मांग उठ रही है। लेकिन मप्र भाजपा सूत्रों का कहना है की भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा प्रदेश में अपना एक अलग मॉडल बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। इसके तहत संगठन की ही तरह चुनावी मोर्च पर युवाओं को लड़ाया जाएगा। वहीं उम्रदराज नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में शामिल किया जाएगा।
ये नेता पार्टी की रणनीति बनाने से लेकर सत्ता और संगठन को सुझाव भी देंगे। गौरतलब है कि मप्र शुरू से ही संघ, जनसंघ और भाजपा की प्रयोगशाला रहा है। अब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा मिशन 2023 के लिए एक प्रयोग करने जा रहे हैं। जिस तरह वीडी शर्मा ने संगठन में युवाओं को महत्वपूर्ण पद देकर मप्र के भाजपा संगठन को देश का सबसे युवा और सक्रिय संगठन बनाया है, उसी तरह मिशन 2023 के चुनावी मैदान में युवा नेताओं को टिकट देने का प्लान बनाया है। इस प्लान के लिए 70 प्लस का फॉमूर्ला लागू किया जाएगा। यानी 70 साल पार वाले नेताओं को टिकट नहीं दिया जाएगा। इस फॉमूर्ला के लागू होने से विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम, दो कैबिनेट मंत्री और पार्टी के लगभग 13 विधायकों को अगले साल होने वाले चुनाव में टिकट नहीं मिलेगा।
परिवारवाद के कारण राजनैतिक संकट
मप्र में 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 200 पार का नारा दिया है। कटनी में भाजपा प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में भाजपा ने 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए अबकी बार-दो सौ पार के लक्ष्य के साथ 200 से अधिक सीटें जीतने का संकल्प लिया। भाजपा 200 पार के लक्ष्य को हासिल करने के लिए विधानसभा चुनाव में नए और युवा चेहरों को मौका देने की तैयारी में है। मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि नौजवानों को अवसर देने का काम भारतीय जनता पार्टी करती है। मध्यप्रदेश में भी 2023 के चुनाव में भी नए लोगों को अवसर मिलेंगे। अब बार 200 पार के नारे के साथ इस दिशा में भाजपा रणनीतिक रूप से आगे बढ़ेगी। इसके लिए भाजपा ने उम्रदराज नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में रखने की रणनीति बनाई है। लेकिन उम्रदराज नेताओं को इस बात का डर सता रहा है कि अगर वे मार्गदर्शक मंडल में शामिल हो गए तो उनके परिजन बेरोजगार हो जाएंगे। गौरतलब है कि आगामी चुनाव के लिए भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा के बेटे तुष्मुल झा, लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव, पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन की बेटी मौसम बिसेन, जयंत मलैया के पुत्र सिद्धार्थ मलैया, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के पुत्र मंदार महाजन, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्व. नंदकुमार सिंह चौहान के पुत्र हर्षवर्धन सिंह, पूर्व मंत्री गौरीशंकर शेजवार के पुत्र मुदित शेजवार भी टिकट के दावेदारों में से एक है। इन युवा दावेदारों के अभिभावकों को यह डर सता रहा है कि उनका सक्रिय राजनीति से अलग होते ही उनके परिजनों को भी दरकिनार कर दिया जाएगा।
टिकट का मापदंड फिक्स
भाजपा सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने टिकट देने के लिए एक फॉर्मूला तय कर रखा है। इसके तहत 70 साल से अधिक की उम्र के नेताओं को टिकट नहीं देने का मापदंड फिक्स है। ऐसे में मंत्री गोपाल भार्गव और कांग्रेस से भाजपा में आए बिसाहूलाल साहू भी टिकट के हकदार नहीं हैं। ये दोनों शिव सरकार में उम्रदराज मंत्री हैं। ये आगामी चुनाव में टिकट के दावेदार भी हैं। अगले चुनाव तक जो विधायक 70 पार के होंगे ,उनमें विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम, अजय विश्नोई, गौरीशंकर बिसेन, सीतासरण शर्मा, गोपीलाल जाटव, नागेंद्र सिंह नागौद, श्यामलाल द्विवेदी, नागेंद्र सिंह गुढ़, रामलल्लू वैश्य, जयसिंह मरावी, प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा, महेंद्र सिंह हार्डिया, पारस जैन, देवीलाल धाकड़ आदि हैं। इनके अलावा प्रभात झा, अनूप मिश्रा, गौरीशंकर शेजावर, जयंत मलैया, उमाशंकर गुप्ता, रघुनंदन शर्मा, हिम्मत कोठारी, कैलाश चावला, बिजेंद्र सिसोदिया, अर्चना चिटनिस, सुमित्रा महाजन, सुधा मलैया आदि के नाम भी इसमें शामिल होने की संभावना है।
चुनाव हार गए थे कई उम्रदराज
2018 में भाजपा ने कई 70 पार वाले विधायकों को टिकट दिया था, जिसमें से कई नेता चुनाव में हार चुके हैं, लेकिन वे एक बार फिर दावेदारी कर रहे हैं। इनमें उमाशंकर गुप्ता, रामकृष्ण कुसमारिया, हिम्मत कोठारी और रुस्तम सिंह शामिल हैं। हाल ही में विस चुनाव के परिणामों में भी इस फॉर्मूर्ल का गहरा असर पड़ा है। ऐसे में अब मप्र के दिग्गज नेताओं को चुनावी मैदान से बाहर होने का डर सताने लगा है। बीते चुनाव में भाजपा-कांग्रेस ने 70 या इससे अधिक उम्र वाले 9 नेताओं को टिकट दिया था, जिसमें से सिर्फ 4 को जीत मिली थी।