विधायकों से मांगे जा चुके हैं विकास कामों के प्रस्ताव …
भोपाल/मंगल भारत। चुनावी वर्ष में सरकार का पूरा फोकस विकास पर है। सरकार की कोशिश है कि इस साल विकास कार्यों को अमलीजामा पहुंचाया जाए। इसके लिए सरकार ने 800 करोड़ रुपए मंजूर किया है। इस बजट से मंत्रियों, विधायकों की मंशानुसार कार्य कराए जाएंग। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूर्व में भाजपा के सभी विधायकों से उनके क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए प्रस्ताव मांगे गए थे। इसको दृष्टिगत रखते हुए कैबिनेट ने राशि मंजूर की है।
नगरीय निकायों में अधोसंरचना निर्माण योजना की स्वीकृति के लिए योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना की अवधि 2022-23 और 2023-24 दो वर्ष रहेगी। योजना के अंतर्गत कुल 800 करोड़ रुपए का व्यय रहेगा। इसमें 2022-23 के लिए 200 करोड़ रुपए बजट का प्रावधान है। बाकी 600 करोड़ रुपए का प्रावधान भी कैबिनेट ने किया है।
घोषणाएं और विधायकों की मांगें होंगी पूरी
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार ने मुख्यमंत्री नगरीय क्षेत्र अधोसंरचना निर्माण योजना का नया बजट प्रावधान किया है, जो वर्ष 2022-23 व 23-24 के लिए 800 करोड़ रुपए होगा। इससे मुख्यमंत्री और मंत्रियों की घोषणाएं तो पूरी होंगी ही, विधायकों द्वारा सीएम के साथ वन-टू-वन में बताए काम भी किए जाएंगे। ये ज्यादातर काम सडक़ों, सामुदायिक भवन, पार्क व नालियों के हैं। वर्ष 2022-23 के लिए इस मद में 200 करोड़ रुपए रखे गए थे, लेकिन विधायकों की लिस्ट के बाद लागत 388 करोड़ रुपए हो गई। लिहाजा कैबिनेट ने स्कीम को 2022-23 के साथ 2023-24 के लिए भी लागू कर दिया। दोनों साल 400-400 करोड़ की राशि निर्धारित रहेगी।
माननीयों के क्षेत्र की सडक़ें होंगी चकाचक
भाजपा 2023 के विधानसभा चुनाव में विकास को मुख्य मुद्दा बनाएगी। इसलिए सरकार का फोकस विकास योजनाओं पर है। इसी के तहत सरकार प्रदेश में ग्रामीण सडक़ों का निर्माण कराने जा रही है। इसके लिए भाजपा विधायकों से एक बार फिर से उनके विधानसभा क्षेत्र में सडक़ों के निर्माण का प्रस्ताव मांगा गया था। पहली बार जब माननीयों से सडक़ों के निर्माण का प्रस्ताव मांगा गया था तो अधिकांश भाजपा विधायकों ने सरकार को प्रस्ताव भेजा था। सडक़ों को विकास का प्रतीक माना जाता है। लेकिन मप्र के माननीयों पर विकास का भूत कुछ इस कदर सवाल हुआ है कि वे बिना सोचे-समझे सडक़ निर्माण की घोषणा कर देते हैं। यही नहीं सडक़ों के निर्माण के लिए वे सरकार पर दबाव बनाते हैं। इस साल अधोसंरचनात्मक विकास पर विशेष फोकस किया गया है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार ने एक बार फिर भाजपा विधायकों से अपने क्षेत्र के विकास के लिए 15 करोड़ तक के प्रस्ताव मांगे थे। इसके पहले भी 20 करोड़ तक के प्रपोजल लिए गए थे। इनमें 2,200 किलोमीटर तक की सडक़ें और 21 बड़े पुल राज्य बजट में शामिल हुए हैं। भाजपा सरकार ने वर्ष 2022-23 के बजट में विधायकों के क्षेत्रीय कामों को शामिल करने के लिए 20 करोड़ रुपए की लागत तक के प्रस्ताव मांगे थे। जिन विधायकों के काम बजट में शामिल नहीं हुए थे उन्हें अनुपूरक बजट में शामिल करने का भरोसा मिला था।
ब्याज राशि पर 2 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान
आजीविका मिशन और शहरी आजीविका मिशन में महिला स्वयं सहायता मिशन के महिला स्वयं सहायता समूह की 3 लाख रुपए तक के बैंक की ऋण की राशि पर अतिरिक्त 2 प्रतिशत राशि की पूर्ति की जाएगी। यह अभी 3 प्रतिशत सरकार देती थी। जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों की उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करने के लिए विशिष्ट आवासीय विद्यालयों, कन्या शिक्षा परिसरों तथा आदर्श आवासीय विद्यालयों को निजी सहभागिता संचालन के लिए अनुमोदन किया गया है। वहीं, कैबिनेट ने प्राथमिक शाला संविदा शिक्षक को प्रयोगशाला सहायक के रूप में प्रतिस्थापित किए जाने को स्वीकृति दी है। इससे अनुकंपा नियुक्ति में आ रही दिक्कतें दूर होगी। वहीं, महत्वपूर्ण सडक़ों के बारे में भी निर्णय लिये गए है। इसमें नर्मदापुरम में लगभग 150 करोड़ रुपए के फोरलेन मार्ग को स्वीकृति दी गई। सिवनी में 108 करोड रुपए की सडक़ों की स्वीकृति दी गई। सीहोर जिले के में 121 करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति की गई।