बड़े नेताओं को संगठन महामंत्री ने दी समन्वय बनाने की ।
मंगल भारत।मनीष द्विवेदी।मध्यप्रदेश में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अब पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व हर हाल में सत्ता व संगठन में पूरी तरह से समन्वय चाहता है। उसकी मंशा पूरी तरह से मैदानी स्तर तक बेहतर समन्वय की है। यही वजह है कि बीते रोज जब दिल्ली में भाजपा की बैठक हुई तो उसमें समन्वय को लेकर नसीहत का डोज दिया गया। इस बैठक की खास बात यह है कि इसमें बुलाया तो सभी मंत्रियों और विधायकों के साथ ही प्रदेश के सभी बड़े नेताओं को था , लेकिन 90 फीसदी विधायक तो पहुंचे ही नहीं साथ ही आधा दर्जन मंत्री भी नदारत रहे। जो मंत्री इस बैठक में नहीं पहुंचे उनमें मोहन यादव, इंदर सिंह परमार, बिसाहूलाल सिंह, महेंद्र सिंह सिसोदिया, बृजेंद्र सिंह यादव और यशोधरा राजे के नाम शामिल है। यह बात अलग है कि यशोधरा राजे खेलो इंडिया गेम्स के कारण बैठक में शामिल नहीं हो सकीं। बैठक ले रहे पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने प्रदेश के सभी शीर्ष नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि चुनाव नजदीक है। इसलिए ऊपर के नेता आपस में को-आर्डिनेशन बनाएं। समन्वय ऊपर होगा तो वह नीचे तक अपने आप बनता चला जाएगा। यही नहीं उन्होंने कहा कि वैसे भी महत्वाकांक्षा बड़े नेताओं में ही होती है, बूथ पर काम करने वाले कार्यकर्ता में नहीं होती। उन्होंने मप्र के केंद्रीय मंत्रियों, प्रदेश के मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, जिला-जनपद पंचायत अध्यक्षों के लिए कहा कि सभी को एक पन्ने पर आना होगा। यानी सभी जब एक साथ दिखाई देंगे तो मैसेज नीचे तक जाएगा। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रहलाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते और वीरेंद्र खटीक मौजूद रहे।
इस तरह के हालात
बीतेे साल मई महीने में मुरैना में बीजेपी कार्यकर्ताओं और सिंधिया समर्थकों के बीच विवाद सामने आया था। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मुरैना दौरे पर थे। इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष योगेश पाल गुप्ता और सिंधिया समर्थक हरिओम शर्मा के बीच विवाद हो गया। दोनों के बीच धक्का-मुक्की तक हो गई थी। दिमनी में गिर्राज दंडौतिया की पुराने भाजपाइयों से पटरी नहीं बैठ रही। दंडोतिया के सामने शिवमंगल सिंह तोमर टिकट की दावेदारी जता रहे हैं। वहीं, केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेंद्र सिंह तोमर भी तैयारी में जुटे हैं। दिमनी में सिंधिया समर्थक गिर्राज और तोमर समर्थकों के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा। बीजेपी में शामिल होने के बाद इमरती देवी उपचुनाव में डबरा से हार गईं। पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में इमरती देवी ने डबरा-भितरवार जनपद, डबरा और पिछोर नगर परिषद में समर्थक प्रत्याशी को अध्यक्ष बनवाकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के साथ शीतयुद्ध को और हवा दे दी। मंदसौर के सुवासरा से कांग्रेस विधायक रहे हरदीप सिंह डंग समर्थकों की बात ज्यादा मानी जाने से भाजपा के पुराने कार्यकर्ता नाराज हैं। उनके बीजेपी के पूर्व विधायक राधेश्याम पाटीदार से भी रिश्ते अच्छे नहीं हैं। कई बार सरकार और दूसरे आयोजनों में आमंत्रण पत्र से राधेश्याम पाटीदार का नाम तक हटा दिया जाता है। उन्हें मंच पर भी जगह नहीं दी जाती है।
इसलिए देनी पड़ी नसीहत
दरअसल प्रदेश में संगठन व सत्ता के बीच बेहतर समन्वय न होने की समय -समय पर खबरें आती रहती है। यही नहीं कई जिलों में संगठन व स्थानीय विधायकों के बीच पटरी नहीं बैठ रही है, जिसकी वजह से पार्टी को नगरीय निकाय चुनाव में खामियाजा भुगतना पड़ा है। यही वजह है कि बीएल संतोष को इस मामले में नसीहत देनी पड़ रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह है वह नेता जो कांग्रेस से भाजपा में आए हैं। इन नेताओं के कारण भाजपा के उन नेताओं का राजनीतिक वर्चस्व संकट में पड़ गया, जिनका अपने क्षेत्र में एकतरफा राज था। इसका सबसे बड़ा उदाहरण पूर्व स्वास्थ्य मंत्री व भाजपा के बड़े नेता डॉ. गौरीशंकर शेजवार हैं। रायसेन जिले के सांची से स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी और डॉ. शेजवार एक-दूसरे के खिलाफ छह चुनाव लड़ चुके हैं। अब प्रभुराम चौधरी और शेजवार एक ही पार्टी में हैं। चौधरी मंत्री हैं और शेजवार हाशिए पर। इसी तरह से सागर में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ भाजपा के ही एक पूर्व नेता पीछे पड़े हैं। उन्होंने राजपूत के खिलाफ शिकायतों का अंबार लगा दिया है। खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह से भाजपा के पुराने कार्यकर्ता नाराज हैं। अपनी ही सरकार के खिलाफ कई बार पार्टी के कार्यकर्ता अनशन पर बैठ चुके हैं। हाटपीपल्या (देवास) में पूर्व मंत्री दीपक जोशी की छटपटाहट उनके द्वारा लिखी गई चिट्ठी में साफ नजर आती है। उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में आवास योजना में घोटाले के गंभीर आरोप लगाए हैं। यही नहीं जो दलबदल करने वाले विधायक उप चुनाव में हार चुके हैं , वे फिर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।इनमें विधानसभा चुनाव के लिए रघुराज फिर से दावेदारी कर रहे हैं, लेकिन पार्टी के अंदर उनका विरोध हो रहा है। बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह भी मुरैना से चुनाव लडऩे की तैयारी में हैं।
दी गई विकास यात्रा की जानकारी
बैठक मेें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने विकास यात्रा के बारे में पूरी जानकारी दी। जिसमें बताया गया कि विधानसभा वार विकास यात्रा निकलेगी। सबसे आगे विकास – पताका ध्वज होगा। उपलब्धियों के बैनर – फ्लेक्स होंगे। रथ रहेगा, जिसमें माइक सिस्टम, आडियो-विजुअल सुविधा रहेगी। मुख्यमंत्री का रिकॉर्डेड संदेश प्रसारित होगा। यात्रा हर गांव व वार्ड तक पहुंच जाए। नुक्कड़ सभा व दीवार लेखन होगा। मंजूर हुए काम और पूरे हो चुके कार्यों का शिलान्यास व लोकार्पण होगा। केंद्र व राज्य की बीमा योजनाओं से मौके पर ही जोड़ा जाएगा। नागरिकों, किसानों, मजदूरों, विद्यार्थियों, महिलाओं, स्वसहायता समूहों के अच्छे कामों की चर्चा की जाएगी। इसके अलावा पौधरोपण, स्वच्छता के काम, लोकप्रिय खेलों का आयोजन, धार्मिक स्थलों का भ्रमण, शहीदों की प्रतिमा पर माल्यार्पण, स्वतंत्रता सेनानी, मीसा बंदी, वरिष्ठ नागरिक और अच्छे काम करने वाले युवाओं का सम्मान यात्रा के दौरान किया जाएगा।