भोपाल/मंगल भारत। चुनावी साल में प्रदेश की एक तिहाई
महिलाओं की किस्मत खुलने जा रही है। इन महिलाओं को प्रदेश की शिवराज सरकार हर साल 12 हजार रुपए की मदद देने जा रही है। यह मदद लाडली बहना योजना के रुप में दी जाएगी। यानि की महिलाओं को हर माह एक हजार रुपए मिलेंगे। इस योजना की मुख्यमंत्री द्वारा पहले ही घोषणा की जा चुकी है। इस योजना का लाभ महिलाओं को इस साल जून माह से मिलना प्रारंभ हो जाएगा। लाडली योजना में गरीब, निम्न और मध्यम वर्ग की महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपए दिए जाएंगे। यह राशि उनके बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाएगी। योजना के लिए मार्च से फॉर्म भरे जाएंगे। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार शासन ने योजना के क्रियान्वयन के लिए तैयारियां की जा रही हैं। 5 मार्च से पहले योजना को कैबिनेट से मंजूर भी कराना होगा। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की अध्यक्षता में हाल ही में मंत्रालय में हुई बैठक में योजना की रूपरेखा पर चर्चा भी की जा चुकी है। योजना में महिला हितग्राहियों का चयन सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती मानी जा रही है। योजना में करीब एक करोड़ महिलाओं को शामिल किया जाना है, जबकि प्रदेश में 18 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं की संख्या करीब पौने तीन करोड़ के आसपास है। इस योजना का लाभ उन महिलाओं को नहीं मिलेगा जिनके पति या पत्नी सरकारी नौकरी में हैं। यही नहीं जिनके परिजन चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं या फिर जिन्हें अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है, वे भी अपात्र मानी जाएंगी।
मार्च से लिए जाएंगे आवेदन
लाडली बहना योजना के फार्म 5 मार्च से भरना चालू हो जाएंगे। अप्रैल में फार्म भरने का काम पूरा हो जाएगा। इसके लिए गांव-गांव में आवेदन भरवाएं जाएंगे। मई में सूची बनाने का काम पूरा किया जाना है जिसके बाद जून से खाते में पैसे आना शुरु हो जाएंगे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने पहले महिला दिवस आठ मार्च से फार्म भरवाने की घोषणा की थी।
खजाने पर आएगा हर साल 12 हजार करोड़ का भार
इस योजना पर हर साल करीब 12 हजार करोड़ रुपए का भार आएगा। इस तरह पांच साल में 60 हजार करोड़ रुपए योजना के क्रियान्वयन पर खर्च होंगे। महिला-बाल विकास विभाग का पिछले साल का बजट पांच हजार करोड़ रुपए था। आर्थिक तंगी से जूझ रही सरकार के लिए योजना के लिए भारी-भरकम राशि जुटाना कठिन माना जा रहा है। सूत्रों का कहना हैै कि इस योजना की वजह से अब महिला बाल विकास विभाग का बजट पांच हजार करोड़ से बढ़ाकर अठारह हजार करोड़ करना होगा।