हिंसा की शिकार महिलाएं अब बनेंगी आत्मनिर्भर

भोपाल पुलिस मल्टी नेशनल कंपनी में दिलाएगी नौकरी…

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। इंदौर में अपने नवाचारों के कारण वहां के लोगों के दिल में जगह बनाने वाले पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र भोपाल में कमान संभालते ही अब यहां नए-नए प्रयोग करने में जुट गए हैं। पहला प्रयोग हिंसा की शिकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में किया जा रहा है। नए पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र द्वारा यह प्रयोग इंदौर पुलिस कमिश्नर रहते हुए किया गया था जो काफी सफल रहा। भोपाल पुलिस घरेलू हिंसा एवं अन्य अपराध का शिकार महिलाओं- युवतियों एवं किशोरियों को पुलिस प्रोफेशनल ट्रेनिंग देगी और उन्हें निजी कंपनियों में जॉब प्लेसमेंट भी दिलाएगी। शहर के 38 थाना क्षेत्रों में यह मुहिम चलाकर ऐसे मामले चिन्हित किए जाएंगे ,जिसमें अपराध का शिकार होने के बाद महिला किशोरी एवं युवती को मदद की आवश्यकता है। पुलिस ऐसे मामलों को चिन्हित कर जॉब ओरिएंटेड ट्रेनिंग प्रोग्राम से जोड़कर इन महिलाओं, किशोरी युवतियों की सहायता करेगी। प्राइवेट कंपनियों में नौकरी दिलवाने में भी अधिकारी गारंटर बनकर मदद करेंगे।
थाना प्रभारियों से लिया फीडबैक
शहर के थाना प्रभारियों की बैठक लेकर नए पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने महिलाओं, बुजुर्गों, किशोर एवं बालकों पर होने वाले अपराध की जानकारी ली है। थाना प्रभारियों से कहा गया है कि घरेलू हिंसा के शिकार मामलों में पीड़ित पक्ष को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें प्रेरित करने का काम किया जाए। समय-समय पर थाने की पुलिस महिलाओं, किशोरी, युवतियों से पूछ परख लेकर संभव सहायता भी करें। अपराध का शिकार महिलाओं किशोरियों की सहायता करने उन्हें प्रोफेशनल ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए निजी क्षेत्र में काम करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं की सहायता ली जाएगी।
यह संस्थाएं ही अपने द्वारा प्रशिक्षित महिलाओं एवं किशोरियों को निजी कंपनियों में नौकरी लगवाने में सहायता करेंगी। भोपाल पुलिस के अधिकारी जॉब हासिल करने वाली महिलाओं एवं किशोरी एवं युवतियों की गारंटी लेंगे। पुलिस कमिश्नर भोपाल हरिनारायणचारी मिश्र का कहना है कि पुलिस का प्रयास है कि हिंसा का शिकार महिला वर्ग आत्मनिर्भर बन सके। इंदौर में ये प्रयोग सफल रहा। यहां भी प्रोफेशनल ट्रेनिंग एवं जॉब प्लेसमेंट प्रोग्राम लागू कर रहे हैं।
बुजुर्गों की देखरेख करेगी पुलिस
बाबा आप ठीक हो। दादी आपको कोई बीमारी तो नहीं है। कोई परेशान तो नहीं करता है। पुलिस की टीम अब अपने क्षेत्रों के बुजुर्गों के घर कुछ इसी अंदाज में दस्तक देकर उनकी खास देखभाल करेगी। इसके लिए महिला थाने में नई एकल खिड़की शुरू की गई है। इससे अकेले रहने वाले बुजुर्ग लोगों या अकेली महिलाओं को यह महसूस कराना है कि उनकी देखभाल करने वाला कोई है। एकल माता-पिता, कामकाजी महिला या अकेली छात्रा इसमें पंजीकरण कराती हैं, तो शहर पुलिस के नामित पुलिसकर्मी अक्सर जांच करने के लिए उनके अधिकार क्षेत्र में उनके घरों का दौरा करेंगे।