पहले मौसम की मार, अब गेहूं सुखाकर लाने का फरमान.
भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी।
मप्र में जहां हालिया बारिश ने किसानों की परेशानियों को बढ़ा दिया है, वहीं गेहूं खरीदी प्रक्रिया स्थगित होने से किसान मुसीबत में पड़ गया है। इसकी वजह है किसान अपने अनाज को लेकर मंडियों में पहुंच गए थे, लेकिन अचानक से 31 मार्च तक गेहूं की खरीदी बंद कर दी गई। किसानों से कहा गया है कि वे अपना गेहूं सुखाकर लाएं। इस फरमान से किसानों में बेहद आक्रोश है। उनका कहना है कि सरकार ने हमारी परेशानी को ध्यान में नहीं रखा है। उधर सरकार का कहना है समर्थन मूल्य पर नमीयुक्त अमानक गेहूं विक्रय के लिए पहुंच रहा है।
गौरतलब है कि प्रदेश के कई जिलों में गत दिनों असामयिक वर्षा के कारण अनेक जगह गेहूं की फसल हवा आंधी में आड़ी होने के साथ ही बारिश से भीग गई थी। किसानों ने जैसे-तैसे अपनी फसल को खेतों से काटकर खलियानों में एकत्रित किया और समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए समर्थन मूल्य खरीदी केंद्रों पर पहुंचे, लेकिन किसानों के सामने एक बार फिर से समस्या खड़ी हो गई। शासन ने प्रदेश के 23 जिलों में गेहूं खरीदी स्थगित कर दिया है। इस कारण किसान मंडी से वापस लौट रहे हैं।
गेहूं में नमी की मात्रा अधिक
शासन का कहना है कि गेहूं में नमी की मात्रा बढ़ जाने से उपार्जन केंद्रों पर समर्थन मूल्य पर नमीयुक्त अमानक गेहूं विक्रय के लिए पहुंच रहा है। इसके कारण भारत सरकार द्वारा निर्धारित एफएक्यू गुणवत्ता के गेहूं की खरीदी संभव नहीं हो पा रही है। किसानों को अपने गेहूं को सुखाकर गेहूं विक्रय का अवसर प्रदान करने के लिए सरकार ने इंदौर, भोपाल, उज्जैन और नर्मदापुरम संभाग में गेहूं की खरीदी स्थगित किया है। इस संबंध में जारी आदेश के अनुसार 28 मार्च से 31 मार्च तक गेहूं की खरीदी स्थगित की गई है। ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत किसानों द्वारा इस अवधि में गेहूं विक्रय के लिए किए गए स्लॉट बुकिंग को निरस्त किया गया है। किसानों द्वारा सुविधा अनुसार पुन: स्लॉट बुकिंग की जा सकती है।
70 लाख मीट्रिक टन होगी गेहूं खरीदी
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में 25 मार्च से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू की गई थी, जिसे अब स्थगित कर दिया है। देश में गेहूं उत्पादन और सरकारी स्टॉक में गेहूं देने के मामले में मध्यप्रदेश का दूसरा स्थान है। पहले स्थान पर पंजाब का नाम आता है। इस बार भी मध्यप्रदेश में गेहूं के बंपर उत्पादन की संभावना थी, लेकिन मौसम की मार की वजह से उत्पादन प्रभावित होना शुरू हो गया था। मध्यप्रदेश में इस बार 15 लाख किसानों ने गेहूं की बिक्री के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। एक अनुमान के मुताबिक इस बार 70 लाख मीट्रिक टन गेहूं की मूल्य पर गेहूं खरीदी का सरकारी खरीद होने की संभावना है। प्रदेश का खाद्य वितरण निगम न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से गेहूं की खरीदी है। पिछले साल मध्यप्रदेश में मात्र 46 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। उससे पहले फसल आड़ी हो गई है। 2020-21 में यह खरीद रिकॉर्ड 113 लाख टन पर पहुंच गई थी। इस सीजन में गेहूं का एमएसपी 2125 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित है। इस बार प्रदेश के कई जिलों में गेहूं की फसल ओले और बारिश से बर्बाद हो गई। इसका असर उपज पर पड़ेगा। इससे समर्थन आंकड़ा भी इस बार कम हो सकता है। कई जिलों में पकी फसल पानी में गीले तक हो गई है।
खरीदी केंद्र दूर होने से किसान परेशान
विदिशा जिले में ग्रामीण इलाकों में समर्थन मूल्य खरीदी केंद्र दूसरे गांव में बनाए जाने से नाराज किसानों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। किसानों ने गांव में ही समर्थन मूल्य खरीदी केंद्र बनाए जाने की मांग की है। जिले में सोमवार से खरीदी केंद्र शुरू हो गए थे। फिर अचानक बंद खरीदी बंद कर दी गई। प्रशासन ने 201 खरीदी केंद्र बनाए हैं, लेकिन खरीदी केंद्रों को लेकर किसानों की नाराजगी सामने आने लगी है। सोमवार को आसपास के ग्रामीण अंचल के कई किसान अपनी मांग को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां उन्होंने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। ग्रामीणों ने बताया कि कई सालों तक अहमदनगर में उपार्जन खरीदी केंद्र बनता आ रहा था। पिछले साल अधिकारियों ने गांव में वेयर हाउस नहीं होने के कारण खरीदी केंद्र सतपाड़ा गांव में कर दिया थाए और हमसे कहा था कि गांव में वेयर हाउस नहीं है, इसलिए खरीदी केंद्र बदल गया है, ओले गिरने से गेहूं की जबकि इस साल गांव में एक वेटार हाउस भी बनकर तैयार हो गया है। फिर भी कुछ जिलों में तो गेहूं की समर्थन मूल्य खरीदी केंद्र गांव से 10 किलोमीटर दूर बनाया गया। इससे लगभग 500 से ज्यादा किसान परेशान होंगे।
एक अप्रैल से दोबारा शुरू होगी खरीदी
समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन 31 मार्च तक के लिए स्थगित किया गया है। 1 अप्रैल से दोबारा खरीदी शुरू होगी। खरीदी स्थगित करने के पीछे की वजह प्रदेश के अधिकांश जिलों में गेहूं की खड़ी फसल पर बेमौसम बारिश हो जाना है। जिस वजह से गेहूं में नमी की मात्रा बढ़ गई। जिलों में उपार्जन केन्द्रों पर समर्थन मूल्य पर नमीयुक्त अमानक गेहूं विक्रय के लिए पहुंच रहा है। जिसके फलस्वरूप उपार्जन केन्द्रों पर भारत सरकार द्वारा निर्धारित एफएक्यू गुणवत्ता के गेहूं की खरीदी संभव नहीं हो पा रही है। नर्मदापुरम की जिला आपूर्ति नियंत्रक ज्योति जैन ने बताया कि किसानों को अपनी गेहूं को सुखाकर निर्धारित नमी मात्रा अनुसार गेहूं विक्रय करने का अवसर प्रदान करने की दृष्टि से संभाग के जिलों में 28 मार्च से 31 मार्च तक गेहूं उपार्जन कार्य स्थगित किया गया है। ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत किसानों द्वारा इस अवधि में गेहूं विक्रय के लिए किए गए स्लॉट बुकिंग को भी निरस्त किया गया है। 1 अप्रैल से खरीदी शुरू होगी। जिसके लिए किसानों को दोबारा स्लॉट की बुकिंग करना होगी। बता दे नर्मदापुरम, हरदा, बैतूल में 25 मार्च से खरीदी शुरू हुई। लेकिन बारिश की वजह से नमी वाला गेहूं आने से खरीदी केंद्र को स्थगित किया गया है।