भूमाफियाओं ने सैकड़ों पीडि़तों का मारा हक

भोपाल/मंगल भारत। सहकारिता समितियों में सदस्य बनने के

बाद भी 30 प्रतिशत लोगों को अब तक प्लॉट नहीं मिल सके हैं। इसके लिए उन्हें सहकारिता विभाग कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। यह ऐसे लोग हैं, जिन्होंने अपनी जमा पूंजी प्लॉट खरीदने के लिए समिति में जमा कर दी थी और सबसे पहले सदस्यता ली थी। इसके बाद भी इन सदस्यों को दरकिनार कर गैर सदस्यों और बिल्डरों को प्लॉट बेच दिए गए। वहीं जो जमीनें बची हैं उन पर सरकारी एजेंसियों का कब्जा है।
शहर की गौरव गृह निर्माण, महाकाली, आदर्श गृह निर्माण, गुलाबी, हिलटॉप, निजामुद्दीन गृह निर्माण, बसंत हाउसिंग सोसायटी, समन्वय, भेल कर्मचारी सहित ऐसी ही चार दर्जन से ज्यादा सोसायटियों के कई भू माफिया हैं, जो सैकड़ों पीडि़तों का हक मारे बैठे हैं। पीडि़त रोजाना सहकारिता विभाग में शिकायतें लेकर जाते हैं, लेकिन कार्रवाई कागजों में ही होती है। बता दें कि करीब डेढ़ साल पहले मुख्यमंत्री ने सहकारिता विभाग को फर्जीवाड़ा करने वाली सोसायटियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
जमीनों पर सरकारी एजेंसियों का कब्जा
गौरतलब है कि राजधानी में लोगों को कम कीमत पर प्लॉट उपलब्ध कराने के लिए हाउसिंग सोसायटियों का गठन किया गया। यहां प्लॉट की आस में हजारों लोगों ने सोसायटी की सदस्यता ले ली। इसके लिए उन्होंने राशि भी जमा की, लेकिन उन्हें प्लॉट सालों बाद भी नहीं मिल सके। कारण है कि गृह निर्माण समितियों की जमीनों पर निजी उपक्रमों से लेकर सरकारी एजेंसियों के कब्जे हैं। इसे लेकर शिकायतें तो खूब हुई, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। दरअसल, राजधानी की 128 हाउसिंग सोसायटियों की करीब 1300 से अधिक शिकायतें गत तीन सालों में जांच के लिए सहकारिता विभाग में आ चुकी हैं। इन शिकायतों की जांच सहकारिता विभाग द्वारा की गई हैं। जानकारी के अनुसार प्रगति गृह निर्माण समिति की कोहेफिजा कॉलोनी में 100 काटे गये। मप्र गृह निर्माण बोर्ड ने इसमें से 83 प्लॉटों का आवंटन 1979 में किया। बचे हुए 17 में से 11 प्लाटों पर वर्ष 2000 में नगर निगम भोपाल ने सद्भावना पार्क बना डाला, जबकि 6 प्लॉटों की जमीन पर झुग्गियां तनी हुई हैं।
अब नगर निगम इस जमीन को वापस नहीं कर रहा है। हिलटॉप गृह निर्माण समिति की 5 एकड़ जमीन है। इसमें आधे एकड़ से अधिक पर नगर निगम ने शेल्टर होम बना दिया है। वहीं कुछ भूमि पर पर झुग्गियां बनी हुई है। समिति के सभी सदस्यों को अभी भी प्लॉट मिलने का इंतजार है। रोहित गृह निर्माण समिति की 8.30 एकड़ जमीन पर बीडीए ने कब्जा कर रखा है। जमीन समिति को वापस लौटाने के लिए पूर्व में कई बार बीडीए को पत्र लिखे गये। वर्ष 2020 में बीडीए ने 8.30 एकड़ जमीन में से केवल 0.77 डेसीमल जमीन को वापस देने की बात कही है। वर्तमान में समिति के 330 सदस्य प्लॉट से वंचित हैं।