जेल अधीक्षक की बेटी भी गिरफ्तार.
केंद्रीय जेल भैरवगढ़ के कर्मचारियों के भविष्य निधि खातों से 13.50 करोड़ रुपये डकारने के मामले में पुलिस ने जेल अधीक्षक उषा राज की बेटी उत्कर्षणी को भी भोपाल से गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ के लिए उसे रिमांड पर लिया गया है। उस पर आरोप है कि वह तलाशी अभियान के पहले आवास से नकदी और सोना चांदी लेकर चली गई थी। यही नहीं उस पर अन्य कई तरह के आरोप लग रहे हैं। दरअसल पुलिस ने जेल अधीक्षक के बैंक लाकर से तीन किलो सोना तथा तीन किलो चांदी बरामद की थी। उषा राज की बेटी के भी गबन कांड में शामिल होने के शक में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है। बता दें कि केंद्रीय जेल भैरवगढ़ के 68 कर्मचारियों के भविष्य निधि खातों से जेल के सहायक लेखा अधिकारी रिपुदमन सिंह, धर्मेंद्र लोधी, शैलेंद्र सिंह सिकरवार ने 13.50 करोड़ रुपये निकाल लिए थे। रिपुदमन ने जेल अधीक्षक उषा राज के आइडी व पासवर्ड का उपयोग कर गबन कांड को अंजाम दिया था।
कांग्रेस विधायक और उनके दो बेटों की बढ़ी मुश्किलें
मप्र के छतरपुर से कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी और उनके दो बेटों की चुनावी साल में मुश्किलें बढ़ गई हैं। इसकी वजह है उन पर एक ही मामले में धोखाधड़ी, अमानत में ख्यानत और जालसाजी का मुकदमा दर्ज हो जाना। इस मामले में उनके चार अन्य सहयोगियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। यह मामला उत्तरप्रदेश के गौतम बुद्ध नगर के जेवर थाने में एक कारोबारी आकाश वशिष्ठ ने दर्ज कराया है। उनका आरोप है कि उन्होंने विधायक और उनके साथियों को बिल्डिंग मटेरियल (पत्थरों की कतरन) सप्लाई के लिए पेशगी के तौर पर 50 लाख रुपये दिए थे, लेकिन इन्होंने सप्लाई नहीं की। आकाश वशिष्ठ ने पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह को शिकायत में कहा है कि उन्होंने यह सौदा खजुराहो मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर विधायक आलोक चतुर्वेदी, अजय पाल सिंह , यशपाल सिंह, कैलाश और विधायक के बेटों नीतीश चतुर्वेदी और निखिल चतुर्वेदी से जेवर टोल प्लाजा के रेस्टोरेंट में सौदा किया था।
अब पूर्व ब्यूरोक्रेट बने डॉक्टर
कहते हैं कि पढऩे की कोई उम्र नहीं होती है। इसका ताजा उदाहरण हैं सूबे के पूर्व ब्यूरोक्रेट राकेश कुमार श्रीवास्तव । उन्होंने हाल ही में पीएचडी की है। उन्हें इंदौर की मालवांचल यूनिवर्सिटी द्वारा पीएचडी की मानद डिग्री प्रदान की जा रही है। उन्हें यह डिग्री मालवांचल यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित समारोह में दी जाएगी। गौरतलब है कि राकेश श्रीवास्तव भारतीय प्रशासनिक सेवा में 1993 बैच के अधिकारी हैं। वे इंदौर, ग्वालियर सहित कई जिलों के कलेक्टर भी रह चुके हैं। यही नहीं वे कई विभागों के बतौर आयुक्त अपने काम का जौहर दिखाने के बाद प्रमुख सचिव पद से रिटायर हुए थे। अपने प्रशासकीय सेवा काल के दौरान उन्होंने कई नवाचार किए। वर्तमान में वे देश की एक बड़ी वेबसाइट में बतौर नेशनल हेड के रुप में कार्यरत हैं।
कैलाश विजयवर्गीय को मिला लक्ष्मण सिंह का साथ
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और विधायक लक्ष्मण सिंह अपनी बेबाक राय रखने के लिए जाने जाते हैं। भले ही उनकी राय पार्टी लाइन से इत्तेफाक रखती हो या नही ं, वेसच कहने से नहीं चूकते हैं। अब उनके द्वारा भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बयान का समर्थन किया गया है, जिससे पार्टी के नेताओं को बैकफुट पर आना पड़ रहा है। दरअसल विजयवर्गीय ने हाल ही में कहा था कि लड़कियां कई बार इतने खराब कपड़े पहन कर निकलती हैं कि उनमें देवी का स्वरूप ही नहीं दिखता। बिल्कुल शूर्पणखा लगती हैं। कांग्रेस ने उनके बयान का खासा विरोध किया था। इसके बाद लक्ष्मण सिंह ने ट्वीट में लिख कि शूर्पणखा वाला वक्तव्य सुना। कुछ मायने में ये सही है, इंदौर अहिल्या देवी की संस्कार वाली नगरी है, पहनावे पर ध्यान तो रखना चाहिए। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने विजयवर्गीय को संबोधित करते हुए ये भी कहा कि वे इंदौर के बेताज बादशाह हैं, फिर ये कैसे हो रहा है?