मध्य प्रदेश के 25 लाख से अधिक किसानों के लिए एक
साथ बड़ी राहत की खबरें हंै। उनके खातों में अगले माह सरकार फसल बीमा की 29 अरब रुपए की राशि डालने जा रही है। इसके अलावा सरकार ने तय किया है कि अगर किसी भी प्राकृतिक आपदा की वजह से फलों को नुकसान होता है तो ऐसे में सरकार द्वारा किसानों की बेटी की शादी कराई जाएगी। फसल बीमा की राशि उन्हें वर्ष 2021-22 में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित खरीफ और रबी फसलों में हुए नुकसान के एवज में सरकार देने जा रही है। दरअसल इस नुकसान का सरकार द्वारा सर्वे कराए जाने के बाद बीमा कंपनियों के सामने दावे पेश किए थे, जिस पर अंतिम मुहर लग गई है। बताया जा रहा है कि इस राशि को किसानों के खातों में जमा करने के लिए सरकार द्वारा बड़ा कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी की जा रही है। दरअसल प्रदेश सरकार ने सूबे के 44 लाख से अधिक किसानों का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत बीमा कराया गया था। अतिवृष्टि के कारण खरीफ की फसलें बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई थीं। सरकार ने सर्वे कराकर बीमा कंपनियों को दावे प्रस्तुत किए थे। इनका परीक्षण पूरा होने के बाद बीमा दावों को अंतिम रूप दे दिया गया है। दो हजार 900 करोड़ रुपये का बीमा किसानों को वितरित किया जाएगा। इसकी सूची इसी माह कृषि विभाग को मिलने की संभावना है। इस सूची के आधार पर ही किसानों के खातों में क्षतिपूर्ति के रुप में बीमा की राशि जमा कराई जाएगी। यह बात अलग है कि खरीफ और रबी सीजन की राशि एक साथ दी जाए या फिर अलग-अलग यह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के स्तर पर तय किया जाना है। इसके लिए एक प्रस्ताव कृषि विभाग द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा जा चुका है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि 2022-23 के फसल बीमा की प्रक्रिया भी तेजी के साथ पूरी की जा रही है ,ताकि सितंबर के पहले यह राशि भी किसानों के खातों में हर हाल में जमा की जा सके। मप्र सरकार को किसान फसल बीमा क्लेम से इस साल बड़ा फायदा होने वाला है। वित्तीय वर्ष 21-22 में किसानों का नुकसान कम होने की वजह से बीमा कंपनी को प्रदेश सरकार को 2200 करोड़ रुपए से अधिक राशि लौटानी पड़ रही है। इसके लिए फसल उत्पादन और उसकी कटाई का डाटा सरकार द्वारा पहले ही बीमा कंपनी को सौंपा जा चुका है। बताया जा रहा है कि इसके आधार पर क्लेम राशि का निर्धारण होगा जो 2200 से 2300 करोड़ रुपए के बीच रहने वाला है।
सामग्री देने के नियमों में बदलाव…
सरकार ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना में नवविवाहिता को जेवर एवं अन्य सामग्री देने के नियम भी बदल दिए हैं। सामग्री देने में गड़बड़ी सामने आने के बाद 18 मार्च 2023 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुरहानपुर के शाहपुर में लाड़ली बहना कार्यक्रम में यह घोषणा की थी। सामाजिक न्याय विभाग ने इसके भी आदेश जारी कर दिए हैं। अब 11 हजार की बजाय वधु को 49 हजार को अकाउंट पेयी चेक दिया जाएगा। जिससे वह जो चाहे सामग्री खरीद सकेगी। जबकि छह हजार रुपये उस निकाय को दिए जाएंगे, जो विवाह कार्यक्रम आयोजित करेगा।
तो सरकारी खर्च पर होगी बेटी की शादी
ओलावृष्टि और असमय वर्षा जैसी प्राकृतिक आपदा की वजह से नष्ट होने वाली फसल की वजह से अब प्रदेश में किसी भी किसान की बेटी की शादी नहीं रुकेगी। इसके लिए सरकार ने तय किया है कि उसकी शादी सरकारी खर्च पर कराई जाएगी। यह शादी मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना के तहत कराई जाएगी। इसके लिए आवेदन जमा करने और विवाह कार्यक्रम के आयोजन की कोई समय-सीमा भी नहीं रखी गई है। सामाजिक न्याय विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। प्रदेश में 35 हजार से अधिक किसानों की फसलें ओलावृष्टि, असमय वर्षा और तेज हवा से खराब हुई हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया और किसानों से बात की है। इस दौरान कई किसानों ने बताया कि फसल खराब होने से उनको बेटी का विवाह टालना पड़ेगा। इस स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री ने किसानों को मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना का लाभ देने का निर्णय लिया है। बता दें कि इसके बाद प्रदेश में फिर से ओलावृष्टि हुई है, इसके लिए सर्वे कराया जा रहा है।