भाजपा के दो सांसदों को मिली एक ही दिन में राहत
भाजपा के उज्जैन और रतलाम के सांसदों के लिए बीता दिन अच्छा रहा है। दोनों को न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। इनमें एक उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया हैं तो दूसरे हैं रतलाम के सांसद गुमान सिंह डामोर। मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने फिरोजिया के खिलाफ चल रही चुनाव याचिका निरस्त कर दी। कोर्ट ने माना कि याचिकाकर्ता लगाए गए एक भी आरोप को सिद्ध नहीं कर सके हैं। इसी तरह से जबलपुर हाई कोर्ट ने न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी अलीराजपुर के उस फैसले को निरस्त कर दिया, जिसके तहत रतलाम के सांसद गुमान सिंह डामोर के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया गया था। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने कहा कि चूंकि याचिकाकर्ता एक जनप्रतिनिधि है, इसलिए उक्त कोर्ट को यह मामला सुनने का अधिकार नहीं था। सांसद-विधायकों से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतें गठित हैं। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राहुल दिवाकर ने बताया कि धर्मेंद्र शुक्ला ने आरटीआई के तहत कुछ जानकारी हासिल कर शासकीय राशि के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुएं जेएमएफसी कोर्ट में परिवाद दायर किया था। उक्त परिवाद में सांसद भी एक पक्षकार थे।
पोरवाल का आपत्तिजनक ऑडियो वायरल
भाजपा के वरिष्ठ नेता अशोक पोरवाल के रतलाम विकास प्राधिकरण (आरडीए) के अध्यक्ष बनते ही एक आडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इसकी वजह से वे अब विवादों में घिर गए हैं। बताया जाता है कि यह ऑडियो नगरीय निकाय चुनाव के पहले का है। इसमें एक पुरुष और महिला की आपत्तिजनक बातचीत है। कथित तौर पर दावा किया जा रहा है इसमें पुरुष की आवाज पोरवाल की है, जबकि महिला भी भाजपा कार्यकर्ता बताई जा रही है। ऑडियो में किसी महिला को टिकट दिलाने को लेकर भाजपा जिलाध्यक्ष का भी जिक्र किया गया है। उधर, पोरवाल का कहना है कि जो ऑडियो वायरल हो रहा है, वह पूरी तरह से फेक है। मिमिक्री करके बनाया गया है। पुलिस अधीक्षक को जानकारी दे दी है। पुलिस जांच करके कार्रवाई करेगी।
मंडी चुनाव न कराना पड़ सकता है भारी
प्रदेश सरकार को मंडी चुनाव न कराने का फैसला भारी पड़ सकता है। इस मामले में अब मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य शासन को जवाब पेश करने के लिए अंतिम मोहलत दी है। चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद निर्धारित की है। नवंबर 2022 में जनहित याचिका दायर कर प्रदेश की कृषि उपज मंडी समितियों के चुनाव नहीं कराए जाने को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने इस मामले में निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव अधिकारी व मप्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच युवा मोर्चा के अध्यक्ष मनीष शर्मा व अन्य ने याचिका दायर कर बताया कि मंडी समितियों का कार्यकाल जनवरी 2018 में समाप्त हो चुका है। लिहाजा जनहित में चुनाव जल्द कराए जाएं।
वन सेवा के तीन अफसर जल्द होंगे पदोन्नत
वन मुख्यालय में पदस्थ भारतीय वन सेवा के 1989 बैच के तीन अफसर जल्द ही पदोन्नत होकर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) बनाए जाएंगे। एपीसीसीएफ से पीसीसीएफ पद पर पदोन्नति के लिए हुई डीपीसी की बैठक में महेन्द्र सिंह धाकड़, डॉ. दिलीप कुमार और एचयू खान के नाम तय कर लिए गए हैं। इसके अलावा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं दे रहे मप्र कैडर के तीन एपीसीसीएफ स्तर के आईएफएस अफसरों को भी प्रोफार्मा पदोन्नित दी जाएगी। इनमें केंद्रीय डेयरी विकास में संयुक्त सचिव 1988 बैच के ओपी चौधरी, एनएचएआई मुख्यालय दिल्ली में पदस्थ कमलेश चतुर्वेदी (1989) और केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय में डिप्टी डीजी फॉरेस्ट वीएन अंबाड़े (1989) के नाम शामिल हैं। गौरतलब है कि इस साल पीसीसीएफ स्तर के तीन सीनियर आईएफएस अफसर रिटायर हो रहे हैं। इनमें 1988 बैच के सुनील अग्रवाल, 1987 बैच के जेएस चौहान और अजित श्रीवास्तव शामिल हैं। तीनों ही अगस्त-सितंबर माह में सेवानिवृत हो जाएंगे।
सोनू सूद लड़ेंगे इंदौर से चुनाव!
कोरोना के समय लॉक डाउन में लोगों की खुले हाथ से मदद कर बेहद लोकप्रिय हुए फिल्म अभिनेता सोनू सूद की इच्छा मप्र के इंदौर शहर से चुनाव लडऩे की है। इसका खुलासा स्वयं सूद ने ही इंदौर में किया है। वे इंदौर में एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने आए हुए थे। उनका कहना है कि वे राजनीति में आना चाहते हैं और अगर मौका मिला तो वे इंदौर से चुनाव लड़ना चाहेंगे। उनका मानना है कि जनता की सेवा करना उन्हें अच्छा लगता है और इसके लिए सबसे अच्छा माध्यम राजनीति है। आप सभी जानते हैं कि में लोगों की कई तरह से मदद करता हूं। सूद का कहना हैै कि इंदौर से मेरा पुराना नाता है यह मेरे लिए दूसरे घर जैसा है