मप्र में ब्राह्मण कल्याण बोर्ड और जानापाव में परशुराम लोक की घोषणा से विप्र समाज गदगद.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वे सभी वर्ग को साथ लेकर चलते हैं। यही कारण है की प्रदेश के हर वर्ग और हर जाति में उनकी पैठ है। यही नहीं जब भी मौका मिलता है वे उस वर्ग और जाति को उपकृत करने का मौका नहीं चुकते हैं। इसी कड़ी में भगवान परशुराम की जयंती पर मुख्यमंत्री ने मप्र में ब्राह्मण कल्याण बोर्ड और जानापाव में परशुराम लोक बनाने की घोषणाकर विप्र समाज को गदगद कर दिया है। अपने इस कदम से मुख्यमंत्री ने प्रदेश के ब्राह्मण वोट बैंक को साध लिया है। मप्र में ब्राह्मणों की आबादी भले ही कम है, लेकिन इनका राजनीतिक प्रभाव अधिक है। खासकर विंध्य क्षेत्र क्षेत्र की 30 विधानसभा सीटों पर ब्राह्मण समाज का बड़ा प्रभाव है। इन विधानसभा क्षेत्रों में करीब 40 फीसदी आबादी ब्राह्मण की है। इसके अलावा प्रदेश की करीब 60 अन्य सीटों पर भी ब्राह्मण मतदाताओं का अच्छा खासा प्रभाव है। इसलिए मुख्यमंत्री का यह दांव काफी प्रभाव दिखाएगा।
समस्याएं दूर करेगा बोर्ड
परशुराम जयंती पर भोपाल के गुफा मंदिर पर हुई सभा में सीएम ने घोषणा की कि ब्राह्मण वर्ग की समस्याओं को दूर करने के लिए ब्राह्मण कल्याण बोर्ड बनाएंगे। 8 वीं के पाठ्यक्रम में भगवान परशुराम के जीवन-चरित्र को शामिल किया जाएगा। मप्र में जिन मंदिरों के पास 10 एकड़ से अधिक कृषि भूमि है, उन्हें अब 3 साल की लीज पर देने के लिए नीलाम किया जा सकेगा। नीलामी की प्रक्रिया के अधिकार मंदिर के पुजारी के पास होंगे। सरकार ने शनिवार को छुट्टी के दिन इसके आदेश जारी कर दिए। नीलाम हुई कुल भूमि में 10 एकड़ तक से होने वाली कमाई पुजारी रखेंगे, बाकी मंदिर के खाते में जाएगी। मप्र में सरकार के अधीन 21 हजार 104 मंदिर हैं, जिनमें से 1320 मंदिर ही 10 एकड़ से अधिक कृषि भूमि वाले हैं। इनके पास कुल कृषि भूमि 4500 हेक्टेयर है। इनमें सलकनपुर, मैहर माई परिसर का राम मंदिर, पीतांबरा पीठ, महाकाल मंदिर, चित्रकूट का गौरिहार मंदिर, कामतानाथ मंदिर कामदगिरि पर्वत, ओरछा का रामराजा मंदिर जैसे बड़े मंदिर भी शामिल हैं। अभी 10 एकड़ या इससे ज्यादा जमीन वाले मंदिरों के पुजारियों को मानदेय देते हैं। सीएम ने कहा है कि मंदिर की गतिविधियां अब प्रशासन कंट्रोल नहीं करेगा। निजी मंदिर या ट्रस्ट के जो मंदिर हैं, उनके पुजारियों को भी सम्मानजनक मानदेय देने के नियम बनाएंगे। गुफा मंदिर भोपाल में परशुराम भवन बनेगा। बड़े मंदिरों के पास कुल जमीन मंदिर कुल जमीन सलकनपुर 19 एकड़ (अलग अधिनियम है।) मैहर माई परिसर में राम मंदिर 1000 एकड़ अमरपाटन में खजुरी ताल आश्रम मंदिर 500 एकड़ से अधिक महाकाल उज्जैन 84 एकड़ (अलग अधिनियम है।) सीतानगर का राम मंदिर दमोह 600 एकड़ जमीन चित्रकूट गौरिहार का मंदिर 80 एकड़ जमीन कामतानाथ मंदिर कामदगिरी पर्वत 125 एकड़ जमीन रामराजा ओरछा 70 से 80 एकड़ जमीन पीतांबार पीठ 20 से 25 एकड़ जमीन।
परशुराम लोक बनेगा
परशुराम जन्मस्थली जानापाव पहुंचे सीएम ने घोषणा की कि महाकाल लोक की तरह परशुराम लोक भी बनाएंगे। जानापाव को तीर्थ की तरह विकसित करेंगे। इसके लिए 10 करोड़ 34 लाख 59 हजार की राशि स्वीकृत कर दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान परशुराम भगवान विष्णु के छठवें अवतार थे। धर्म की रक्षा एवं दुष्टों के नाश के लिए उनका अवतार हुआ था। मध्यप्रदेश धन्य एवं गौरवशाली है कि भगवान परशुराम का जन्म हमारे प्रदेश के जानापाव में हुआ। उन्होंने कहा कि समता एवं समानता लाने के सबसे पहली पहल भगवान परशुराम ने की थी। उन्होंने सबको भूमि उपलब्ध कराने की पहल भी की थी। उनके विचारों को आगे बढ़ाने के लिए हमने तय किया है कि मध्यप्रदेश में अब कोई आवासहीन नहीं रहेगा। भगवान परशुराम शस्त्र एवं शास्त्र के ज्ञाता थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान परशुराम की जन्म स्थली पर 10 करोड़ 59 लाख रुपए के विभिन्न विकास कार्य करवाये जा रहे हैं। इसके लिए राशि स्वीकृत कर दी गई है। उन्होंने कहा कि जानापाव में परशुराम लोक एवं परशुराम धाम भी बनाया जाएगा। इसकी रूपरेखा विद्वानों एवं प्रशासन के साथ मिलकर बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री चौहान ने जानापाव में चल रहे विकास कार्यों और आगामी समय में कराए जाने वाले कार्यों के संबंध में जानकारी प्राप्त की और उन्होंने कार्य योजना को भी देखा।
मप्र में बनेगा ब्राह्मण कल्याण बोर्ड
परशुराम जयंती पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुबह भोपाल के गुफा मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में ब्राह्मणों के लिए घोषणाओं की बौछार कर दी। मुख्यमंत्री ने ऐलान किया की प्रदेश में ब्राह्मण कल्याण बोर्ड बनेगा। मुख्यमंत्री सुबह भोपाल के गुफा मंदिर में परशुराम के जन्मोत्सव पर आयोजित अक्षयोत्सव 2023 कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां पर गुफा मंदिर प्रागण में कार्यक्रम के पहले शोभायात्रा का आयोजन किया गया। जिसका लोगों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ने कई बड़े ऐलान किए। सीएम ने कहा कि हमारे धर्म और संस्कृति की रक्षा करने वाले ब्राह्मणों के लिए ब्राह्मण कल्याण बोर्ड का गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुजारियों को 5 हजार रु. भत्ता देने और गुफा मंदिर में नया भवन बनाने की घोषणा भी की। मंदिरों की कोई भी गतिविधि सरकार संचालित नहीं करेगी। जितनी जमीन मंदिरों के नाम है, उनको कलेक्टर नीलाम नहीं करेंगे, बल्कि उनको पुजारी ही नीलाम कर सकेंगे।
मंदिरों की गतिविधियां सरकार नियंत्रित नहीं
सीएम ने कहा कि हमने एक फैसला मंदिरों में सरकार मंदिर की गतिविधियों को सरकार नियंत्रित नहीं की गई। इसलिए मंदिरों के नाम की जमीन को कलेक्टर नीलाम नहीं करेंगे। उनको पुजारी ही नीलाम करेंगे। इसके साथ साथ निजी मंदिर, जहां ट्रस्ट बने हैं। वहां के पुजारियों को भी सम्मान जनक मानदेय देने के लिए नियम बनाकर निर्देशित किया जाएगा। इसके साथ ब्राह्माणों ने धर्म और संस्कृति की रक्षा की है। ब्राह्मणों ने यज्ञों, धर्मों, संस्कृति को संरक्षित रखने का काम किया है। ऐसे कितने विद्धान है। ब्राह्मणों के कल्याण के लिए ब्राह्मण कल्याण बोर्ड की स्थापना की जाएगी। यहां सभी जातियों के लोग उपस्थित है। सामाजिक समरसता के साथ सभी का कल्याण करना भाजपा की सरकार का धर्म है। हम उस धर्म का पालन करेंगे। सीएम ने कहा कि पिछले साल अनेक मांग गुफा मंदिर के कार्यक्रम से की गई थी। सीएम ने बताया कि सरकारी स्कूलों में 3547 संस्कृत शिक्षक नियुक्त कर दिये गए है। आवश्यकता होगी तो आगे भी किए जाएंगे।