प्रदेश के अधिकांश इलाकों में बिजली संकट की दस्तक

बिजली की मांग का टूट सकता है रिकॉर्ड.

मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। गर्मी में वृद्धि होने के साथ ही प्रदेश के कई अंचलों में बिजली संकट ने दस्तक देना शुरु कर दिया है। यह बात अलग है कि बीते दो दिनों से मौसम द्वारा अचानक करवट बदलने से बिजली विभाग ने कुछ राहत की सांस ली है, लेकिन इस बीच बिजली कंपनियों के सामने तेज हवा चलने से नई मुसीबत खड़ी हो गई है। हालात ऐसे बने हुए हैं कि कई जगहों पर कई-कई घंटों तक लोगों को बिजली गुल होने की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है। इस बीच परेशान लोगों ने बिजली समस्या का निदान न होने की वजह से सीएम हेल्पलाइन तक में शिकायत करना शुरु कर दिया है। उधर, ग्रामीण इलाकों में तो लंबे समय से बिजली कटौती का दौर चल रहा है। इसके अलावा कई इलाकों में वोल्टेज की समस्या भी बनी हुई है। उधर, गर्मी के मौसम को देखते हुए बीते माह विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दे चुके हैं, इसके बाद भी बिजली कंपनियों द्वारा किए जाने वाले लाइनों के रखरखाव में खामियों की वजह से लोगों को बिजली गुल होने की समस्याओं से दो चार होना पड़ रहा है। अगर बीते रोज की बात की जाए तो भोपाल के एक उपभोक्ता द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में कहा गया है कि इंडस्ट्रियल गेट जोन अंतर्गत वोल्टेज की समस्या आ रही है। रायसेन के अभिषेक ठाकुर ने बताया कि पड़रिया खुर्द वितरण केंद्र अंतर्गत दस घंटे से बिजली नहीं हैं। वहीं नर्मदा प्रसाद निवासी सिलवानी ने एक फेस बिजली मिलने से किसान मोटर नहीं चला पाने की शिकायत की है। सुरेश कुमार ने औबेदुल्लागंज में एक माह से बिजली समस्या बनी रहने की जानकारी दी है। बिजली की समस्या बताने वाले ये कुछ नाम भोपाल और रायसेन जिले के हैं। जबकि सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों से पता चलता है कि प्रदेश के लगभग हर अंचल जिसमें बुंदेलखंड, बघेलखंड, महाकोशल और मालवा सहित आदिवासी बहुल इलाकों में बिजली कटौती प्रारंभ की जा चुकी है। सागर जिले के राहतगढ़ जनपद अंतर्गत आने वाले ग्राम मोहासा के किसानों का कहना है कि रात के समय बिजली की अघोषित कटौती होने लगी है। इसी तरह की शिकायत सतना के ओमप्रकाश भी कर रहे हैं। बिजली समस्या को लेकर खातेगांव के भाजपा विधायक आशीष शर्मा द्वारा विधानसभा में भी सवाल उठाया जा चुका है। उन्होंने मजरे, टोलों पर निवासरत नागरिकों को 24 घंटे बिजली दिए जाने के मापदंड जानना चाहा था। उन्होंने विभाग से यह भी पूछा था कि क्षेत्र के तहत कितने मजरे टोलों में 24 घंटे बिजली मिल रही है। इसी तरह से भिंड जिले के शिव प्रताप सिंह का कहना है कि बिजली कटौती होने से किसानों को जहां मोटर चलाना मुश्किल हो गया है वहीं, खेतों और गांवों में रात काटना मुश्किल हो गया है। बिजली कटौती की शिकायत करने के बाद भी समस्या हल नहीं हो रही । हालांकि सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों के अनुसार 1 जनवरी से 24 अप्रैल तक बिजली से संबंधित कुल 2,11,952 शिकायतें दर्ज हैं। जबकि ऊर्जा विभाग की वेबसाइट के अनुसार 69 फीसदी शिकायतों का निराकरण भी कर दिया गया है।
मांग 13,800 मेगावाट तक संभावित
हालांकि सरकार द्वारा निर्वाध रुप से बिजली आपूर्ति के लिए बीते माह ही निर्देश दिए जा चुके हैं। बिजली विभाग का अनुमान है कि इस माह के अंत तक या फिर अगले माह में बिजली की मांग बढक़र 13,800 मेगावाट तक हो सकती है। जो बीते साल की तुलना में इस अवधि में 1300 मेगावाट अधिक संभावित है। बीते साल इसी अवधि मेेंं विद्युत की मांग बढक़र 12,500 मेगावाट पहुंच गई थी। गर्मी में सतत बिजली आपूर्ति के लिए बीते माह प्रमुख सचिव संजय दुबे द्वारा भी प्रदेश की विद्युत मांग व आपूर्ति की समीक्षा बैठक ली गई थी। जिसमें उनके द्वारा कहा गया था कि प्रदेश शासन की मंशानुसार घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे और कृषि उपभोक्ताओं को 10 घंटे बिजली देने के लिए अप्रैल व मई माह में विद्युत कंपनियों की पूरी तैयारी है। उन्होंने इस दौरान निर्देश दिए थे, कि अप्रैल व मई माह में ताप विद्युत के साथ जल एवं गैर पारम्परिक विद्युत उत्पादन का समुचित उपयोग किया जाए। उन्होंने मध्यप्रदेश विद्युत उत्पादन कंपनी की ताप विद्युत इकाईयों को इस दौरान भरपूर विद्युत उत्पादन करने के निर्देश देते हुए ताप विद्युत इकाईयों में कोयले की उपलब्धता को सुनिश्चित करने को भी कहा था।
यह है दावा
शासन ने 14 मई 2010 को विधानसभा में संकल्प – 2013 पारित किया था। जिसके तहत प्रदेश के घरेलू सहित सभी गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे और कृषि उपभोक्ताओं को कृषि प्रयोजन के लिए 8 घंटे बिजली दिए जाने का प्रावधान है। विभाग का कहना है कि आपातकालीन अवरोधों को छोडक़र मजरे-टोलों में 24 घंटे बिजली दी जा रही है। खातेगांव विधानसभा अंतर्गत 404 मजरे टोले हैं। यहां ज्यादातर दिनों में 24 घंटे बिजली दी जा रही है।