कर्नाटक परिणाम के बाद… कांग्रेस-भाजपा में हलचल

कानुगोलू करेंगे मप्र में नाथ के लिए रणनीति तय.

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। कर्नाटक चुनाव के नतीजे आने के तत्काल बाद प्रदेश में कांग्रेस व भाजपा में यकायक हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने जहां देर रात कोर ग्रुप की बैठक बुलाकर छह माह बाद होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर मंथन किया तो वहीं, भाजपा ने भी अपने कोर ग्रुप के साथ ही प्रदेश कार्यसमिति की बैठक बुलाने का तय कर लिया है। भाजपा भी इन दोनों ही बैठकों में चुनाव को लेकर मंथन करने की तैयारी कर रही है। भाजपा ने 18 मई को कोर ग्रुप की तो उसके अगले दिन प्रदेश कार्यसमिति की बैठक बुलाई है। कर्नाटक चुनाव परिणामों से जहां, कांग्रेस में उत्साह का माहौल है तो वहीं , भाजपा में हालात ङ्क्षचताजनक बन गए हैं।
कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक के बाद आज कमलनाथ की पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों के साथ बेहद महत्वपूर्ण बैठक हो रही है। इसमें राष्ट्रीय महासचिव जेपी अग्रवाल और एआईसीसी द्वारा मप्र के लिए बनाए गए चारों प्रभारियों हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर, गुजरात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अर्जुन मोरवडिय़ा, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा और उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप टम्टा के साथ चुनावी तैयारियों को लेकर मंथन किया जाएगा। दरअसल पार्टी द्वारा इन नेताओं को मप्र में विधानसभा चुनाव के लिए ऑब्जर्वर बनाया गया है। इसके साथ ही राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के सूत्रधार और कर्नाटक में कांग्रेस को 136 सीट दिलाने में अहम रणनीतिकार सुनील कानुगोलू से भी नाथ द्वारा चर्चा की गई है।
सॉफ्ट हिंदुत्व पर चलेगी कांग्रेस
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस सॉफ्ट हिंदुत्व को लेकर चुनाव लड़ेगी। कर्नाटक के बाद मप्र में कांग्रेस कमलनाथ की हनुमान भक्त छवि को आगे लाने के लिए बजरंगबली के जयकारे के साथ आगे बढ़ेगी। इसके साथ ही अलग-अलग समाजों से भी नाथ द्वारा चर्चा करने की रणनीति बनाई गई है। इसके तहत वे लोधी समाज के सम्मेलन में पहुंच चुके हैं, जबकि आज जाट सम्मेलन में भी शामिल हो रहे हैं। इसके बाद वे यादव सम्मेलन में भी भाग लेंगे।
दो दिन भोपाल में रहेंगे भाजपा के दिग्गज
प्रदेश भाजपा की 19 मई को प्रदेश कार्यसमिति की और इसके एक दिन पहले 18 मई को कोरग्रुप की बैठक बुलाई गई है। इन बैठकों में भाग लेने के लिए प्रदेश के सभी दिग्गज भाजपा नेता भोपाल में रहने वाले हैं। प्रदेश कार्यालय में होने वाली इस बैठक में प्रदेश के मंत्रियों, प्रदेश पदाधिकारियों के अलावा सभी सांसद, विधायक, जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारी से लेकर प्रदेश के लगभग 500 नेताओं को बुलाया जा रहा है। इसमें विधानसभा चुनावों की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही पार्टी के केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व की रणनीति की जानकारी भी दी जाएगी। बताया जा रहा है कि बैठक के ठीक बाद 21 मई को सभी जिलों में और 22 और 23 मई के बीच मंडल स्तर की बैठकें होंगी। इसी तरह से पिछली 24 जनवरी को हुई कार्यसमिति बैठक में तय किए गए कार्यक्रमों के आयोजन की समीक्षा भी की जाएगी। अपने दूसरे कार्यकाल में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ 2019 में 30 मई को ली थी। इस लिहाज से 26 मई को मोदी सरकार की 9वीं वर्षगांठ है। इस उपलक्ष्य में भाजपा 15 मई से 15 जून तक जनसंपर्क अभियान चलाएगी। इसके अलावा प्रदेश में 30 मई से 30 जून तक सेवा और सुशासन से जुड़े कार्यक्रमों का भी आयोजन करेगी। इस दौरान केंद्र सरकार की उपलब्धियों को जन-जन तक प्रचारित करने पर जोर दिया जाएगा। इस दौरान पूरे एक माह तक पार्टी हर दिन कोई न कोई कार्यक्रम करेगी।
कानुगोलू की नाथ से मुलाकात
हिमाचल और कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के लिए अहम रणनीति बनाने वाले सुनील कानुगोलू की टीम भी जल्द ही मप्र में आने वाली है। उनकी टीम के 130 सदस्य प्रदेश में आकर कमलनाथ के लिए चुनाव प्रचार की व्यूह रचना तैयार करेंगे। इसको लेकर उनकी कमलनाथ से चर्चा हो चुकी है। इस दौरान नाथ द्वारा प्रदेश को लेकर सुनील को फीडबैक भी दिया जा चुका है। कर्नाटक में चुनावी कैम्पेन का काम कांग्रेस द्वारा सुनील को दिया गया था। इसकी वजह से उनकी टीम ने वहां चार माह रहकर चुनावी कैम्पेन की योजना तैयार की थी और उसके हिसाब से ही कांग्रेस ने वहां चुनाव प्रचार भी किया। इस टीम ने नारों से लेकर वरिष्ठ नेताओं के भाषण भी तैयार किए थे। जिसमें भाजपा द्वारा किए गए कांग्रेस के हमलों का जबाव भी होता था। सुनील पूर्व में प्रशांत किशोर की टीम के प्रमुख सदस्य रह चुके हैं। 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी योगी आदित्यनाथ के चुनाव प्रचार को इसी टीम ने संभाला था। प्रदेश में भी इस टीम द्वारा प्रदेश की एक-एक सीट की जानकारी जुटाई जा चुकी है। हर सीट पर सामाजिक और राजनीतिक संतुलन के लिए अलग से रणनीति बनाई जा रही है। यह टीम रणनीति तय करने से पहले हर विधानसभा क्षेत्र के लोगों मन , क्षेत्र की समस्याओं के बारे में जानकारी जुटाएगी। उसके बाद प्रदेश में चुनावी कैम्पेन के मुद्दे और नेताओं के भाषण के प्रमुख बिंदु तय किए जाएंगे। इसके अलावा जिलों की रणनीति पृथक से तय की जाएगी।
जून में 35 फीसदी टिकट होंगे तय
कांग्रेस द्वारा अब तक तैयार की गई रणनीति के तहत तय किया गया है कि इस बार पार्टी चुनाव घोषित होने का इंतजार नहीं करेगी , बल्कि काफी समय पहले टिकट तय कर देगी , जिससे की पार्टी प्रत्याशी को प्रचार के लिए पर्याप्त समय मिल सके। इसके साथ ही तीन चरणों में प्रत्याशी की घोषणा करने का तय किया गया है। पहले चरण में 75 सीटों के प्रत्याशी तय किए जाएंगे, जिसमें मौजूदा विधायकों के टिकटों पर भी फैसला कर लिया जाएगा। इन्हें जुलाई-अगस्त में ही चुनाव लड़ने के संकेत दे दिए जाएंगे। दूसरे चरण में उन 66 सीटों के प्रत्याशी तय किए जाएंगे , जहां कांग्रेस लगातार पांच बार से चुनाव हार रही है। तीसरे चरण में वे सीटें रहेंगी , जहां टिकट को लेकर सहमति बनाई जाना है। गौरतलब है कि इसके पहले कमलनाथ को कराए जा रहे सर्वे की रिपोर्ट भी मिल जाएगी। जिसके आधार पर ही नामों को तय किया जाएगा।