संघ मुस्लिमों को जोड़ने अगले माह… भोपाल में लगाएगा अभ्यास वर्ग

प्रदेश में होने वाले विधानसभा के साथ ही अगले साल होने.


वाले लोकसभा चुनाव में मुस्लिमों का साथ भाजपा को दिलाने के लिए अब संघ पूरी तरह से मैदान में उतर आया है। इसके तहत अब संघ एक देश, एक कानून के फायदे की जानकारी देने की मुहिम शुरु की जा रहा है। इसका जिम्मा संघ ने अपने सहयोगी संगठन राष्ट्रीय मुस्लिम मंच को सौंपा है। मंच द्वारा मुस्लिमों के बीच पहुंचने की पूरी तैयारी कर ली गई है। इसके लिए अब संघ द्वारा कैंपेन शुरू किया जा रहा है। मंच के कार्यकर्ता सच्चा मुसलमान, अच्छा नागरिक का संदेश लेकर देश भर में नए सिरे से निकलेंगे। संघ की इस शाखा के कार्यकर्ताओं को अभ्यास वर्ग आयोजित कर प्रशिक्षित किया जाएगा। इसकी शुरुआत भोपाल से की जा रही है। प्रदेश में चुनाव होने की वजह से भोपाल का चयन अभ्यास वर्ग के लिए किया गया है। दरअसल भोपाल में मप्र की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी है। भोपाल में आठ जून से 11 जून के बीच राष्ट्रीय मुस्लिम मंच अभ्यास वर्ग आयोजित करने जा रहा है। कार्यक्रम में मंच के प्रमुख इन्द्रेश कुमार मौजूद रहेंगे। कार्यक्रम में सच्चा मुसलमान, अच्छे नागरिक की ट्रेनिंग दी जाएगी। प्रदेश में संभवत: यह पहला मौका होगा, जब मंच का अभ्यास वर्ग यहां होने जा रहा है। विधानसभा चुनाव से पहले यह अभ्यास वर्ग खास मायने रखता है। यूपी में बीजेपी के हिंदुत्व से उलट सीएम शिवराज सिंह चौहान सर्वधर्म सद्भाव की ही सियासत करते हैं। इसके बाद भी प्रदेश में भाजपा को कभी भी चुनाव में मुस्लिम वोट नहीं मिलते हैं।
भोपाल में दो विधानसभा मुस्लिम बाहुल
भोपाल शहर की उत्तर व मध्य दो विधानसभा सीटें मुस्लिम आबादी बाहुल हैं। इसकी वजह से ही दोनों सीटों पर बीते चुनावों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। इसमें से उत्तर भोपाल सीट तो कांग्रेस का मजबूत गढ़ बन चुकी है। इस सीट पर लगातार कांग्रेस जीत रही है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद अफजल के मुताबिक यह अभ्यास वर्ग व्यक्तित्व निर्माण के लिए है। जो नौजवान मंच से जुड़ेंगे, उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा।
क्यों कर रहे कार्यक्रम?
जनवरी में हुई भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अल्पसंख्यक समुदाय और खासकर पसमांदा मुसलमानों तक पहुंचने की बात कही थी। इसी को लेकर अब पार्टी की तरफ से संवाद अभियान शुरू किया गया है, जबकि संघ और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच पहले से ऐसे संवाद कार्यक्रम कर रहे हैं। इसके पीछे का मकसद है विपक्षी दलों द्वारा बीजेपी पर एंटी मुस्लिम पार्टी होने का आरोप लगाना। विभिन्न चुनावों के वोटिंग पैटर्न पर नजर डालेंगे तो पता चलता है कि अल्पसंख्यक समाज भाजपा को वोट देने से कतराता रहा है। उसका मानना है कि बीजेपी एक हिंदूवादी पार्टी है। ऐसे में पार्टी को लगता है कि अगर उसे लंबे समय तक सत्ता में रहना है ,तो सभी समुदायों को साथ लेकर चलना होगा। इसके लिए संघ भी मुस्लिमों से संवाद स्थापित कर, उन्हें भरोसे में लेने का प्रयास कर रहा है।
30 फीसदी है मुस्लिमों की आबादी
संघ व बीजेपी ये संदेश देना चाहती है कि वो मुस्लिम विरोधी नहीं है। वह खुले मन से इस समाज को गले लगाने के लिए तैयार है। बीजेपी पर अक्सर चुनावों में मुस्लिमों को टिकट नहीं देने का आरोप लगता रहा है। ऐसे में पार्टी अब इस नैरेटिव को बदलना चाहती है। जाहिर है इस दिशा में पार्टी को काफी काम करना बाकी है। पार्टी अति पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों के बाद अब मुस्लिम वोटर विशेषकर पसमांदा मुस्लिमों को अपने पाले में लाने की कोशिश में है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो जो संघ की सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की परिकल्पना है, वो उसको वृहद करना चाहता है और उसी क्रम में इस तरह की पहल की जा रही है। दरअसल, पसमांदा पिछड़े और दलित मुसलमान को कहते हैं। वो बड़ी संख्या में गरीब हैं। देश के मुसलमानों में 80 फीसदी आबादी पसमांदाओं की है। बीजेपी इसे अवसर को रूप में देख रही है। पसमांदा मुसलमानों को कम राजनीतिक दलों ने ही लीडरशिप दी है। भाजपा व संघ की सोच है कि अगर उसमें से 15 से 20 फीसदी भी साथ आ गए तो उनका काम हो जाएगा।
26 राज्यों के 350 से ज्यादा जिलों में हैं शाखाएं
मंच मुस्लिम वर्ग के बीच करीब दो दशक से काम कर रहा है। मंच की 26 राज्यों के 350 से ज्यादा जिलों में शाखाएं हैं। मंच राष्ट्रीय संयोजक अबु बकर के मुताबिक देश भर से इस अभ्यास वर्ग में चार सौ से पांच सौ कार्यकर्ता शामिल होंगे। मंच का विस्तार कश्मीर से कन्याकुमारी तक करने का है। इससे पहले 2021 में यही अभ्यास वर्ग गाजियाबाद में आयोजित किया जा चुका है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के एस के मुइउद्दीन का कहना है कि ये अभ्यास वर्ग बेहद महत्वपूर्ण है। इसमें भारत, भारतीय और भारतीयता का पाठ पढ़ाया जाएगा। आपसी सद्भाव की बात होगी। उनका कहना है कि हिंदुस्तान में रहने वाले सारे मुसलमान हिंदुस्तानी हैं। वे बाहर से नहीं आए।