भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। प्रदेश में अब विधानसभा
के आम चुनावों में महज छह माह का ही समय रह गया है, ऐसे में अभी से मौजूदा विधायकों अपने टिकटों की चिंता सताने लगी है। उधर, कांग्रेस व भाजपा दोनों ही दलों द्वारा अपने मौजूदा विधायकों को जीत की कसौटी पर कसा जा रहा है। इस मामले में कांग्रेस बेहद सर्तकता बरत रही है। कांग्रेस ने इस बार करीब चार माह पहले औपचारिक रुप से प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करने की रणनीति बनाई है, लेकिन अब तक पार्टी द्वारा कराए गए सर्वे में करीब दो दर्जन विधायकों की स्थिति अच्छी नहीं पायी गई है, जिसकी वजह से उन्हें अभी चुनावी तैयारियों को लेकर कुछ नही कहा गया है, जबकि 70 विधायकों को अभी से चुनावी तैयारी करने का इशारा दे दिया गया है। इसकी वजह से इन दो दर्जन विधायकों की टिकट को लेकर धडक़नें बढ़ गई हैं। अब यह विधायक अपना टिकट पक्का करने के लिए अपने आकाओं से लेकर दिल्ली दरबार तक की परिक्रमा शुरु कर चुके हैं। पार्टी सूत्रों की माने तो कांग्रेस के 95 में से 70 विधायकों को चुनाव की तैयारी करने के लिए कहा जा चुका है। इनके नाम जुलाई के अंत या अगस्त के पहले सप्ताह में घोषित कर दिए जाएंगे। शेष सीटों पर फैसला पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के फीडबैक और हाईकमान द्वारा नियुक्त किए गए चार ऑब्जर्वर की सर्वे रिपोर्ट के बाद ही की जाएगी। बताया जा रहा है कि यह रिपोर्ट अगस्त माह तक संगठन को मिल जाएगी। उधर, जिन दो दर्जन विधायकों की टिकट पर खतरा मंडरा रहा है उन पर फैसला दिग्विजय के फीडबैक के बाद किया जाएगा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने टिकट वितरण का एक शुरुआती फॉर्मूला तैयार कर लिया है। तय हुआ है कि इस बार तीन चरणों में प्रत्याशियों की घोषणा की जाएगी। पहले चरण में उन 70 सीटों के लिए उम्मीदवार घोषित किए जाएंगे, जहां प्रत्याशी के नाम को लेकर किसी तरह की असमंजस की स्थिति नहीं है।
प्रत्याशी चयन में बरती जा रही है एहतियात
कमलनाथ द्वारा लगातार कहा जा रहा है कि इस बार उम्मीदवारों के नाम का फैसला पार्टी की ओर से कराए गए सर्वे और स्थानीय नेताओं से चर्चा में सामने आने वाले फीडबैक के आधार पर तय किए जाएंगे। यही नहीं वे साफ कर चुके हैं कि इस बार बड़े नेताओं की सिफारिश पर कोई टिकट नहीं मिलेगा, बल्कि जीत के आधार पर ही नामों का चयन किया जाएगा। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रप्रकाश शेखर का कहना है कि टिकट कितनी जल्दी घोषित होंगे, यह तो नहीं कहा जा सकता। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ जैसा उचित समझेंगे, वैसे-वैसे टिकट घोषित किए जाते रहेंगे। इसके लिए उनके पास सर्वे रिपोर्ट आती जा रही है। वे जिला कांग्रेस, फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशंस के पदाधिकारियों, वहां के वरिष्ठ नेताओं आदि से भी लगातार चर्चा कर रहे हैं। सर्वे रिपोर्ट और चर्चा के आधार पर उचित समय आने पर टिकटों का फैसला होगा।
दलबदल वालों को मिल सकता है मौका
पार्टी सूत्रों के मुताबिक कुछ सीटों पर एनवक्त पर पार्टी अपने प्रत्याशी तय करेगी। यह वे सीटें होंगी जहां पर भाजपा से आने वाले बड़े चेहरों को चुनाव में उतारकर जीत मिल सकती है। इसी तरह से उन नेताओं को भी इंतजार करना पड़ सकता है , जो पिछला चुनाव हार चुके थे। भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए कुछ बड़े नेताओं को भी पहली सूची में जगह मिलना तय माना जा रहा है। पहली सूची में जिन नेताओं के नाम हैं उनमें से अधिकांश नेताओं को प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की तरफ से चुनावी तैयारी के लिए कह दिया गया है। यही नहीं माना जा रहा है कि इस बार कांग्रेस करीब डढ़़ दजर्न मौजूदा विधायकों के टिकट काट सकती है। उनकी जगह पर नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। इसके लिए विधानसभा में कई स्तरों पर सर्वे कराया जा रहा है।
सचिन व अरुण दोनों ही होंगे मैदान में
कांग्रेस सूत्रों की माने तो इस बार पार्टी बड़वाह सीट पर पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव को चुनावी मैदान में उतारने की पूरी तैयारी में है। इसके लिए खरगोन जिले की इस सीट पर संभावना तलाशी जा रही है। यह उनके गृह जिले का क्षेत्र है। 2018 में यहां से कांग्रेस के सचिन बिड़ला निर्वाचित हुए थे। सचिन इसके बाद लोकसभा उपचुनाव के समय भाजपा में शामिल हो गए थे। इसी तरह से पार्टी विधायक और अरुण यादव के भाई एक बार फिर से कसरावद की पारंपरिक सीट से पार्टी प्रत्याशी होंगे।
विधानसभा क्षेत्रवार सर्वे
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा विधानसभा चुनाव के पहले लगातार क्षेत्र में मौजूदा कांग्रेस विधायकों की क्षेत्र में सक्रियता और उनकी पकड़ को लेकर ग्राउंड रिपोर्ट मंगाई जा रही है। इसके साथ ही पता लगाया जा रहा है कि कांग्रेस विधायक अपने- अपने क्षेत्र में कितने सक्रिय हैं और विस चुनाव के हिसाब से उनकी क्षेत्र में कितनी पकड़ है। इसके लिए कमलनाथ के निर्देश पर एक बार फिर कांग्रेस विधायकों की सभी 96 सीटों का सर्वे कराया गया है। कमलनाथ पहले ही सभी कांग्रेस विधायकों को विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ाने और लोगों के बीच जाने के निर्देश दे चुके हैं। कमलनाथ लगातार जहां संगठन को मजबूत करने में जुटे हुए हैं वहीं, विधायकों के फीडबैक ले रहे हैं ,ताकि इसके आधार पर भविष्य में उम्मीदवारों के चयन में ज्यादा मशक्कत ना करना पड़े।