शिव के नेतृत्व में ही बनेंगी मप्र में सरकार.
सत्ता व संगठन को लेकर चल रही तमाम अटकलों के बीच केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने एक बार फिर से सार्वजनिक रुप से शिवराज सिंह चौहान को अगला मुख्यमंत्री बता कर चल रही तमाम तरह की अटकलों पर विराम लगा दिया है। उनका साफ कहना है कि मप्र में कोई भी मॉडल लागू नहीं होगा , बल्कि प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान और वीडी शर्मा के नेतृत्व में ही विधानसभा का चुनाव लड़ा जाएगा। उनका कहना है कि प्रदेश में भ्रष्टाचार और एंटीइंकवेंसी जैसी कोई चीज नहीं है। कर्नाटक में पार्टी की हार को लेकर कहना है कि वहां पर भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा बन गया था।
महाकाल प्रशासन से महामंडलेश्वर नाराज
महाकाल मंदिर प्रशासन से न तो आम आदमी खुश हैं और न ही संत। इसके बाद भी मंदिर समिति की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। हालात यह हैं कि मंदिर की अव्यवस्थाओं से अब निरंजनी अखाड़ा, नागचंद्रेश्वर धाम की महामंडेलश्वर मंदाकिनी देवी इतनी नाराज हैं कि, उनके द्वारा भस्म आरती में ही शामिल न होने का संकल्प ले लिया गया है। उन्होंने भस्म आरती की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि भस्म आरती की अनुमति के बाद भी उन्हें पहले वेटिंग हॉल में रोका गया। उसके बाद चांदी द्वार पर जलार्पण के लिए ले जाया गया लेकिन जल अर्पण नहीं करने दिया। यहां से मुझे नगाडा गेट पर रोक दिया। वहां ताला लगा था, जबकि कुछ प्रभावशाली लोग पहले से नंदी हॉल में बैठे थे।
विधायक रामबाई की इच्छा
पथरिया से बसपा विधायक विधायक रामबाई सिंह परिहार चाहती हैं कि इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रदेश में किसी भी दल को बहुमत न मिले, जिससे उनकी पूछ परख होती रहे। उनका कहना है कि ऐसा होने पर जो भी पार्टी सरकार बनाना चाहे उसे मेरी जरूरत पड़े और मैं अपनी शर्तें मनवा कर अपने क्षेत्र का विकास कर सकूं। रामबाई ने बताया कि उनकी इच्छा थी कि पथरिया में एक कृषि विश्वविद्यालय और एक केंद्रीय विद्यालय खोला जाए। लेकिन सत्ता परिवर्तन के कारण उनकी इच्छा पूरी नहीं हो सकी।
धीरज पटेरिया की घर वापसी
भाजपा से बगावत कर कांग्रेस का हाथ थामने वाले धीरज पटेरिया की बीते रोज घर वापसी हो गई। उन्होंने प्रदेश के सभी बड़े नेताओं की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ली। भाजपा कार्यालय में पटेरिया के सैकड़ों समर्थक भी पहुंचे थे। पटेरिया 2018 में पार्टी से बागी होकर जबलपुर उत्तर से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गए थे। इस वजह से वहां भाजपा प्रत्याशी पूर्व मंत्री शरद जैन को हार का सामना करना पड़ा था। पटेरिया को करीब 30 हजार वोट मिले थे, जबकि जैन को महज 578 मतों से हार का सामना करना पड़ा था। माना जा रहा है कि अब पटैरिया भाजपा के जबलपुर उत्तर से प्रत्याशी हो सकते हैं।