मंगल भारत।मनीष द्विवेदी । अगर यह कहा जाए कि मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान देश की राजनीति में पॉलिसी मेकर के पोस्टर ब्वाय हैं, तो इसमें अतिश्योक्ति नहीं होगी। इसकी वजह यह है कि उनकी योजनाएं ,जहां मप्र की जनता को आत्मनिर्भर बना रही हैं, वहीं अन्य राज्यों को भी पसंद आ रही हैं और वे उनका अपने यहां क्रियान्वयन भी करवा रहे हैं। इसी कड़ी में अब लाड़ली बहना योजना भी शामिल हो गई है। इस योजना की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शनिवार को जब शिवराज ने इस योजना के तहत सवा करोड़ महिलाओं के खाते में 1000-1000 रूपए ट्रांसफर किए उससे पहले ही कई राज्यों ने इस योजना का अध्ययन कराना शुरू कर दिया था। जिस तरह अन्य राज्यों का इस योजना के प्रति रूझान दिख रहा है। उससे यह साबित हो रहा है कि लाड़ली बहना योजना विकास का मॉडल बनेगी।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को जबलपुर में प्रदेश की एक करोड़ 26 लाख महिलाओं को 1000-1000 रुपए की राशि उनके अकाउंट में ट्रांसफर की। मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि यह राशि धीरे-धीरे बढ़ाकर 3000 रुपए तक की जाएगी। शिवराज की यह योजना देशभर में तेजी से पॉपुलर हो रही है। दरअसल लाड़ली बहना हर माह त्यौहार और हर माह उपहार देने वाली योजना साबित होगी। लाड़ली बहना योजना देश में अपने आप में अनूठी योजना है और इसका लाभ प्राप्त करने के लिए प्रदेश की महिलाओं में क्रांतिकारी उत्साह नजर दिखा है। प्रदेश में सवा करोड़ लाभार्थी महिलाओं का वोट बैंक बनाने का मतलब है कि मुख्यमंत्री ने इतने ही परिवारों को साध लिया है। महिलाएं परिवार की धुरी होती हैं। उनको अपनी तरफ करने का मतलब है कि मुख्यमंत्री ने एक बड़ा वोट बैंक भाजपा की तरफ मोड़ लिया है। मुख्यमंत्री ने पिछले माह ही अपने निवास पर लाड़ली लक्ष्मी उत्सव मनाया था। इसके तहत लाड़ली लक्ष्मी योजनाओं से लाभ पाने वाली लक्ष्मियों का सम्मान किया गया। इस योजना को विस्तार देते हुए मुख्यमंत्री ने ग्राम पंचायत स्तर पर लाड़ली लक्ष्मी क्लब, लाड़ली लक्ष्मी उद्यान, लाड़ली लक्ष्मी वृक्ष और लाड़ली लक्ष्मी पथ भी प्रदेश में बनाने के निर्देश दिए हैं। अनेक स्थानों पर इन निर्देशों का क्रियान्वयन भी हो गया है।
गेम चेंजर साबित होगी लाड़ली बहना
मप्र में शिवराज सिंह चौहान सरकार को लाड़ली बहना योजना से चुनाव में बहुत उम्मीदें हैं। वहीं इस योजना को लेकर प्रदेश की महिलाओं में बेहद उत्साह नजर आ रहा है। शिवराज सरकार की ये लाड़ली बहना योजना गेम चेंजर साबित हो सकती है। इस योजना के तहत महिलाओं को मिलने वाली राशि सीधे उनके बैंक खाता में जमा होना शुरू हो गई है। प्रदेश में जब से लाड़ली बहना योजना लॉच हुई है , बहनों की आंखों में आत्मविश्वास भरी मुस्कान दिखने लगी है। खुद मुख्यमंत्री का भी कहना है कि मैं बहनों की आंखों में आंसू नहीं, सशक्त आत्मविश्वास से भरी मुस्कान देखना चाहता हूं। ईश्वर ने मुझे बहनों की जिंदगी बदलने के लिए मुख्यमंत्री बनाया है। हमारी सरकार बहनों के लिए सुख, समृद्धि, सुरक्षा और आनंद के मार्ग के साथ उनकी प्रगति के अवसर निर्मित करने के लिए प्रतिबद्ध है। बेटी को बोझ नहीं वरदान समझा जाए, इस उद्देश्य से ही प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना आरंभ की गई। इसी क्रम में बहनों के आर्थिक सशक्तिकरण, आत्म-विश्वास और आत्म-सम्मान के लिए लाड़ली बहना योजना आरंभ की गई है।
योजना का उद्देश्य
लाड़ली बहना योजना कम समय में ही लोकप्रियता के आसमान पर पहुंच गई है। इसकी वजह यह है की यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। परिवारों में बहनें, पैसों के लिए मोहताज और दूसरों पर निर्भर रहती हैं। बहनों के पास स्वयं और अपने बच्चों की बेहतरी पर खर्च करने के लिए पैसे नहीं होते हैं। विशेष रूप से गरीब और निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों की महिलाओं की इस निर्भरता और बेचारगी की स्थिति को बदलने की तड़प मेरे मन में हमेशा बनी रही। आर्थिक सशक्तिकरण आत्म-विश्वास और आत्म-सम्मान का आधार है। बहनों के सशक्तिकरण के लिए सीधे उनके खाते में पैसा डालने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना आरंभ की गई है। यह योजना बहनों के जीवन में नया विश्वास जगाएगी। मप्र सरकार की लाड़ली बहना योजना के पीछे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का मुख्य उद्देश्य ये है कि राज्य की बहनों को वित्तीय सहायता प्रदान करके उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाया जाए।
अब भैया के तौर पर गढ़ रहे छवि
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश सरकार जन कल्याणकारी योजनाओं की लगातार झड़ी लगा रही है। दलितों, आदिवासियों, महिलाओं, किसानों और पिछड़े वर्ग पर प्रदेश सरकार का खास फोकस है। प्रदेश सरकार ने अनेक रोजगार मूलक योजनाएं चलाई हैं, जिससे युवाओं को काम मिलें और वे आत्मनिर्भर बन सकें। अब लाड़ली बहना योजना के जरिए शिवराज का मेकओवर भी हुआ है। लाड़ली लक्ष्मी योजना के जरिए वह बच्चियों के मामा बने थे। अब भैया शिवराज के तौर पर छवि गढ़ रहे हैं, क्योंकि भांजियां वोट नहीं डालती, बहनें जरूर डालती हैं। रणनीति को ऐसे समझिए कि 2023 का नया इलेक्टोरल रोल कहता है कि 2018 के मुकाबले महिला वोटरों का अनुपात बढ़ा है। 2018 में जहां एक हजार पुरुष वोटर्स पर 898 महिला वोटर थीं, 2023 में यह आंकड़ा बढक़र 931 हो गया है। इस समय 2.79 करोड़ पुरुष वोटर हैं, तो 2.60 करोड़ महिला वोटर हैं। इसमें भी 1.25 करोड़ महिला वोटर तो लाड़ली बहना योजना की हितग्राही बन चुकी हैं। अन्य 1.35 करोड़ महिलाओं में से 40 लाख से अधिक महिलाएं राज्य सरकार की किसी न किसी योजना का लाभ ले रही हैं। यह आंकड़ा शिवराज के पक्ष में काम करेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले वर्ष अक्टूबर माह में ऐलान किया था, कि प्रत्येक जिले में लाड़ली लक्ष्मी सडक़ बनेगी। शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में 43 लाख लाड़लियों को लाभ मिला है। अब इसी योजना को विस्तारित किया गया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने लाड़ली बहना योजना भी प्रारंभ की है, जिसके तहत महिलाओं को कल 1000 रुपए ट्रांसफर किए गए। इसी तरह केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के कारण दो करोड़ परिवारों को सीधा फायदा मिला है।