मप्र राजनीति की धुरी बना महाकौशल

आज शिवराज कटनी तो प्रियंका जबलपुर में दिखाएंगी दम

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। मप्र की राजनीति में भाजपा और कांग्रेस के बीच सत्ता का संग्राम चरम पर पहुंच गया है। दोनों पार्टियां प्रदेश में सरकार बनाने के लिए मोर्चों पर सक्रिय हो गई हैं। इस बार दोनों पार्टियों की राजनीति का केंद्र महाकौशल बना हुआ है। भाजपा और कांग्रेस दोनों की कोशिश महाकौशल इलाके को साधने की है। आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जहां कटनी में अपना दमखम दिखाएंगे, वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जबलपुर में वोटरों को साधेगी। दरअसल भाजपा की कोशिश है की वह महाकौशल में अपनी स्थिति को मजबूत करे। वहीं कांग्रेस महाकौशल के सहारे प्रदेश में सरकार बनाने की कोशिश में लगी हुई है।
इस कारण महाकौशल इस बार मप्र की राजनीति का केंद्र बिंदु बन गया है। 2018 में भाजपा को महाकौशल क्षेत्र में आने वाली 38 विधानसभा सीटों में से मात्र 11 मिली थीं। तभी से भाजपा ने अपना फोकस महाकौशल पर केंद्रित कर रखा है। 2020 में सत्ता में वापसी के बाद से ही भाजपा ने आदिवासियों को साधने के लिए कई कार्यक्रम यहीं से चलाए हैं। भाजपा की क्षेत्र में बढ़ती सक्रियता को देखते हुए कांग्रेस ने मिशन 2023 का शंखनाद जबलपुर से करने का निर्णय लिया है, जिसकी शुरूआत आज प्रियंका गांधी करने जा रही है। गौरतलब है की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को जबलपुर के गैरीसन ग्राउंड में लाड़ली बहना सम्मेलन में सवा करोड़ से अधिक हितग्राही महिलाओं के खाते में 1000-1000 रुपए ट्रांसफर किए थे।
हिंदू वोटर्स को लुभाने की कोशिश
देखा जाए तो कटनी में आयोजित कार्यक्रम के माध्यम से भाजपा हिंदू वोटर्स को लुभाने की कोशिश करेगी। वहीं, महाकौशल जो हाल-फिलहाल की स्थितियों में भाजपा के लिए काफी कमजोर है, उसे भी मजबूत करने की कोशिश में है। वहीं, पूरे मप्र कांग्रेस में जान डालने और विधानसभा का चुनावी शंखनाद करने कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी जबलपुर पहुंची हैं। मां नर्मदा के पूजन अर्चन के बाद वह सीधे भंवरताल गार्डन पहुंचकर रानी दुर्गावती के प्रतिमा स्थल पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगी। फिर सभास्थल गोल बाजार शहीद स्मारक में सभा को संबोधित करेंगी। इनके स्वागत में पूर्व सीएम कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, जीतू पटवारी और विवेक तन्खा सहित कई बड़े चेहरे शामिल शामिल हुए हैं। जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह ने बताया कि इस रैली में कम से कम दो लाख लोग शामिल हो रहे हैें। उन्होंने दावा किया कि आठ जिलों वाले जबलपुर संभाग के लोग खुद को भाजपा द्वारा उपेक्षित महसूस करते हैं। हमने इस क्षेत्र में पिछली बार अच्छा प्रदर्शन किया था। इस बार हम चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने जा रहे हैं। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने कहा कि रैली महाकौशल में आयोजित की जा रही है , क्योंकि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा वहां से नहीं गुजरी थी। उन्होंने कहा कि इस रैली से पड़ोसी विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्रों में कांग्रेस को मदद मिलेगी। इसके अलावा महाकौशल क्षेत्र में मजबूत सत्ता विरोधी लहर भाजपा सरकार के खिलाफ है और कांग्रेस के पारंपरिक आदिवासी मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा इस क्षेत्र में रहता है।
प्रदर्शन दोहराना चाहती है कांग्रेस
महाकौशल में 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को निराशा मिली थी। यहां की 38 सीटों में से भाजपा के पास सिर्फ 11 सीटें है, जबकि कांग्रेस ने 26 सीटों पर जीत दर्ज की थी। एक सीट निर्दलीय के खाते में गई थी। वहीं, 2013 में भाजपा ने महाकौशल में 13 सीटें जीती थी। कांग्रेस 2018 की जीत को दोहराना चाहती है। यहां 13 सीटें आदिवासियों और 3 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। महाकौशल की सीटें सत्ता पर पहुंचने का रास्ता तय करती हैं। महाकौशल में आदिवासी वोटरों की अधिक संख्या है, यह कांग्रेस का वोटर है। जिनके कारण ही कांग्रेस ने 2018 में सत्ता में वापसी की थी। इसके बाद कांग्रेस की तरफ से विंध्य, मालवा-निमाड़, ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड में सभाएं होगी। इसमें पार्टी के बड़े नेता हिस्सा लेंगे। पार्टी ने बड़ी जनसभाएं करने की योजना बनाई है।
महाकौशल में दो बड़े आयोजन
आज का दिन मप्र की राजनीति के लिए काफी अहम माना जा रहा है। इस दिन सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा सहित भाजपा के बड़े चेहरों के साथ-साथ, साधु-संतों की मौजूदगी में बड़े धार्मिक कार्यों के लिए कटनी जिले की विजयराघवगढ़ में जुटेंगे। वहीं, मप्र कांग्रेस की ओर से चुनावी शंखनाद करने महासचिव प्रियंका गांधी पड़ोसी जिले जबलपुर में मौजूद रहेंगी, जिसके साथ कमलनाथ, दिग्विजय सिंह समेत कई नेता दिखाई देंगे। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां देश की प्रमुख पार्टी हैं और दोनों का आज एक साथ बड़े कार्यक्रम करना मप्र की राजनीति में कई सवाल पैदा कर रहा है। भाजपा की ओर से विजयराघवगढ़ विधायक संजय पाठक अपनी विधानसभा में श्रीहरि हर तीर्थ बनाने की तैयारियों में जुटे हैं। जहां एक साथ कई देवी-देवताओं के मंदिर और प्रतिमा स्थापित होंगे, जिसमें सबसे बड़ी भगवान परशुराम जी की मूर्ति बताई गई, जो पूरे 108 फीट की होगी, वो भी अष्टधातु की। पूरे कार्यक्रम में शामिल होने नेता, अभिनेता सहित साधु-संत ग्राम बंजारी स्थित राजा पहाड़ पहुंच गए हैं। इस दौरान प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान, वीडी शर्मा, भूपेंद्र सिंह, आशुतोष राणा, स्वामी रामभद्राचार्य, स्वामी अवधेशानंद गिरि, जगदगुरु शंकराचार्य और श्री श्री रविशंकर सहित कई जानी मानी हस्तियां उपस्थित रहेंगी। वहीं कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार के अभियान की शुरुआत महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पीसीसी चीफ कमलनाथ के गढ़ से करने जा रही है। प्रियंका आज जबलपुर में मां नर्मदा की पूजा कर बहुसंख्य वोटरों को धार्मिक संदेश देंगी। इसके बाद बड़ी जनसभा का संबोधित करेंगी। प्रियंका गांधी के महाकौशल रैली करने चुनने के पीछे की वजह मालवा-निमाड़ में राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा कर चुके हैं। महाकौशल में आदिवासी वोटरों की अधिक संख्या है, यह कांग्रेस का वोटर है। जिनके कारण ही कांग्रेस ने 2018 में सत्ता में वापसी की थी।
निकाय चुनाव में भाजपा को मिली हार
महाकौशल में नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा का परिणाम उत्साह जनक नहीं रहा। यहां जबलपुर और छिंदवाड़ा महापौर का चुनाव भाजपा हार गई। कमलनाथ के गढ़ में 18 साल बाद महापौर का चुनाव भाजपा हार गई। वहीं, जबलपुर में 22 साल बाद भाजपा हारी। वहीं, कटनी में भी निर्दलीय प्रत्याशी प्रीति सूरी चुनाव जीती थी। हालांकि बाद में वह भाजपा में शामिल हो गर्इं। महाकौशल से सटा हुआ विंध्य क्षेत्र है। यहां के 7 जिलों में से भाजपा ने 30 में से 24 सीट पर जीत दर्ज की थी। यहां पर भाजपा लगातार फोकस कर रही है। अब कांग्रेस नेता दावा कर रहे है कि महाकौशल में प्रियंका की रैली से विंध्य में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरेगा।