सतपुड़ा आग: भ्रष्टाचारियों की हुई पौ बारह

भोपाल/मंगल भारत। सतपुड़ा भवन में लगी आग में भले ही

हजारों कर्मचारियों की सर्विस से जुड़ा रिकार्ड नष्ट हो गया है, लेकिन वे अफसर व कर्मचारी खुश हैं, जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार के अहम सबूत वहां फाइलों में रखे हुए थे। इस आग में करोड़ों का फर्नीचर व कम्प्यूटर के अलावा अहम दस्तावेज भी पूरी तरह से जल कर राख हो गए हैं। आग में स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्टाचार की लगभग सभी फाइलें भी स्वाहा हो गई।
अब इस मामले की जांच एक आला अफसरों की समिति द्वारा की जा रही है, लेकिन इस बार भी मामला सिफर ही रहने की आंशका जताई जा रही है। इसकी वजह है इस भवन में पहले भी कई बार आग लग चुकी है, लेकिन कभी भी किसी जिम्मेदार पर आंच तक नहीं आयी है। यही वजह है कि इस बार कांग्रेस इस घटना को साजिश बताते हुए सरकार पर हमलावर हो गई है। उधर, आग में हजारों डाक्टर्स और कर्मचारियों का सर्विस रिकॉर्ड भी पूरी तरह से नष्ट हो गया है। इस वजह से कर्मचारी सांसत में बने हुए हैं। बेहद अहम बात तो यह है कि इस आग में प्रदेश के एक सैकड़ों करोड़ के आयुष्मान घोटाले के भी दस्तावेज पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं। स्वास्थ्य महकमे में पिछले सालों में कई गड़बडिय़ां हुई, जिनकी शिकायत ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त में लंबित हैं। आग में इन शिकायतों और भ्रष्टाचार से जुड़े सबूतों के भी नष्ट होने की खबर है। दरअसल इस महकमे के करीब 150 मामलों की जांच की फाइलें भी यहीं रखी थीं। इनमें गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के 65 मामलों की जांच ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त द्वारा की जा रही है। जिसमें प्रदेश स्तर पर हुई खरीदी में गड़बड़ी का मामला भी शामिल है। जानकारी के अनुसार, कोविड के दौरान करीब 350 करोड़ रुपए की वित्तीय गड़बडिय़ों की जांच भी चल रही थी। इसकी फाइलें भी अब आग की भेंट चढ़ चुकी हैं। यही नहीं इन दिनों भवन में पुराने फर्नीचर की जगह नया फर्नीचर के साथ रेनोवेशन का काम चल रहा था। वह भी पूरी तरह से राख हो गया है। इसकी वजह से इस काम का करोड़ों का भी नुकसान हुआ है।
पूरा रिकार्ड हुआ राख में तब्दील
इस भवन में स्थित स्वास्थ्य संचालनालय में विभाग के सभी कर्मचारियों के रिकॉर्ड का लेखा-जोखा रखा जाता है। यह रिकॉर्ड चौथी और पांचवीं मंजिल पर मेंटेन किया जाता है। यह रिकार्ड पूरी तरह से राख हो चुका है। इसमें सर्विस बुक से लेकर सेवानिवृत्ति तक की फाइलें शामिल हैं। आग की चपेट में आकर विभाग की जिन शाखाओं के दस्तावेज नष्ट हुए हैं उनमें वित्त, स्थापना , पेंशन , परिवार एवं नियोजन , समन्वय और डिस्पेंसरी शाखा शामिल है। इसके अलावा स्वास्थ्य आयुक्त सुदाम खाड़े, सहायक संचालक मल्लिका नागर, संचालक राकेश श्रीवास्तव के चैंबर शामिल हैं। सतपुड़ा भवन में लगी आग से फायर सेफ्टी को लेकर बड़ी लापरवाही सामने आई है। प्रारंभिक जांच में यहां पर फायर सेफ्टी के इंतजाम तक नहीं मिले हैं। ग्राउंड फ्लोर पर लगे उपकरण सालों से बंद होने की वजह से वे काम तक नहीं कर रहे थे। प्रदेश में फायर सेफ्टी को लेकर सरकार ने नियम बनाए हैं। निगम के अधिकारियों ने बताया तीसरी मंजिल पर आग लगने की सूचना मिली थी। नगर निगम ने फायर बिग्रेड को रवाना किया। साथ ही फायर कर्मचारियों ने नीचे फायर सेफ्टी के उपकरणों को भी खोजा। लेकिन एक भी उपकरण चालू हालत नहीं था।