भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। प्रदेश में जिंदा लोगों को
मृत बताकर उनके नाम पर राशि हड़पने के मामले के खुलासे के बाद अब प्रदेश में लाड़ली बहनों को भी धोखाधड़ी का शिकार बनाने में लोग पीछे नहीं रह रहे हैं। ऐसे ही एक नए मामले का खुलासा हुआ है। मामला मुरैना जिले का है। यहां पर एक कियोस्क संचालक ने सीएम शिवराज सिंह चौहान की महत्वाकांक्षी योजना को ही पलीता लगा दिया है। दरअसल मुरैना जिले के पोरसा जनपद पंचायत में एक कियोस्क संचालक ने ही दीना पुरा गांव की 42 महिलाओं के खाते में आए लाड़ली बहना योजना के तहत सभी एक -एक हजार रुपए निकाल लिए हैं। महिलाओं को जब यह पता चला तो वे उसके पास पहुंची तो वह महज सौ-सौ रुपए देने को बड़ी मुश्किल से राजी हुआ। गौरतलब है कि लाड़ली बहना योजना के तहत 10 जून को पहली बार पात्र महिलाओं के खाते में एक-एक हजार रुपये जमा किए गए हैं। हद तो यह है कि पीड़ित महिलाओं ने जब इस मामले की शिकायत संबंधित थाने में की तो वहां से भी उन्हें बगैर कार्रवाई किए ही चलता कर दिया गया। अब इस मामले में अपर कलेक्टर नरोत्तम भार्गव ने जांच के आदेश दिए हैं। बताया जाता है कि आरोपी कियोस्क संचालक ने इन महिलाओं के सरपंच और सचिव के साथ मिलकर महिलाओं के जरूरी कागजात रख लिए थे। दस तारीख को जब इन महिलाओं के खाते में एक-एक हजार रुपये जमा हुए तो उनके खातों से उक्त राशि निकाल ली गई। इसका पता चलने पर उन्होंने अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई भी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं हुआ। इसके बाद महिलाओं ने आधार कार्ड से लिंक बैंक खातों की जांच कराई, तो पता चला कि उनका खाता किसी अन्य बैंक में भी है और उसमें पैसा आया था। इस पैसे को कोई पहले ही निकाल चुका है। जब महिलाओं ने कियोस्क संचालक से संपर्क किया तो उसने साफ शब्दों में कह दिया कि 100 रुपये लेने है तो ले लो। इस मामले में अब तक जो जानकारी सामने आ रही है, उसके मुताबिक कियोस्क संचालक रवि तोमर ने गांव आकर फिनो बैंक में उनका खाता खुलवा दिया । जब लाड़ली बहना योजना की राशि उन खातों में आई तो वह अपने खातों की जानकारी लेने तोमर के पास पहुंची तो वह भडक़ गया और महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार करने पर उतारु हो गया।
बैंक भी दे रहे हैं झटका
लाभार्थियों के बैंक खातों में एक हजार रुपए तो आए , लेकिन, वे महिलाओं के हाथ नहीं आ पा रहे हैं। इसकी वजह है न्यूनतम राशि के नाम पर बैंकों ने उनके खातों से राशि काट ली है। इसकी वजह से खातों में रुपए ही नहीं रह गए। इसका खुलासा तब हुआ जब सिरोल की सीमा मित्तल बैंक पहुंचीं। दरअसल, उनके पास 1000 रुपए का मैसेज आया था , जिसे देख कर वह बेहद खुश हुई। लेकिन जब वह उन पैसों को बैंक से निकालने के लिए पहुंचीं तो उन्हें पता चला की बैंक वालों ने ही पैसे कट कर लिए। ये इसलिए किया गया क्योंकि उनके बैंक खाते में न्यूनतम बैलेंस नहीं था। इतना ही नहीं उन पर 13 हजार रुपए की पेनल्टी भी ठोक दी गई। इसी तरह से राजगढ़ जिले के रायपुरा गांव के करण सिंह की पत्नी ललिता के साथ भी ऐसा ही हुआ है। इंदौर शहर में महिलाओं के खाते में आने वाली लाड़ली बहना योजना की पहली किस्त के मामले में इस तरह के करीब पांच हजार मामले सामने आ चुके हैं। दरअसल इन महिलाओं के खातों में लंबे समय से कोई लेन-देन ही नहीं हुआ था। यही नहीं खाते में मिनिमम बैलेंस तक नहीं था। ऐसे में 10 जून को जैसे ही सीएम ने उनके खाते में पैसे ट्रांसफर किए। बैंकों ने इस राशि से ही अपना शुल्क काट लिया।
किसी ने नहीं सुनी फरियाद
इसमें भी बेहद शर्मनाक बात यह है कि पूरे मामले की शिकायत करने जब पीड़ित महिलाएं थाने पहुंची तो थाना प्रभारी ने भी उनकी कोई सुनवाई नहीं की। परेशान महिलाओं ने इसके बाद पोरसा जाकर जनपद पंचायत सीईओ से भी शिकायत की तो , उनके द्वारा भी उन्हें बगैर कोई कार्रवाई किए चलता कर दिया गया। इसके बाद वे कलेक्टर कार्यालय गईं, तब कहीं जाकर उनकी शिकायत अपर कलेक्टर नरोत्तम भार्गव द्वारा सुनी गई। अब भार्गव ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं।