भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। अभी तक प्रदेश में राज्य
के कर्मचारियों द्वारा ही लोगों को सरकारी योजनाओं में चूना लगाने का मामला सामने आता रहा है, लेकिन अब ऐसा ही एक मामला डाक विभाग का सामने आया है। इसमें अलग-अलग स्थानों पर इस विभाग के अफसरों व कर्मचारियों ने कई ग्राहकों को करोड़ों रुपयों का चूना लगा दिया है। मामले की शिकायत सीबीआई तक पहुंच चुकी है।
अब ऐसेे मामलों में सीबीआई मामला दर्ज कर जांच करने में जुटी हुई है। दरअसल विभाग के कर्मचारियों ने डाकघर के बचत खातों में सेंध लगाकर डेढ़ साल में 5.85 करोड़ रुपए निकालकर हजम कर लिए हैं। अब तक इस तरह के मामले भोपाल, जबलपुर, बीना, खुरई और कटनी में सामने आ चुके हैं। अब तक की प्रारंभिक जांच में पाया गया है, कि इस तरह के फर्जीवाड़े में अधिकारियों-कर्मचारियों ने पीड़ितों की पासबुक पर सील लगाकर राशि जमा करना तो दर्शाया है, लेकिन वास्तव में वह राशि उनके खातों में जमा ही नहीं की गई है। इसी तरह से एक अन्य मामले में लंबे समय से बंद पड़े खातों को ऑनलाइन बंद बताकर पहले आईडी पासवर्ड बदला और फिर कर्मचारी-अधिकारी ने खुद को ज्वॉइंट खाताधारक बताकर राशि अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर डाली। ऐसे मामलों का खुलासा तब हुआ, जब पासबुक में दर्ज जमा राशि को निकालने खाता धारक डाकघरों में पहुंचे।
इस तरह से किया घोटाला
भोपाल के रविशंकर नगर और तुलसीनगर उप डाकघरों में डाक सहायक नानकराम मरावी ने साइलेंट खातों से 14.33 लाख अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए। यह फर्जीवाड़ा 2018 से 2021 के बीच किया गया। इस मामले में सीबीआई ने 29 दिसंबर 2022 को प्रकरण दर्ज किया है। इसी तरह से जबलपुर के मोतीनाला के उप डाकपाल बलवान शाह भलवी ने 181 बचत खातों में सेंध लगाकर सितंबर 2020 से अप्रैल 2022 के बीच खातों से 65 लाख रुपए निकाल लिए। इस मामले में सीबीआई ने बीते माह 26 जून को प्रकरण दर्ज किया है। उधर, ग्वालियर के लश्कर पोस्ट ऑफिस में पोस्टल असिस्टेंट रजनीश तिवारी ने 17 बचत खातों को ऑनलाइन बंद बताकर बाद में खुद को ज्वॉइंट खाताधारक बनाकर, उनमें से 13.85 लाख रुपए निकाल लिए । इसी तरह से कटनी डाकघर में डाक सहायक और खजांची जावेद अख्तर ने जबलपुर मंडल के उप डाकघरों की राशि बही में दर्ज कर मुख्य खाते में जमा ही नहीं की। इसके बाद फरवरी 2020 से 17 दिसंबर 2021 के बीच 2.19 करोड़ रुपए का गबन कर दिया। जबलपुर मंडल के खिमलासा, सागर कैंट डाकघरों में पदस्थ उप डाकपाल विशाल कुमार अहिरवार ने बचत खातों की फर्जी पासबुक तैयार कर राशि निकाल ली। उनके साथ ही बीना उप डाकघर के हेमंत सिंह ने मिलकर 1.21 करोड़ का चूना लगा दिया।
डाक जीवन पॉलिसियों में भी कर दिया घोटाला
भोपाल में डाक जीवन पॉलिसी के प्रीमियम, लोन राशि और बचत खातों तक में गड़बड़ी कर 1.50 करोड़ का फर्जीवाड़ा कर दिया गया। इस मामले में सीबीआई द्वारा पोस्टल अधिकारी संजय कुमार इरपाची, अंजलि विश्वकर्मा और करन सिंह जाटव पर एक साल पहले 16 जून को प्रकरण दर्ज किया जा चुका है। संजय ने 23 फरवरी 2018 से 3 फरवरी 2020 तक सिस्टम मैनेजर और 22 दिसंबर 2020 से 29 जून 21 तक प्रवर अधीक्षक के पद पर रहते हुए इस फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया है। संजय ने पासवर्ड रिसेट करने के नाम पर प्रीमियम, लोन राशि रिकॉर्ड में तो दर्ज की ,पर राशि खाते में डाली ही नहीं है।