भोपाल/मंगल भारत। प्रदेश में चार माह बाद होने वाले
विधानसभा चुनावों में इस बार कई नए दल अपनी किस्मत आजमाने जा रहे हैं। इन दलों में आप का नाम भी शामिल हो गया है। प्रदेश में दो दलीय सियासी व्यवस्था के बीच आप कितनी प्रभावी होती है , यह तो चुनावी परिणामों के बाद ही पता चलेगा , लेकिन माना जा रहा है कि अन्य दलों की ही तरह आप भी वोट काटने वाली पार्टी बन कर उभर सकती है।
दरअसल आप पंजाब में मिली सफलता और प्रदेश के निकाय चुनाव में मिली एक महापौर के साथ ही कुछ पार्षदों के पदों पर मिली अप्रत्याशित जीत से बेहद उत्साहित है। यही वजह है कि चुनावी साल में आत्मविश्वास से लबरेज आम आदमी पार्टी के केंद्रीय नेताओं ने प्रदेश में सक्रियता बढ़ा दी है। इसकी वजह यह भी है, कि दिल्ली के बाद पंजाब में सरकार बनने के बाद जिस तरह से गुजरात चुनाव में पहले ही प्रयास में आप को समर्थन मिला है, उससे पार्टी के हौसले बुलंद हुए हैं। यह बात अलग है कि प्रदेश में बीते आम चुनाव में भी आप ने चुनावी किस्मत आजमाई थी , लेकिन तब उसके एक प्रत्याशी को छोडक़र किसी की भी जमानत नहीं बच सकी थी। बावजूद इसके आप नेता सभी 230 सीटों पर चुनाव लडक़र प्रदेश में पार्टी की सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं। पार्टी प्रदेश प्रवक्ता रामकांत पटेल की माने तो सभी सीटों पर संगठन प्रत्याशियों को तलाश रहा है। इसके लिये आंतरिक सर्वे भी कराया जा चुका है। समय आने पर इनके नाम सार्वजनिक कर दिये जाएंगे।
नेताओं के दौरे बड़े
प्रदेश में आम आदमी पार्टी नेताओं के दौरे बीते दिनों के मुकाबले बढ़े हैं। प्रदेश प्रभारी डॉ संदीप पाठक जहां नियमिति संपर्क बनाए हुए हैं। वहीं दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल और भगवंत सिंह मान सहित दूसरे संगठनात्मक नेता कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने लगातार दौरे कर रहे हैं। बीते दिनों ग्वालियर में अरविंद केजरीवाल की सभा इस कड़ी में अहम रही है। वहीं चुनाव प्रभारी बीएस जून भी लगातार कार्यकर्ताओं के साथ संबंध बनाए हुए हैं। बताया जाता है कि चुनावों के मद्देनजर चार संगठन मंत्री और सह संगठन मंत्री की नियुक्तियां भी की जाएंगी। इसके साथ ही आप नेताओं द्वारा प्रदेश के पेशेवरों को साधने का भी काम किया जा रहा है। जिसमें प्रदेश के डॉक्टर, इंजीनियर, समाज सेवी और ऐसा प्रबुद्ध वर्ग जो दूसरे वर्गों को प्रभावित करने में सक्षम है। आप नेता उन्हें पार्टी में शामिल कराने के प्रयासों में हैं।
जातिगत समीकरण साधने की रणनीति
आम आदमी पार्टी जातिगत समीकरण साधने की रणनीति पर काम कर रही है। यही कारण है कि वह जनजाति, ओबीसी समेत आरक्षित वर्ग के मुद्दों और समस्याओं को भुनाने के प्रयासों में है। इनमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिये आरक्षित 82 सीटों को यह दूसरे दलों के मुकाबले अपने लिये भी अनुकूल बनाने की तैयारी में है। बता दें कि अनुसूचित जनजाति के लिए 47 सीट और अनुसूचित जाति के लिए 36 सीट आरक्षित हैं।
नया प्रदेश कार्यालय भी तैयार: आम आदमी पार्टी ने अपना नया ठिकाना अरेरा कॉलोनी में बनाया है। तीन मंजिला बिल्डिंग किराये पर ली गई है। इसमें कार्यालय के साथ चुनावी वार रूम भी होगा। इसके साथ ही विशेष बैठकों का दौर भी शुरू हो गया है। इस कड़ी में आज शुक्रवार को प्रदेश प्रभारी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों के साथ रणनीति पर विमर्श कर रहे हैं।