मध्यप्रदेश नेतृत्व में अब कोई फेरबदल नहीं

तोमर, सिंधिया और विजयवर्गीय को करेंगे सक्रिय…

भोपाल.मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को प्रदेश प्रभारी और अश्विनी वैष्णव को सह प्रभारी बनाकर भाजपा हाईकमान ने सत्ता और संगठन में बदलाव की तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया है। यानी अब इस बात पर पूरी तरह मुहर लग गई है की मप्र में विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। वहीं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया और महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय को चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी देकर सक्रिय किया जाएगा।
भाजपा सूत्रों के अनुसार हाईकमान ने मप्र चुनाव के लिए अपनी टीम बना ली है। इस टीम में मुख्य भूमिका में शिवराज, वीडी, हितानंद, भूपेंद्र यादव, वैष्णव, तोमर, सिंधिया और विजयवर्गीय शामिल हैं। इस टीम को चुनावी मंत्र देने के लिए आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भोपाल आ रहे हैं। भाजपा कार्यालय में चार घंटे चलने वाली बैठक में जहां भूपेंद्र यादव, अश्विनी वैष्णव पदभार संभालेंगे, वहीं तोमर, सिंधिया और विजयवर्गीय को मिलने वाली जिम्मेदारी की घोषणा की जा सकती है।
चुनावी रणनीति पर बड़ी बैठक
चुनावी साल में मप्र राजनीति का हॉट स्पॉट बना हुआ है। राष्ट्रीय स्तर के नेताओं का मप्र में लगातार दौरा हो रहा है। इसी कड़ी में आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भोपाल आ रहे हैं। भोपाल में आज भाजपा की बड़ी चुनावी बैठक होने वाली है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के अचानक भोपाल के लिए प्रस्तावित हुए दौरे से प्रदेश स्तर की राजनीति में लगातार जारी हलचल और तेज हो गई है। अंदरखाने की खबर है कि संगठन में बिना कोई फेरबदल किए चुनावी रणनीति को अमलीजामा पहनाया जाएगा। भाजपा के विभिन्न विभागों के प्रमुख अमित शाह को अपने-अपने विभाग की जानकारी सहित चुनाव की तैयारियों को लेकर प्रजेंटेशन देंगे। माना जा रहा है कि इन नेताओं का रिपोर्ट कार्ड भी इसी से तैयार हो जाएगा। अमित शाह के दौरे को लेकर प्रदेश के सभी भाजपा विधायकों को मौजूद रहने को कहा गया है। अमित शाह के साथ मीटिंग में कई दिग्गज भाजपा नेताओं का रिपोर्ट कार्ड भी तैयार होगा। अमित शाह चार घंटे पार्टी कार्यालय में मैराथन बैठक करेंगे। मप्र में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के अचानक दौरे को काफी अहम माना जा रहा है। हाल ही में मध्यप्रदेश के चुनाव प्रभारी बनाए गए भूपेंद्र यादव और उनके सहयोगी अश्विनी वैष्णव कार्यभार भी ग्रहण करेंगे। इस दौरान अमित शाह दिग्गज नेताओं के साथ बैठक कर जिम्मेदारियां सौंपेंगे।
रणनीति पर होगा मंथन
भाजपा संगठन की चुनावी रणनीति में जुटे कई विभाग आने वाले चुनाव की तैयारियों को लेकर प्रेजेंटेशन देंगे। इसके लिए वर्ष 2018 के चुनाव में जिन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा हानि हुई थी, उस हानि और वर्तमान में जारी एंटीइनकमबेंसी से उबरने के लिए पूरे प्रदेश को चार हिस्सों में बांटकर बड़े नेताओं को सामंजस्य और समर्थन की रणनीति बनाने का काम सौंपा जा सकता है। इस रणनीति की कमान भाजपा के दिग्गज नेताओं नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कैलाश विजयवर्गीय के साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष को दी जा सकती है। दरअसल, राष्ट्रीय नेतृत्व मप्र में बिना परिवर्तन किए हुए चुनावी मैदान में उतरना चाहता है। इसलिए इस बार तोमर, सिंधिया और विजयवर्गीय को बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी हो चुकी है। मप्र में भाजपा एक बार फिर सत्ता के सपने देख रही है। इसमें कई समस्याएं रोड़ा डाल रही हैं, जबकि अब भाजपा में फेरबदल की जो बातें सामने आ रही हैं, उन्हें देखते हुए लग रहा है कि भाजपा 2023 के विधानसभा चुनाव के साथ-साथ 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भी काफी गंभीर है। कैलाश विजयवर्गीय, तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जोड़ी ने पहले जिस तरह कांग्रेस को प्रदेश की सत्ता से बाहर रखा था, उसे देखते हुए लगता है कि यह त्रिमूर्ति 2023 में भी अगर एक साथ हो जाए तो परिणाम भाजपा के पक्ष में हो सकता है।
इन नेताओं को यहां की जिम्मेदारी…
जानकारी के अनुसार, नहीं रणनीति के तहत नेताओं को अलग-अलग क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी जाएगी। मालवांचल में प्रभाव और स्वीकार्यता को ध्यान में रख केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को विधानसभा चुनाव के लिए इस क्षेत्र की जिम्मेदारी दी जा सकती है। तटस्थ स्वभाव और कम बोलकर ज्यादा असर छोडऩे वाले केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को महाकौशल और बघेलखंड में सामंजस्य बैठाने की जिम्मेदारी दी जा सकती है। इस क्षेत्र के असरदार विधायक और नेताओं पर भी तोमर का खासा असर है। तीखे संघर्ष और खुलकर विरोध के मामले में ग्वालियर-चंबल अंचल प्रसिद्ध हो चुका है। ऐसे में भाजपा को इस क्षेत्र के लिए मुखर वक्ता और कार्यकर्ताओं के बीच बगैर किसी लाग लपेट के बात रखने वाले नेता की जरूरत है। यह जरूरत भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पूरी कर सकते हैं। राजधानी भोपाल में रहकर पूरे प्रदेश पर नजर रखने का काम प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को दिया जा सकता है। इसके अलावा सांगठनिक रणनीति में कुशल माने जाने वाले वरिष्ठ नेता शिवप्रकाश, क्षेत्रीय प्रभारी अजय जामवाल और सह प्रभारी पंकजा मुंडे पूरे प्रदेश के लिए काम करेंगे।
प्रदेश को 4 हिस्सों में बांटकर दी जाएगी जिम्मेदारी
बताया जाता है कि हाईकमान चुनावी रणनीति के तहत प्रदेश को चार हिस्सों में बांटकर नेताओं की तैनाती करेगा। इस रणनीति में सबसे ज्यादा फोकस ग्वालियर-चंबल की 34 विधानसभा सीटों पर रखे जाने की संभावना है। कारण यह है कि बीते चुनाव में भाजपा को सबसे ज्यादा हानि इसी अंचल से हुई थी। इसके बाद मालवांचल, महाकौशल और बघेलखंड की सीटों पर फोकस रहेगा। यह पूरी रणनीति संगठन में बदलाव किए गए बगैर लागू होने की संभावना है। इसकी वजह यह बताई जा रही है कि संगठनात्मक इकाइयों में जारी अंतर्विरोध एवं निचले स्तर पर पार्टी को मजबूत बनाने के लिए बनाई गई प्लानिंग फैल होने से अब वरिष्ठ नेता प्रदेश अध्यक्ष बनने की बजाय अलग-अलग क्षेत्रों की जिम्मेदारी लेकर तैयारी को अंजाम देना चाहते हैं। शीर्ष संगठन भी वरिष्ठ नेताओं को क्षेत्रीय जिम्मेदारी देकर ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं तक पहुंच बनाने के लिए नई रणनीति पर काम करेगा।