भोपाल।मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। प्रदेश में कार्यरत करीब ढाई
लाख संविदा कर्मचारियों को लेकर भले ही मुख्यमंत्री व सरकार की मंशा अच्छी है, लेकिन विभागों के अफसर इस मंशा पर पानी फेरने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। इसका उदाहरण है 2018 की संविदा नीति। इसमें शामिल प्रावधानों को अब तक कई विभागों में ही लागू नहीं किया गया है, जिसकी वजह से सरकार द्वारा किए गए नए निर्णयों के लागू होने को लेकर अभी से संविदाकर्मी संदेह जता रहे हैं। इसका उदाहरण प्रदेश का महिला एवं बाल विकास विभाग है। इस विभाग के अफसरों की मनमर्जी ऐसी है कि अब तक 2018 की संविदा नीति का भी लाभ नहीं दिया गया है। इस मामले में राज्य कर्मचारी कल्याण समिति का कहना है कि नये आदेश के मामले में विभाग मनमानी नहीं कर पाएंगे। समिति अध्यक्ष रमेश चंद्र शर्मा का कहना है कि इस बार संविदा कर्मचारियों के हितों के लिए सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा स्पष्ट नियम जारी किये जाएंगे। जिससे विभाग और उनके प्रमुखों की मनमानी पर रोक लगाते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशानुसार लाभ दिया जाना तय किया जाएगा। इसके बाद भी कोई विभाग इसे लागू नहीं करता है, तो फिर कर्मचारी हितों को ध्यान में रखते हुए समिति सरकार को आदेश लागू कराने संबंधी अपनी सिफारिश भेजेगी। उल्लेखनीय है कि हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल ने संविदा कर्मचारियों के संबंध में विस्तृत निर्देश जारी किये हैं। इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा विभागों को इसका पालन करने के आदेश दिए गए हैं। दरअसल मंत्रिमंडल के निर्देश पूरी तरह से स्पष्ट नहीं होने से संविदा कर्मचारियों में संशय की स्थिति बनी हुई है।
यह विभाग नहीं मान रहे पुरानी नीति
संविदा कर्मचारियों के लिए चार साल पहले लागू की गई संविदा नीति को लागू करने में कुछ चुनिंदा विभागों ने ही रुचि ली, जिसकी वजह से अधिकांश विभागों के संविदा कर्मचारियों को अब तक उसके प्रावधानों का फायदा ही नहीं मिल पा रहा है। जिन्होंने सरकार द्वारा संविदा कर्मचारियों के लिये वर्ष 2018 में बनाई गई नीति को लागू नहीं किया है, उसमें महिला एवं बाल विकास विभाग ने मिशन वात्सल्य यानी आईसीपीएस, स्वास्थ्य मिशन, ग्राम एवं निवेश विभाग, नगरीय प्रशासन, ग्रामीण विकास विभाग, चिकित्सा शिक्षा, धर्मस्व और सहकारिता विभाग प्रमुख है। मौजूदा समय में सिर्फ प्रशासन एकेडमी, पुलिस हाउसिंग, खेल एवं युवक कल्याण विभाग द्वारा ही संविदा कर्मचारियों को शासन की मंशानुसार लाभ दिया जा रहा है।
जारी हो स्पष्ट नीति
मौजूदा समय में विभागों के रुख को देखते हुए समेकित बाल संरक्षण कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव दिनेश लोहिया का कहना है कि यदि सरकार मंशानुसार संविदा कर्मचारियों को वास्तविक रूप से लाभ देना चाहती है तो, सामान्य प्रशासन विभाग से स्पष्ट नीति जारी कराने की जरूरत है। जिससे विभाग अपनी मनमानी न कर पाएं। इनका कहना है कि उनके विभाग ने संविदा कर्मचारियों के लिये कैबिनेट से बढ़ाए गए मानदेय को देने में ही आनाकानी कर रहा है। ऐसे में वह संविदा नीति लागू करेगा, संशय बना हुआ है।