भाजपा के कद्दावर नेताओं को मिलेगी यात्राओं की जिम्मेदारी

जनआर्शीवाद यात्रा का नाम बदल कर किया…विजय संकल्प अभियान.

मंगल भारत। अब प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए महज तीन माह का ही समय रह गया है। ऐसे में पार्टी ने एक बार फिर से चुनाव से पहले जनता के बीच जाने की योजना तैयार की है। इसके लिए पार्टी अगले माह विजय संकल्प यात्रा शुरु करने जा रही है, जिसकी कमान पार्टी अपने कद्दावर नेताओं को देने जा रही है। दरअसल प्रदेश में भाजपा हर बार विधानसभा चुनाव से पहले जनआर्शीवाद यात्रा निकालती रही है, जिसका नाम बदलकर इस बार विजय संकल्प यात्रा कर दिया गया है। माना जा रहा है कि दो दिन बाद भोपाल प्रवास पर आ रहे पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा की जाने वाली बैठक में इस अभियान की घोषणा अधिकृत रुप से की जा सकती है। इसके साथ ही इस यात्रा का अलग-अलग इलाकों में नेतृत्व करने वाले नामों की घोषणा भी की जा सकती है। इस यात्रा के लिए जिन नेताओं को जिम्मेदारी दी जा सकती है , उनमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, वीरेंद्र खटीक, डॉ. नरोत्तम मिश्रा, राजेंद्र शुक्ल, सुमेर सिंह सोलंकी जैसे नेताओं के नाम चर्चा में हैं।
पार्टी सूत्रों की माने तो इस यात्रा का पूरा खाका तैयार कर लिया गया है। इस पर पार्टी अध्यक्ष की मुहर लगते ही इसकी अधिकृत घोषणा कर दी जाएगी। इसके लिए बहुत पहले से ही प्रदेश संगठन ने रणनीति तैयार कर ली थी। माना जा रहा है कि इसका शुभारंभ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 14 अगस्त को उज्जैन से कर सकते हैं। फिलहाल इस यात्रा की शुरुआत के लिए तारीख जेपी नड्डा द्वारा कल भोपाल दौरे के दौरान तय की जा सकती है। दरअसल इस बार संगठन ने यह यात्रा प्रदेश के पांच अलग-अलग स्थानों से शुरू करने की रणनीति तैयार की है। यह स्थान प्रदेश के पांचों अंचलों से हैं। इनमें मालवा के उज्जैन से, विंध्य के चित्रकूट से महाकौशल के भेड़ाघाट से, ग्वालियर-चंबल के दतिया और मध्य में होशंगाबाद हैं। यही वजह है कि इन अलग-अलग जगहों से शुरु होने वाली यात्राओं का जिम्मा भी उन अंचलों के बड़े नेताओं को सौंपा जा रहा है। यह यात्राएं सभी अंचलों की हर विधानसभा में जाएंगी। इस यात्रा के माध्यम से इन बड़े नेताओं की न केवल परीक्षा हो जाएगी , बल्कि उनकी लोकप्रियता भी संगठन को पता चल जाएगी। गौरतलब है कि प्रदेश में हर बार चुनाव से पहले इस तरह की यात्रा निकाली जाती रही है, जिसका फायदा भी भाजपा को हर चुनाव में मिलता रहा है। बीते लोकसभा चुनाव में भी प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसी तरह की यात्रा का सहारा लिया था ,जिसके परिणाम स्वरूप भाजपा प्रदेश की 29 में से 28 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही थी। यह बात अलग है कि अब तक जो भी यात्राएं निकाली गई हैं, वह सिर्फ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा ही निकाली जाती रही हैं। इस बार इसका नाम बदलकर विजय संकल्प अभियान कर दिया गया है। वहीं मुख्यमंत्री चौहान को अकेले यह जिम्मेदारी न सौंपते हुए पार्टी के पांच वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
शाह अब भोपाल में गुजारेंगे रात
गृह मंत्री अमित शाह के मप्र प्रवास के कार्यक्रम में बदलाव हुआ है। वे अब अब 30 जुलाई की जगह 26 जुलाई को भोपाल आ रहे हैं। यहां पर वे पार्टी नेताओं के साथ चुनावी तैयारियों की समीक्षा करेंगे। शाह इस दौरान रात्रि विश्राम भोपाल में ही करेंगे। उसके बाद वे अगले दिन रवाना होंगे। इस दौरान वे बाबा महाकाल के दर्शन के लिए उज्जैन भी जा सकते है। वहीं पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा 22 जुलाई को भोपाल आ रहे हैं। उनके साथ प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव और सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव भी भोपाल आएंगे। माना जा रहा है कि नड्डा के साथ पार्टी नेताओं की बैठक के बाद भाजपा अपनी चुनाव से जुड़ी आधा दर्जन समितियों के नाम तय कर देगी। संगठन सूत्रों ने बताया कि शाह 26 को इन प्रमुख समितियों के नेताओं के साथ बैठक करेंगे। इस बार की बैठक में क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल, प्रदेश सह संगठन प्रभारी पंकजा मुंडे और रामशंकर कठेरिया भी शामिल होंगे। गौरतलब है कि भाजपा ने प्रबंधन समिति का संयोजक केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को बनाया है। इस समिति में सदस्यों के नाम अभी फाइनल होना है। इसके अलावा घोषणा पत्र समिति, प्रचार प्रसार समिति, अपील समिति समेत आधा दर्जन समितियों में नेताओं के नामों का चयन होना है।
दो तरह के प्रारूप हैं तैयार
जानकारी के अनुसार विजय संकल्प यात्रा को लेकर दो प्रारूप पर चर्चा की जा रही है। इसमें एक प्रारूप में एक साथ अलग-अलग क्षेत्र में प्रभाव रखने वाले नेता विजय संकल्प यात्रा निकालेंगे। वहीं, सीएम यात्रा के बड़े शहरों के कार्यक्रम में शामिल होंगे। वहीं, दूसरे प्रारूप में एक क्षेत्र से यात्रा प्रारंभ होगी। जो दूसरे क्षेत्र में प्रवेश करेगी। क्षेत्र के अनुसार नेताओं को यात्रा की जिम्मेदारी सौंप दी जाएगी। इसमें भी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष बड़े शहरों के कार्यक्रमों में शामिल होंगे। सूत्रों के अनुसार दूसरे प्रारूप पर करीब -करीब सहमति बन गई है।