कई नेताओं को भी दिए गए अलग-अलग दायित्व
मंगल भारत।। प्रदेश में भाजपा द्वारा चुनावी अभियान समिति के संयोजक का दायित्व नरेन्द्र सिंह तोमर को मिलने के बाद से तमाम तरह की समितियों की घोषणाओं के साथ ही चुनाव अभियान समिति के गठन को लेकर चल रही चर्चाओं पर अब विराम लग गया है। पार्टी के आला नेताओं के बीच किए गए मंथन के बाद कई नेताओं को अब अलग- अलग काम सौंपा जा रहा है। इसमें खास बात यह है कि इस बार चुनाव को लेकर किए जाने वाले कामों का जिम्मा शिव सरकार के कई मंत्रियों को भी दिया गया है। मंत्रियों को चुनाव अभियान समिति में रखा गया है। इसके साथ ही कई अन्य तरह की समितियों का भी गठन कर दिया गया है। यह बात अलग है कि अभी इन समितियों का अधिकृत रूप से ऐलान नहीं किया गया है। चुनाव की दृष्टि से अभी कई अन्य समितियों का गठन किया जाना है। इसके लिए पार्टी में उच्च स्तर पर मंथन भी किया गया है। इस दौरान प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव और सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव भी मौजूद रहे।
दरअसल चुनाव के लिए पार्टी द्वारा 15 समितियां गठित की जानी हैं। इसमें इसमें नेताओं के दौरे, प्रसार- प्रचार, सोशल मीडिया, साहित्य सांकृतिक समूह, स्टार प्रचारक समिति, विस्तार समूह की मॉनिटरिंग जैसी समितियां शामिल हैं। पार्टी सूत्रों की माने तो मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, ओमप्रकाश सखलेचा, इंदर सिंह परमार, मोहन यादव को चुनाव में बेहद महत्वपूर्ण दायित्व निभाने होंगे। इसके अलावा पार्टी इस बार पूर्व में संगठन मंत्री के रूप में काम कर चुके आशुतोष तिवारी, शैलेंद्र बरूआ जैसे चेहरों को भी चुनावी काम में लगाने का तय कर चुकी है। बतौर केंद्रीय मंत्री और चुनाव समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर के मुताबिक भाजपा जीवंत राजनीतिक दल है। चुनाव को लेकर कई काम होते हैं। इसके लिए कई तरह की समितियां बनाकर कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। उन्होंने इस दौरान दावा किया कि भाजपा एक बार फिर से मध्य प्रदेश में सरकार बनाएगी। वहीं संगठन में समन्वय की कमी को लेकर तोमर कहा कि संगठन की नब्ज बराबर चल रही है। किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है। सभी कार्यकर्ता मुस्तैदी से भाजपा के काम के लिए तैयार हैं। जिसके पास जो काम है, वह कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं के परिश्रम से और जनता के आशीर्वाद से भाजपा की सरकार बनेगी बैठकें होती रहती हैं, आगे भी होती रहेंगी।
किस नेता के जिम्मे क्या रहेगा काम
अब चुनावी तैयारियों में कम समय रहने की वजह से संगठन द्वारा अपने नेताओं व कार्यकर्ताओं को अलग -अलग काम सौंपना तेजी से शुरू कर दिया गया है। इसके लिए प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव से सहमति के बाद वित्त समिति का जिम्मा पूर्व विधायक हेमंत खंडेलवाल, पूर्व प्रदेश कार्यालय मंत्री राजेंद्र सिंह राजपूत और अनिल जैन को दे दिया गया है। इनकी मदद पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया करेंगे। राजेंद्र सिंह को इस समिति में रखने की वजह है, उनके पास पार्टी फंड के प्रबंधन का अनुभव होना। उन्हें वित्त के साथ ही एविएशन का भी काम दिया गया है। इसी तरह से चुनाव कार्यालय का जिम्मा पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता को दिया गया है। उनकी मदद के लिए पूर्व सांसद आलोक संजर और प्रदीप त्रिपाठी को तैनात किया जा रहा है। इसी तरह से गुप्ता को केन्द्र के बड़े नेताओं के साथ ही प्रधानमंत्री के दौरे का भी जिम्मा दिया गया है। मीडिया का काम प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल को दिया गया है। हितग्राही और लाभार्थियों के हर विधानसभा में होने वाले सम्मेलन का जिम्मा पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिसोदिया को सौंपा गया है। इसी तरह से रोड शो का काम हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन आशुतोष तिवारी और कानून और चुनाव आयोग का काम एसएस उप्पल और मनोज त्रिवेदी को जबकि, प्रचार सामग्री की खरीदी की जिम्मेदारी भगवानदास सबनानी के पास रहेगी।
मंत्रियों के सामने रहेगा संकट
चुनाव को लेकर पांच मंत्रियों को जिम्मेदारी देने की बात अब तक सामने आ चुकी है। इनमें अधिकांश वे मंत्री शामिल हैं, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि इस बार चुनाव में उन्हें कड़ी चुनौति का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में चुनाव प्रबंधन के लिए दायित्व दिए जाने से इन मंत्रियों के सामने चुनाव के समय संकट खड़ा हो सकता है। इसकी वजह है कि, चुनाव के दौरान इन मंत्रियों को बार-बार अपने चुनाव क्षेत्र में चुनावी प्रचार छोडक़र भोपाल का रुख करना होगा। इसकी वजह है, इन मंत्रियों को चुनाव प्रबंधन समिति में दायित्व दिया जाना तय किया गया है। यह समिति चुनाव के समय किसी भी पार्टी के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है।