और दावेदारों की कुंडली साथ ले गए शाह.
प्रदेश के विधानसभा चुनाव की पूरी कमान सीधे गृह मंत्री अमित शाह के हाथों में ही रहेगी, यह अब पूरी तरह से साफ हो गया है। वे मालवा-निमाड़ के दावेदारों की कुंडली और वहां के समीकरणों की पूरी जानकारी ले गए हैं। इसके अलावा वे यह भी पता कर गए हैं कि कब कौन हारा और कब जीता। इसके पीछे के स्थानीय कारण क्या रहे हैं। रविवार को शाह एक दिनी प्रवास पर इंदौर आए थे। वे यहां पार्टी नेताओं को स्पष्ट संदेश देकर गए हैं कि,चुनाव में किसी भी हाल में 2018 जैसी स्थिति नहीं बनना चाहिए। 37 में से अधिकतर सीटें भाजपा को जीतना है। उन्होंने करीब एक घंटे तक बैठक में जिला वार सभी 9 जिलों की समीक्षा की। बताया जा रहा है कि इसके साथ ही वह 37 सीटों की 2018 की हार-जीत की रिपोर्ट और संभावित प्रत्याशियों की सूची भी ले गए हैं।
अब भार्गव चाहते हैं निर्विरोध निर्वाचित होना
पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव को इस बार उम्र दराज होने के चलते टिकट कटने की आशंका हैं। उन्हें इस बात में भी संदेह है कि पार्टी उनके पुत्र अभिषेक को उनके स्थान पर उम्मीदवार बनाएगी। ऐसे हालात से निपटने के लिए भार्गव ने चुनाव पूर्व तुरुप का इक्का फेंका है। राजनीति हल्कों में इतिहास रचने की खातिर उन्होंने क्षेत्र की जनता से मार्मिक अपील की है। उनका कहना है कि इस बार मुझे निर्विरोध चुनाव जिताएं। ताकि क्षेत्र का चहुंमुखी विकास हो सके। भार्गव ने बीते रोज कैथ सिंचाई परियोजना के भूमि पूजन समारोह में अपील करते हुए कहा कि क्षेत्र की प्रगति के लिए मुझे निर्विरोध चुनाव जीता दें। मुझे तो अभी से दिख रहा है कि रिजल्ट क्या है ? अभी हम 70 से 80 हजार वोट से आगे हैं। दो माह के अंदर एक लाख वोट से आगे हो जाएंगे। दरअसल एकतरफा जीत हासिल कर वे पार्टी के भीतर और बाहर अपनी अहमियत जताना चाहते हैं।
फिर छलका भाजपा के सीनियर नेताओं का दर्द
बीते रोज प्रदेश कार्यालय में बुलाई गई जिला संयोजकों की बैठक में कुछ सीनियर नेताओं का दर्द छलक पड़ा। इन नेताओं ने खुद की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि हम भी पदों पर रहे हैं, पर कई मंत्री अब हमारे फोन तक नहीं उठाते, हमारे जिले में आने पर भी हमारी कोई पूछ परख नहीं की जाती है। भाजपा चुनाव प्रबंध समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर ने इन नेताओं को समझाया और कहा कि आपका सम्मान बरकरार रहेगा और हर बात सुनी जाएगी। बैठक में तोमर ने जिला संयोजकों से जिले में समन्वय बनाने पर जोर दिया। मालवा से जुड़े एक पूर्व मंत्री ने कहा कि नई पीढ़ी को आगे लाना अच्छी बात है पर उसकी आड़ में पुरानों की उपेक्षा की जाए, यह ठीक नहीं है। पार्टी को हमारी याद तीन साल बाद चुनाव की वजह से आयी है।
सीएस को किया गया तलब
एनजीटी के आदेश के बाद भी केरवा कलियासोत जलाशयों के अतिक्रमण और सीवेज मिलने से रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है। मामले में नाराजगी जताते हुए एनजीटी ने अगली सुनवाई में मुख्य सचिव को तलब किया है। ट्रिब्यूनल ने कहा है कि शासन के अधिवक्ता और अधिकारी भी कार्रवाई नहीं होने का कोई उचित कारण नहीं बता सके। इसलिए अब कोई विकल्प नहीं है कि अगली सुनवाई में मुख्य सचिव पेश होकर बताएं कि कार्रवाई क्यों नहीं हुई। एनजीटी ने कलियासोत नदी के मामले में शासन से पूछा था कि नदी के 33 मीटर दायरे के निर्माणों को अब तक क्यों नहीं हटाया । इस पर शासन की ओर से बताया गया कि पर्यावरणीय अनुमति में इस तरह के निर्माण को अवैध नहीं माना गया।