कांग्रेस में फिर उठी आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग.
विधानसभा चुनाव के पहले ही कांग्रेस में सीएम पद को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ दोबारा मुख्यमंत्री बनने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं। लेकिन उनकी मंशा को पार्टी के भीतर ही पलीता लगाने वाले कम नहीं है। दिल्ली की एक बैठक में नेता प्रतिपक्ष भी नाथ पर यह तंज कंस चुके है कि मुख्यमंत्री का चयन कांग्रेस विधायक मिलकर करेंगे। विधायक उमंग सिंगार ने यह कहकर अब नया विवाद खड़ा कर दिया है कि अगला मुख्यमंत्री आदिवासी होना चाहिए। उमंग की इस राय से मन ही मन कांतिलाल भूरिया भी गदगद हो गए है। उमंग ने बकायदा भूरिया का नाम लेकर कहा कि वे सीएम क्यों नहीं हो सकते है।
बोले, अजय सिंह, अपराधों का टापू बन रहा विंध्य
पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि उसकी उदासीनता के कारण विंध्य अपराधों का टापू बनता जा रहा है। उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा कि बीजेपी विधायक राम लल्लू बैस के पुत्र विवेकानंद बैस द्वारा सिंगरौली में एक आदिवासी युवक सूर्य कुमार खैरवार को गोली मारने की घटना दर्शाती है कि आदिवासियों और दलितों के प्रति भाजपा सरकार में घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने पूछा कि किसके इशारे पर पुलिस अपराधी को गिरफ्तार नहीं कर रही है? पुलिस को निडर होकर विधायक पुत्र को गिरफ्तार करना चाहिए।
आईएएस अफसरों को नए बैच आवंटित
राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा में आए 27 अफसरों को केंद्रीय कार्मिक विभाग ने नए बैच आवंटित कर दिए हैं। 2021 और 2022 की डीपीसी के बाद आईएएस बनने वाले अफसरों को 2016 से 2018 तक के बैच दिए गए हैं। वर्ष 2021 की डीपीसी के आधार पर आईएएस अवार्ड पाने वाले अफसरों में 15 को वर्ष 2016 का कॉडर आवंटित हुआ है। डीओपीटी के आदेश में कुछ अफसरों द्वारा हाईकोर्ट में दायर केस के फैसले के आधार पर भी निर्णय लेने की बात कही है। जिन अफसरों ने केस लगा रखे हैं उनमें कमल नागर, नारायण प्रसाद नामदेव, विनय निगम, अरुण परमार, राजेश ओगरे, विवेक कुमार सरियाम।
तीसरी बार भी गवाही देने नहीं पहुंचे जज्जी
अशोकनगर से भाजपा विधायक जजपाल सिंह जज्जी तीसरी बार आदेश के बाद गवाही के लिए कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। उनके वकील ने कोर्ट को बताया कि स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के चलते वे नहीं आ सके। 3 अगस्त को अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद अब वे दिल्ली के किसी प्रतिष्ठित अस्पताल में चेकअप कराएंगे। डॉक्टर ने उन्हें टीएमटी, एंजियोग्राफी, ईको कार्डियोग्राफी कराने की सलाह दी है। कोर्ट ने अब इस मामले की सुनवाई 10 अगस्त को तय करते हुए साढ़े बारह बजे विधायक को गवाही के लिए कोर्ट में उपस्थित रहने के लिए निर्देशित किया है।