तीन दिन तक भोपाल में होगा दावेदारों के नाम पर मंथन.
मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। भाजपा ने भले ही 39 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर चुनावी माहौल को गरमा दिया है, लेकिन कांग्रेस इससे न हड़बड़ाई है और न ही घबराई। कांग्रेस फूंक-फूंककर कदम बढ़ा रही है। पार्टी ने इस बार टिकट वितरण के लिए तीन प्राथमिकताएं तय कर दी हैं। यह हैं- स्वच्छ छवि, जीतने की क्षमता और पार्टी का सर्वे। सूत्रों के अनुसार हाईकमान ने तय किया है कि जो इन 3 पैमानों पर खरा उतरेगा उसी को टिकट दिया जाएगा। इसके लिए प्रदेश कांग्रेस की संगठन और विधासनभा चुनाव को लेकर एक बड़ी बैठक 2 से 4 सितंबर के बीच भोपाल में होने जा रही है। इस बैठक में सभी जिलाध्यक्षों के साथ-साथ प्रदेश के प्रमुख पदाधिकारियों को भोपाल बुलाया है। इसमें संगठन की मजबूती को लेकर भी चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही उम्मीदवारों के नामों की पैनल में से नाम भी फाइनल किए जाएंगे, जिन्हें सीईसी को भेजा जाएगा।
कांग्रेस के प्रदेश संगठन की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह, कैंपेन समिति के अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और उनकी टीम, स्क्रीनिंग कमेटी के जितेन्द्र सिंह, सदस्य अजय कुमार और सप्तगिरी शुक्ला विशेष तौर पर मौजूद रहेंगे। वहीं प्रदेश के प्रभारी और पर्यवेक्षक तथा कांग्रेस के महासचिव रणदीप सिंह सूरजेवाला भी तीन दिन तक भोपाल में ही रहेंगे और विभिन्न बैठकों में भाग लेंगे। विधानसभा चुनाव के हिसाब से यह बैठक अहम मानी जा रही है और इस बैठक के पहले दो दिन संगठनात्मक चर्चा होगी। किस विधानसभा की क्या स्थिति है, इस संबंध में रिपोर्ट भी रखी जाना है। इसके बाद तीसरे दिन यानि 4 सितंबर को प्रदेश स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक होगी, जिसमें टिकट के दावेदारों के नामों पर विचार किया जाएगा। इस बैठक में नामों के पैनल पर चर्चा की जाएगी। इसके बाद सेन्ट्रल इलेक्शन कमेटी (सीईसी) की दिल्ली में होने वाली बैठक में नामों का पैनल या सिंगल नाम भेजे जाएंगे, जिनकी घोषणा 10 सितंबर के पहले की जाएगी।
बंद लिफाफे में मांगे दावेदारों के नाम
मप्र में कांग्रेस सितंबर के दूसरे सप्ताह में 103 सीटों के टिकट घोषित करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए प्रक्रिया तेज कर दी गई है। मप्र के इंचार्ज जनरल सेक्रेटरी रणदीप सिंह सुरजेवाला और स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन भंवर जितेंद्र सिंह ने प्रदेश के 63 जिला प्रभारियों और जिलाध्यक्षों से प्रत्येक विधानसभा से दावेदारों के नाम बंद लिफाफे में मांगे हैं। साथ ही इलेक्शन कमेटी के चेयरमैन कमलनाथ से 230 विधानसभा सीटों के प्रत्याशियों के नाम मांगे हैं। प्रत्येक सीट से एक और दो नाम तय कर स्क्रीनिंग कमेटी में रखे जाएंगे। इनमें से सिंगल नाम तय कर सेंट्रल इलेक्शन कमेटी (सीईसी) के पास भेजे जाएंगे और अंतिम सूची जारी कर दी जाएगी। जिला प्रभारी, जिलाध्यक्ष और इलेक्शन कमेटी द्वारा तीन अलग-अलग बंद लिफाफे में दिए गए दावेदारों के नाम देखे जाएंगे। इन सूचियों में जो कॉमन सशक्त दावेदारों के नाम रहेंगे, उनमें से नाम छांटे जाएंगे। इन नामों को स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग में रखा जाएगा। 230 सीटों के लिए टिकट देने में एआईसीसी के दो और पीसीसी का एक सर्वे भी अहम रहेगा। कांग्रेस टिकटों के बंटवारे के मामले में गंभीर है। पार्टी साफ छवि और जीतने वाले उम्मीदवारों को टिकट देने के पक्ष में है। लगातार हार रही 66 सीटों पर पहले नाम घोषित कर दिए जाएंगे, ताकि प्रत्याशियों को प्रचार के लिए पर्याप्त समय मिल जाए। इन सीटों पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के द्वारा भेजे गए पर्यवेक्षकों ने दावेदारों से नाम लिए थे और उन्हें पीसीसी को सौंप दिया गया है। कर्नाटक पैटर्न पर मप्र में प्रत्येक विधानसभा में दावेदारों को नारी सम्मान योजना के फॉर्म आम जनता के बीच भरवाने के लिए कहा गया है। इस फार्म में कांग्रेस की प्रदेश में सरकार बनने पर पांच गारंटियों का उल्लेख है। इनमें महिलाओं को हर महीने 1500 रुपए, पुरानी पेंशन, किसान कर्जमाफी, 100 यूनिट का बिजली बिल माफ और 200 यूनिट का हाफ, सामाजिक पेंशन की राशि 600 रुपए से बढ़ाकर 1000 रुपए किया जाना शामिल है। ये आवेदन 2 सितंबर के पहले जमा करने को कहा है। जितने ज्यादा आवेदन जिस उम्मीदवार के द्वारा भरवाए जाएंगे, उससे टिकट की प्राथमिकता तय होगी।
सभी समीकरणों का होगा आंकलन
दरअसल, प्रदेश की राजनीति में अब तक टिकट वितरण का काम चुनाव आयोग द्वारा कार्यक्रम घोषित होने के बाद होता था और अनेकों बार तो नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख तक सूचियां आती थी लेकिन इस बार जल्दी टिकट घोषित करने के लिए प्रयास तेज हो गए हैं ,बल्कि भाजपा ने 103 आकंाशी सीटों में से 39 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं और शेष सीटों पर जल्दी ही प्रत्याशी घोषित करने जा रही है। इससे कांग्रेस पर दबाव है। ऐसे में कांग्रेस की रणनीति 2 से 4 सितंबर के बीच राजधानी भोपाल में बनाई जाएगी। जिसमें कांग्रेस के सभी बड़े नेता और जिला अध्यक्ष भी बुलाए गए हैं। प्रभारी और पर्यवेक्षक पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला भी 3 दिन राजधानी भोपाल में रहेगे। पहले 2 दिन संगठनात्मक मुद्दों पर चर्चा होगी प्रत्येक विधानसभा की बूथ स्तर तक जमावट का जायजा लिया जाएगा। तीसरे दिन 4 सितंबर को प्रदेश स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक होगी जिसमें टिकट के दावेदारों के नाम पर विचार किया जाएगा। सर्वे रिपोर्ट और नेताओं की राय के आधार पर कोशिश की जाएगी कि अधिकांश सीटों पर सिंगल नाम तय करके सेंट्रल इलेक्शन कमेटी को भेजे जाए लेकिन विवाद की स्थिति में पैनल बनाकर भेजा जाएगा पार्टी की कोशिश होगी कि 10 सितंबर के पहले अधिकांश प्रत्यशों की घोषणा कर दे। कुल मिलाकर प्रदेश की सियासत में सितंबर का महीना बेहद महत्वपूर्ण होने जा रहा है जिसमें दोनों ही दलों के न केवल अधिकांश प्रत्याशी तय हो जाएंगे। बल्कि रणनीति भी अंतिम रूप ले लेगी, जैसे की संभावनाएं जताई जा रही है। इस बार दीपावली के पहले भी विधानसभा के चुनाव हो सकते हैं। इस कारण चुनाव आयोग के साथ-साथ दलों की तैयारी भी तेज हो गई है देखना है कि सितंबर किसके लिए सितम और किसके लिए रहम देकर जाएगा।