सीएम यादव के सामने बड़ी चुनौती, घोषणाओं पर अमल के लिए रहेगा वित्तीय संकट

मंगल भारत। मनीष द्विवेदी। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के

दौरान भाजपा ने लाड़ली बहना योजना, 450 रुपए में गैस सिलेंडर, किसान सम्मान निधि, एमएसपी पर गेंहू और धान खरीदने जैसी कई तरह की लोकलुभावन घोषणाएं की हुई हैं। इसके बाद भाजपा ने 163 सीट के साथ बंपर जीत दर्ज की। अब नए मुख्यमंत्री मोहन यादव के सामने सबसे बड़ी चुनौती पुरानी योजनाओं को चलाने और नई घोषणाओं को पूरा करने के लिए बजट जुटाने की होगी। जानकारों का कहना है कि सरकार की आय की तुलना में खर्च बहुत ज्यादा है। ऐसे में नई सरकार को राजस्व बढ़ाने के विकल्प पर काम करना होगा। अगर ऐसा करने में सरकार सफल नहीं होती है, तो फिर प्रदेश पर कर्ज दर कर्ज बढऩा तय है।
लाड़ली बहना योजना
प्रदेश में लाड़ली बहना योजना के तहत महिलाओं को अभी 1250 रुपए मिल रहे है। इसकी सात किश्तें दी जा चुकी है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनाव के दौरान 1250 रुपए को तीन हजार रुपए तक करने का एलान कर चुके है। यह राशि करीब 1.31 करोड़ महिलाओं को दी जा रही है। वित्तीय बोझ से दबे प्रदेश में नए मुख्यमंत्री क्या यह वादा पूरा कर पाएंगे।
कर्ज में दबा प्रदेश
प्रदेश सरकार के कर्ज का बोझ उसके सालाना खर्च से भी ज्यादा यानी करीब 3.31 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हो गया है। इसमें मूलधन के अलावा करीब 25 हजार करोड़ रुपए सालाना ब्याज देना पड़ रहा है। इस वित्तीय वर्ष में सरकार का राजस्व आय दो लाख तीन हजार करोड़ रुपए के आसपास है, जबकि व्यय दो लाख दो हजार करोड़ रुपए। ऐसे में नए सीएम के सामने घोषणाओं को पूरा करने के साथ ही कर्ज को चुकाना भी एक बड़ी चुनौती होगी। सरकार को चाहिए की वजह वित्तीय अनुशासन का पालन करने पर जोर दे और खर्च में कटौति करने के लिए फालतू खर्च पर अंकुश लगाए।
यह है वित्तीय भार
– प्रदेश में उपभोक्ताओं को 100 रुपए 100 यूनिट बिजली सब्सिडी देने में 6 हजार करोड़ रुपए का भार।
– लाड़ली बहनों को गैस सिलेंडर पर 450 रुपए की सब्सिडी देने पर करीब 270 करोड़ रुपए का भार।
– लाड़ली बहनों को 1250 रुपए की राशि देने पर करीब 19 हजार करोड़ रुपए का भार। राशि बढ़ाने पर यह भार भी बढ़ेगा।
– किसान सम्मान निधि की राशि में दो हजार रुपए की बढ़ोतरी करने पर करीब पांच हजार करोड़ रुपए का भार आएगा।
यह भी पूरा करना
– सरकार गेहूं 2700 रुए और धान 3100 रुपए प्रति क्विंटल खरीदेगी।
– तेंदूपत्ता चार हजार रुपए प्रति मानक।
– लाड़ली बहनों को पक्के मकान दिए जाएंगे।
– गरीब कल्याण अन्न योजना में चावल-गेहूं-दाल के साथ सरसों तेल, शक्कर देंगे।
एक बार फिर लिया जाएगा कर्ज
प्रदेश में नई सरकार की शुरुआत के पहले कर्ज लेने की भी तैयारी है। जरूरी खर्चों के लिए अनुपूरक बजट भी लाया जाना है। प्रयास है कि नई विधानसभा के पहले सत्र में ही बजट पेश कर दिया जाए, ताकि सरकारी योजनाएं बिना बाधा के चलती रहें। 16वीं विधानसभा का सत्र इसी माह होना है। इस सत्र में विधायकों का शपथ ग्रहण, विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होना है। इसी में अनुपूरक बजट की तैयारी है। यह चालू वित्तीय वर्ष का दूसरा अनुपूरक बजट होगा। साल-दर-साल राज्य के बजट का आकार बढ़ा है। कर्ज का बोझ भी बढ़ता जा रहा है। चालू वित्तीय वर्ष में राज्य का बजट 31.40 लाख करोड़ रुपए का है। पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में यह 13 प्रतिशत अधिक है। पिछली बार की तुलना में ज्यादा बजट होने के बाद भी सरकार के खजाने का बोझ बढ़ा है। इसका एक कारण राज्य में आमजन से जुड़ी अधिक योजनाएं शुरू किया जाना और विकास कार्य भी हैं।
2023-24 में आठ बार
वर्ष 2023 की बात करें तो सरकार अब तक 17 बार कर्ज ले चुकी है। चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में 8 बार कर्ज लिया गया। चुनाव आचार संहिता के चलते तीन बार कर्ज लिया गया। मतगणना के चार दिन पहले भी 2000 करोड़ का कर्ज लिया गया। तर्क दिया जा रहा है कि कर्ज लेना कोई गलत नहीं है, विकास कार्य होंगे तो कर्ज लिया ही जाएगा।
कब-कब लिया गया कर्ज
– 28 नवंबर को 2000 करोड़ रुपए 14 साल के लिए
– 31 अक्टूबर को 2000 करोड़ रुपए 14 साल के लिए
– 25 अक्टूबर 1000 करोड़ रुपए 11 साल के लिए
– 3 अक्टूबर 1000 करोड़ रुपए 15 साल के लिए
– 26 सितम्बर 2000 करोड़ रुपए 6 साल के लिए
– 12 सितंबर को 1000 करोड़ रुपए 16 साल के लिए
– 14 जून को 4000 करोड़ रुपए 11 साल के लिए
– 30 मई को 2000 करोड़ रुपए 10 साल के लिए
– 28 मार्च को 1000 करोड़ 24 साल के लिए
– 21 मार्च को 4000 करोड़ रुपए 20 साल के लिए
– 25 मार्च को 2000 करोड़ रुपए 25 साल के लिए
– 8 मार्च 3000 करोड़ रुपए 20 साल के लिए
– 1 मार्च को 3000 करोड़ रुपए 20 साल के लिए
= 22 फरवरी को 3000 करोड़ रुपए 15 साल के लिए
= 14 फरवरी 3000 करोड़ रुपए 11 साल के लिए
= 7 फरवरी को 3000 करोड़ रुपए 10 साल के लिए
= 31 जनवरी को 2000 करोड़ रुपए 15 साल के लिए हैं
यह वादे भी पूरे करने हैं
चुनाव में भाजपा ने कई वादे किए। जिनका संकल्प पत्र में उल्लेख किया। भाजपा को फिर सत्ता मिली है। ऐसे में वादे पूरे करने होंगे। इसमें लाड़लियों का ध्यान रखने के साथ, युवा, किसान, व्यापारियों सहित अन्य वर्ग का ध्यान रखा गया है। लाड़ली बहना को अभी 1250 रुपए प्रतिमाह दिए जा रहे हैं, यह राशि तीन हजार रुपए तक करना है। 450 में गैस सिलेंडर, किसान सम्मान निधि 6 हजार रुपए करना, सीखो कमाओ योजना के तहत युवाओं को कौशल प्रशिक्षण एवं 10 हजार तक स्टायपेंड प्रदान करना जैसे वादे भी शामिल हैं।