मालवा-निमाड़ की 8 सीटों पर असली परीक्षा

मप्र में लोकसभा की 29 सीटों में से 21 सीटों पर तीन


चरणों में मतदान हो चुका है। पहले और दूसरे चरण में कम मतदान के बाद तीसरे चरण में मतदान प्रतिशत बढ़ा है। चौथे चरण में 13 मई को मालवा-निमाड़ की आठ सीटों पर मतदान होगा। इनमें इंदौर, देवास, उज्जैन, धार, रतलाम, खरगोन, मंदसौर, खंडवा सीटें शामिल हैं। ये सभी सीटें इस समय भाजपा के पास हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ ही उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और प्रदेश के दिग्गज भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय का इन सीटों पर अच्छा प्रभाव है। इन सीटों पर भाजपा को मोहन-कैलाश की जोड़ी से करिश्मे की तो कांग्रेस को जीतू-उमंग से उम्मीदें हैं। वहीं मप्र सरकार के कुछ मंत्रियों सहित केंद्रीय अमित शाह की साख भी इस दांव पर लगी हुई है।
प्रदेश में चौथे और अंतिम चरण में आठ सीटों पर मतदान होगा। इसमें खरगोन, धार और रतलाम सीटें भी शामिल है। इन लोकसभा सीटों में आठ-आठ विधानसभा सीटें हैं। खरगोन और धार में आठ-आठ विधानसभा सीटों में से पांच-पांच सीटें कांग्रेस के पास है। झाबुआ-रतलाम सीट पर आठ में से तीन कांग्रेस और एक सीट भारतीय आदिवासी पार्टी ने जीती है। यहां बराबर-बराबर मुकाबला है। ऐसा बताया जा रहा है कि इन सीटों पर भाजपा और कांग्रेस में कांटे का मुकाबला है। इन सीटों को जीतना पार्टी के लिए चुनौती रहेगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव उज्जैन से आते हैं। उन्होंने भी तीसरे चरण की सीटों को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। उनके मालवा-निमाड़ की सीटों पर लगातार दौरे हो रहे हैं। वह साथ ही कार्यकर्ताओं की बैठक में भी भाग ले रहे हैं। उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा मंदसौर से आते हैं, लेकिन मालवा-निमाड़ की सीटों को जिताने की जिम्मेदारी उनकी है।
इनकी अग्रि परीक्षा
आठ सीटों से आने वाले मंत्रियों में जगदीश देवड़ा, मल्हारगढ़ मंदसौर, कैलाश विजयवर्गीय इंदौर-1, तुलसी सिलावट सांवेर और इंदौर, विजय शाह हरसूद और खंडवा, इंदर सिंह परमार शुजालपुर और शाजापुर, चेतन्य कश्यप रतलाम सिटी, निर्मला भूरिया पेटलावद और झाबुआ, नागर सिंह चौहान, अलीराजपुर है।
इन मंत्रियों पर सीट जिताने के अलावा मतदान प्रतिशत बढ़ाने की भी चुनौती है। इंदौर सीट पर भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के साथ ही तुलसीराम सिलावट पर जवाबदारी है। वहीं इंदौर सीट कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी की गृह जिले की सीट है। ऐसे में यहां से कांग्रेस प्रत्याशी का नाम वापस लेना जीतू के राजनीतिक कौशल पर सवाल खड़ा कर रहा है। उज्जैन सीट पर भाजपा ने एक बार फिर अनिल फिरौजिया पर विश्वास जताया है। वहीं कांग्रेस ने भी अपने विधायक महेश परमार पर भरोसा जताते हुए उन्हें मैदान में उतारा है। उज्जैन भाजपा का गढ़ है यहां जीत का अंतर कितना होगा बस इसी का लोगों को इंतजार है। रतलाम झाबुआ सीट पर जहां भाजपा ने मंत्री नागर सिंह चौहान की पत्नी अनीता चौहान को टिकट दिया है, तो यहां कांग्रेस ने अपने पुराने चेहरे कांतिलाल भूरिया पर भरोसा जताते हुए उन्हें मैदान में उतारा है। भूरिया की क्षेत्र में अच्छी पकड़ है। हालांकि पिछले लोकसभा चुनाव में उन्हें भाजपा के गुमान सिंह डामोर से पराजय का मुंह देखना पड़ा था।
राहुल की न्याय यात्रा की सफलता दांव पर
मप्र में विधानसभा चुनाव से पहले निकाली गई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जिन विधानसभा क्षेत्रों से गुजरी थी, वहां परिणाम पार्टी के अनुकूल नहीं रहे। वहीं, लोकसभा चुनाव से पहले तीसरे और चौथे चरण के लोकसभा क्षेत्रों से भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाली गई। इसमें मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना, राजगढ़, देवास, उज्जैन, धार और रतलाम लोकसभा सीट शामिल हैं। इन सीटों के परिणामों पर सबकी नजर है, क्योंकि इससे भारत जोड़ो न्याय यात्रा की सफलता का आकलन होगा। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा मार्च 2024 में मध्य प्रदेश में निकाली गई थी। यह उन क्षेत्रों से यह गुजरी, जहां कांग्रेस लगातार चुनाव हार रही है। राजस्थान के धौलपुर से यात्रा ने मध्य प्रदेश के मुरैना संसदीय क्षेत्र में प्रवेश किया। ग्वालियर-चंबल अंचल के युवा सेना में जाने की तैयारी करते हैं। राहुल गांधी ने यहां अग्निवीर योजना को लेकर संवाद किया तो पूर्व सैनिकों से भी बात की। ग्वालियर में रोड शो करते हुए गुना पहुंचे। यहां राजगढ़ संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने राघोगढ़ में नुक्कड़ सभा और रोड शो करते हुए खिलचीपुर विधानसभा के भाटखेड़ी में किसानों के साथ खाट पंचायत की, जिसमें राहुल गांधी ने न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने की बात कही। राजगढ़ से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। देवास लोकसभा के शाजापुर से होती हुई यात्रा उज्जैन पहुंची, जहां बाबा महाकाल के दर्शन, बडनगऱ में महिला संवाद और धार के बदनावर में सभा करते हुए रतलाम लोकसभा के सैलाना विधानसभा से होते हुए राहुल गांधी की यात्रा राजस्थान के बांसवाड़ा निकल गई।
आदिवासी बेल्ट पर फोकस
चौथे चरण में पार्टियों का फोकस शहरी इलाकों के साथ आदिवासी बेल्ट पर ज्यादा है। धार, रतलाम, खरगौन, खंडवा आदिवासी बाहुल्य सीटें हैं। इसलिए पार्टियां आदिवासी वोट बैंक पर अधिक फोकस कर रही हैं। खरगौन सीट पर कांग्रेस ने पोरलाल खरते को मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा ने गजेन्द्र सिंह पटेल पर भरोसा जताया है। इस सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे अरुण यादव का काफी प्रभाव है। उसी जिलें की कसरावद सीट से सचिन यादव कांग्रेस से विधायक भी है। खंडवा में कांग्रेस ने नरेन्द्र पटेल को टिकट दिया है जहां से पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव भी दावेदार थे। हालांकि कांग्रेस ने यादव की जगह पटेल पर भरोसा जताया है। वहीं भाजपा ने एक बार फिर ज्ञानेश्वर पाटिल के मैदान में उतारा है। पाटिल को इससे पहले नंद कुमार सिंह चौहान की मृत्यु द्दह्म्4 के बाद हुए उपचुनाव में। पार्टी ने प्रत्याशी बनाया था, जिसमें उन्होंने जीत दर्ज की थी। खंडवा सीट पर मंत्री विजय शाह की प्रतिष्ठा दांव पर है।