संविदाकर्मियों और मजदूरों का बढ़ेगा मेहनताना.
भोपाल/मंगल भारत। लोकसभा चुनाव के चलते 1.45 लाख करोड़ रुपए के अंतरिम बजट से काम चला रही मप्र सरकार जुलाई में चालू वित्तीय वर्ष का बजट पेश करेगी। इसके लिए वित्त विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है। सूत्रों का कहना है कि इस बार बजट में सरकार जहां जनता को कई सहूलियतें दे सकती है, वहीं संविदाकर्मियों और मजदूरों का मेहनताना बढ़ाएगी। इसके लिए वित्त विभाग ने खाका तैयार करना शुरू कर दिया है। गौरतलब है की फरवरी में विधानसभा में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने नए वित्तीय वर्ष का अंतरिम बजट पेश किया था। यह बजट अप्रैल से जुलाई के लिए है। इसके लिए 1 लाख 45 हजार करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया। अंतरिम बजट में न तो किसी नए टैक्स का और न ही किसी नई योजना को शामिल किया गया। इसमें कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए 4 प्रतिशत डीए और महंगाई राहत का प्रावधान किया गया।
अब पूर्ण बजट की तैयारी
प्रदेश में लोकसभा चुनाव के बीच ही अब चालू वित्तीय वर्ष के नए बजट को लेकर वित्त विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। इसके तहत विभागों से बजट को लेकर चर्चा का दौर शुरू करने की भी तैयारी है, इधर वित्त ने सभी विभागों से नए बजट को लेकर प्रस्ताव मांगें हैं। यदि कोई विभाग नई योजना संचालित करना चाहता है, तो नए योजनाओं संबंधी प्रस्ताव हर हाल में 17 जून तक वित्त विभाग को भेजना होगा। वित्त विभाग ने सभी विभागों को ताकीद किया है कि वे बजट सीलिंग के दायरे में ही तैयार करेंगे। इसके लिए वित्त विभाग ने जो निर्देश दिए हैं, उसके मुताबिक संविदा कर्मचारियों के पारिश्रमिक में बढ़ोतरी के लिए 8 प्रतिशत अधिक राशि का प्रावधान बजट प्रस्ताव में करना होगा, इसी तरह मजदूरी में भी कम से 5 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव विभागों को देना होगा, वहीं डीजल, पेट्रोल जैसे मद में 5 फीसदी बढ़ोतरी की जा सकेगी। लोकसभा चुनाव के कारण प्रदेश में चालू वित्तीय वर्ष के लिए केवल लेखानुदान पेश किया गया था। जो 4 माह की अवधि के लिए था। 12 फरवरी को पेश लेखानुदान एक लाख 45 हजार 229 करोड़ 55 लाख 56 हजार रुपए का था।
विभागों से मांगे प्रस्ताव
वित्त विभाग ने जो कार्यक्रम तैयार किया है उसके मुताबिक प्रशासकीय विभागों द्वारा चालू वित्तीय वर्ष के बजट अनुमान के प्रस्ताव 20 मई तक वित्त विभाग को देना होगा, विभागों द्वारा नई योजना के प्रस्ताव 17 जून तक हर हाल में वित्त विभाग को भेजना होगा। वित्त विभाग ने नए बजट के लिए विभागों को जो निर्देश दिए हैं उसके मुताबिक विभाग प्रतिबद्ध देयताएं जैसे वेतन भत्ते, ऋण भुगतान एवं 15वें वित्त आयोग के लिए बजट अनुमान को प्राथमिकता में रखा जाएगा। इसके बाद केंद्र प्रवर्तित, केंद्र क्षेत्रीय योजनाओं के लिए बजट प्रावधान को प्राथमिकता मिलेगी।