भोपाल/मंगल भारत। राधारानी को लेकर अपने प्रवचनों में कहीं गई बातों को लेकर एक बार फिर से कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा विवादों में आ गए हैं। उनके द्वारा कही गई बातों को लेकर संतों में नाराजगी का भाव बन गया है। इसको लेकर अब कथावाचक पं. मिश्रा और संत प्रेमानंद अब आमने सामने आ गए है। पं. प्रदीप मिश्रा ने एक कथा के दौरान राधा को लेकर जो कुछ कहा, उसे वायरल हो रहे वीडियो में सुनने के बाद प्रेमानंद जी बेहद आक्रोशित हैं… दोनों के बीच तू-तड़ाक वाले शैली में वार और पलटवार का दौर चल रहा है।
दरअसल मिश्रा ने कहा था कि भगवान श्रीकृष्ण की 16,108 रानियों में राधा का कहीं भी नाम नहीं है। राधा के पति का नाम भी कृष्ण नहीं है। राधा के पति का नाम अनय घोष हैं और वे बरसाने की नहीं थी। बरसाना में तो राधा के पिता की कचहरी थी, जहां वर्ष में एक बार आती थी, इसलिए उस स्थान का नाम बरसाना पड़ा है। पं. मिश्रा द्वारा कहीं गई इन बातों को लेकर संता प्रेमानंद बहुत नाराज हैं। उनका कहना है कि चार श्लोक पढ़ लिए भागवताचार्य बन गए, कभी बैठे हो संतों के चरणों में, कभी किसी महापुरुष की चरणरज का सेवन करते तो ऐसी वार्ता मुख से नहीं निकलती। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि उन्हें नर्क से कोई नहीं बचा सकता। कह रहा है कि लाड़ली बरसाने में ही नहीं हैं। भागवताचार्य बन ऊट- पटांग बातें करते हैं…
संत प्रेमानंद जी गरजे-चार श्लोक पढ़ लिए और बन गए भागवताचार्य
कल हमको एक क्लिप दिखाई गयी, किसी भागवत प्रवक्ता की। वो लाडली जू के विषय में बोल रहा है कि राधा ऐसा राधा वैसा चार श्लोक पढ़ लिए, भगवत प्रवक्ता बन गए। कभी बैठे हो संतों के चरणों में? कभी किसी महापुरुष की चरण रज का सेवन करते तो ऐसी असभ्य वार्ता, ऐसी वाणी नहीं निकलती। चर्चा की जाती है प्रभु की, प्रभु में अनुराग प्रकट करने के लिए स्वयं में और जो सुने उसे भगवान में श्रद्धा हो जाए। प्रिया जू में श्रद्धा हो जाये। जो हमारी लाडली के विषय में एक भी बात नहीं जानता, वो लाड़ली जी के बारे में बोलने का क्या अधिकार रखता है? क्या जानकारी रखता है लाडली जी के विषय में? श्री जी, अरे हम जीते है उन्हीं से, हम उन्हीं में रहते है वो हम में रहती है और तुम्हें जानकारी करनी है श्री जी क्या है तो हमारी आंखों में आंख मिलकर देख श्री जी क्या है? फिर तुझे पता चलेगा। अरे तुझे नरक से कोई नहीं बचा सकता। चार श£ोक पढक़र तू भागवतार्य बनेगा? अरे तुझे शर्म आनी चाहिए, जिसका जस गाके जीता है, जस गाकर खाता है। जिसके जस गाकर के तेरे को लोग नमस्कार और प्रणाम करते हैं, उसकी मर्यादा को तू नहीं जानता। किस बात का माइक में बैठ के प्रवचन करता है, जब तुझे ब्रह्मतत्व का बोध नहीं। अरे चराचर जगत में भगवान देखने बाले महाभागवताचार्य कहे जाते है और तू भागवत का प्रवचन करता है। भगवान की निंदा करता है। श्री जी की अवहेलना की बात करता है। कहता की बरसाने में नहीं है। कभी सामना पड़ा नहीं संतो से, चार लोगों से पांव पुजवाता है और समझता है कि तू बहुत बड़ा भागवत प्रवक्ता है, जानता नहीं तू श्रीजी को.. चार श्लोक पढ़ लिए भागवत प्रवक्ता बन गए। नरक जाओगे, ध्यान रखना। वृन्दावन की भूमि से गरज के बोल रहा हूं। बोलने का अधिकार जब है, जब तत्व का पूरा बोध हो जाये।
कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा का वीडियो वायरल
विश्वात शिव कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा इन दिनों फिर विवादों से घिर चुके है। सोशल मीडिया पर पंडित प्रदीप मिश्रा का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें एक कथा के आयोजन पर व्यास पीठ से पंडित मिश्रा ने राधा रानी के विषय में टिप्पणी को लेकर है। इसमें विख्यात शिव कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने राधारानी की शादी को लेकर कहा, कि भगवान श्रीकृष्ण की सोलह हजार एक सौ आठ रानियों में राधा का कहीं भी नाम नहीं है। वहीं राधा के पति का नाम भी कृष्ण नहीं है। राधा के पति का नाम अनय घोष था। उनकी शादी छाता गांव में हुई थी। राधा रावल की रहने वाली थीं। बरसाना में तो राधा के पिता की कचहरी थी। जहां राधा वर्ष में एक बार आती थी, इसलिए उस स्थान का नाम बरसाना नाम पड़ा।