परिवार में दरार समाज को पसंद नहीं… मुझे अपनी ग़लती का एहसास है: अजित पवार

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष अजित पवार ने एक महीने से भी कम समय में दूसरी बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि लोकसभा चुनाव 2024 में उन्होंने बहन सुप्रिया सुले के ख़िलाफ़ अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाकर ग़लती की थी.

नई दिल्ली: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष अजित पवार ने एक बार फिर दोहराया है कि उन्होंने अपनी चचेरी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ बीते लोकसभा चुनाव में पत्नी सुनेत्रा को चुनावी मैदान में उतारकर गलती की थी.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, एक जनसभा को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि समाज परिवारों में दरार पसंद नहीं करता. पवार ने कहा कि वह पहले ही अपनी गलती स्वीकार चुके हैं.

उक्त शब्द शुक्रवार (6 सितंबर) को गढ़चिरौली शहर में एनसीपी द्वारा आयोजित जनसम्मान रैली को संबोधित करते हुए पवार ने पार्टी नेता और राज्य मंत्री धर्मराव बाबा आत्रम की बेटी भाग्यश्री को शरद पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी (एसपी) में शामिल होने से रोकने का प्रयास करते हुए कहे.

गौरतलब है कि एक महीने से भी कम समय में यह दूसरी बार है जब पवार ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि लोकसभा चुनाव 2024 में उन्होंने सुले के खिलाफ अपनी पत्नी को खड़ा करके गलती की थी और राजनीति को घर के अंदर नहीं घुसना चाहिए.

ज्ञात हो कि अजित पवार ने लोकसभा चुनाव में बारामती सीट से अपनी चचेरी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को चुनाव लड़ाया था. सुले यह सीट लगातार चौथी बार जीतने में सफल रही थीं. उन्होंने भाभी सुनेत्रा को लगभग 1.5 लाख वोट से हराया था.

बहरहाल, आगामी विधानसभा चुनाव में भाग्यश्री और उनके पिता के बीच संभावित मुकाबले को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं. इस पर पवार ने रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘बेटी को उसके पिता से ज्यादा कोई प्यार नहीं कर सकता. बेलगाम में उसकी शादी करने के बावजूद, वह (आत्रम) गढ़चिरौली में उसके साथ खड़े रहे और उन्हें जिला परिषद का अध्यक्ष बनाया. अब आप (भाग्यश्री) अपने ही पिता के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार हैं. क्या यह सही है?’

पवार ने कहा, ‘आपको अपने पिता का समर्थन करना चाहिए. उन्हें जीतने में मदद करनी चाहिए क्योंकि केवल उनके पास ही क्षेत्र का विकास करने की क्षमता और दृढ़ संकल्प है. समाज कभी भी अपने परिवार को तोड़ना स्वीकार नहीं करता है, यह परिवार को तोड़ने जैसा ही है.’

पवार ने कहा, ‘समाज को यह पसंद नहीं है. मैंने भी यही अनुभव किया है और अपनी गलती स्वीकार की है.’

इससे पहले, बीते माह अजित पवार ने मराठी समाचार चैनल ‘जय महाराष्ट्र’ को दिए साक्षात्कार में कहा था, ‘मैं अपनी सभी बहनों से प्यार करता हूं. राजनीति को घर में नहीं घुसने देना चाहिए. मैंने अपनी बहन के खिलाफ सुनेत्रा को मैदान में उतारकर गलती की थी. ऐसा नहीं होना चाहिए था. लेकिन (एनसीपी के) संसदीय बोर्ड ने फैसला किया. अब मुझे लगता है कि यह गलत था.’

गौरतलब है कि अजित पवार ने उसी साक्षात्कार में यह भी स्पष्ट किया था कि चूंकि शरद पवार परिवार के मुखिया और वरिष्ठ नेता हैं, इसलिए वह उनकी किसी भी आलोचना का जवाब नहीं देंगे. उन्होंने यह भी कहा था कि वह केवल विकास के बारे में बोलेंगे और उनके खिलाफ किसी भी आलोचना के बारे में नहीं.

बता दें कि हालिया संपन्न लोकसभा चुनाव के नतीजों में महाराष्ट्र में सबसे अधिक फजीहत अजित पवार की पार्टी एनसीपी की ही हुई थी और वह केवल एक लोकसभा सीट जीतने में सफल रही थी, जबकि टूट का खामियाजा भुगतने वाली शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के खाते में 8 सीटें गई थीं.

नतीजों के बाद से सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा अजित पवार जहां एक ओर गठबंधन के सहयोगी दलों (भाजपा और शिवसेना) के नेताओं के निशाने पर हैं और लगातार उनके हमलों का सामना कर रहे हैं, तो दूसरी ओर चाचा शरद पवार के गुट की तरफ उनका नरम रवैया भी देखा जा रहा है.