जम्मू कश्मीर: गांदरबल में निर्माण कंपनी पर आतंकी हमला, एक कश्मीरी डॉक्टर समेत 7 लोगों की मौत

हमला गांदरबल ज़िले में विकास परियोजना पर काम कर रही लखनऊ की निर्माण कंपनी एपीसीओ इंफ्रा के बेस कैंप पर हुआ. हमले से प्रवासी श्रमिकों के बीच डर का माहौल पैदा होने की संभावना है जो निर्माण, कृषि सहित अन्य कुशल और अकुशल क्षेत्रों में काम करके कश्मीर में अपनी आजीविका कमा रहे हैं.

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के गांदरबल ज़िले में रविवार (20 अक्टूबर) को एक निर्माण (कंस्ट्रक्शन) कंपनी के बेस कैंप पर संदिग्ध आतंकवादियों ने गोलीबारी की, जिसमें कम से कम सात लोगों की मौत की सूचना अधिकारियों ने दी है. इनमें एक कश्मीरी डॉक्टर भी शामिल हैं. वहीं, इस हमले में पांच अन्य लोग घायल हुए हैं.

मालूम हो कि जम्मू-कश्मीर में 9 जून को रियासी जिले में तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस पर हुए हमले के बाद ये आम नागरिकों पर दूसरा बड़ा हमला है. रियासी हमले में नौ लोग मारे गए थे, जिनमें से कुछ तीर्थयात्री भी थे.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमला रविवार शाम को श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर गगनगीर गांव के पास हुआ, जब अज्ञात बंदूकधारियों, जिनकी संख्या दो बताई जा रही है, ने लखनऊ की निर्माण कंपनी एपीसीओ इंफ्रा के बेस कैंप पर अंधाधुंध गोलीबारी की. ये कंपनी कश्मीर में कई प्रमुख परियोजनाओं पर काम कर रही है.

सूत्रों के अनुसार, बेस कैंप उन इंजीनियरों, अन्य कर्मचारियों और मजदूरों के लिए एक रात्रि आश्रय के रूप में काम करता है, जो जेड-मोड़ सुरंग के निर्माण में शामिल हैं. ये सुरंग कश्मीर घाटी को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख से जोड़ती है.

रिपोर्ट्स में कहा गया है कि बंदूकधारियों ने पहले बेस कैंप की बिजली लाइनों को काट दिया और फिर रात का खाना खा रहे श्रमिकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की.

अधिकांश पीड़ितों की पहचान की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है. हालांकि, मृतकों में एक कश्मीरी डॉक्टर भी शामिल हैं, जिनकी पहचान डॉ. शाहनवाज के रूप में हुई है. वह मध्य कश्मीर के रहने वाले थे.

गोलीबारी में निर्माण कंपनी में काम करने वाले एक सेफ्टी मैनेजर और एक मैकेनिकल मैनेजर समेत जम्मू, बिहार और मध्य प्रदेश के रहने वाले अन्य श्रमिक मारे गए हैं.
गोलीबारी के कुछ समय बाद कथित तौर पर शूट किया गया 27 सेकंड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ है, जिसमें देखा जा सकता है कि बेस कैंप के पास लगभग 10 मीटर की दूरी पर दो पीड़ितों के खून से लथपथ शव पड़े हुए हैं.

इस वीडियो में पीड़ितों में से एक को सफेद शर्ट और हरे रंग की पैंट पहने देखा जा सकता है और उसका शरीर एक सफेद कार के पास उल्टा पड़ा हुआ है. वहीं, दूसरे पीड़ित के पास एक हरे रंग की पानी की बोतल पड़ी हुई है, जो सफेद धारियों वाले भूरे रंग के स्वेटर के साथ काली पैंट में है.

पुलिस ने अब तक मारे गए अधिकांश पीड़ितों की पहचान की पुष्टि नहीं की है. पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर) वीके बिर्डी ने स्थानीय मीडिया से हत्याओं की पुष्टि करते हुए कहा कि यह घटना एक जंगली इलाके में हुई है. अभी तक किसी भी उग्रवादी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है.

गोलीबारी के बाद पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बल के जवानों की एक टीम मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है.

पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात, आईजी बिर्डी समेत अन्य शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने रविवार देर रात हमले वाली जगह का दौरा किया.

जब यह रिपोर्ट लिखी जा रही थी, तब अपराधियों को पकड़ने के लिए इलाके में तलाशी अभियान चल रहा था.

ज्ञात हो कि गांदरबल जिले की ये घटना दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में रामबियारा नदी के पास बिहार के एक प्रवासी श्रमिक की गोलियों से छलनी हुए शव मिलने के दो दिन बाद हुई है. संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा अगवा कर मारे गए व्यक्ति की पहचान अशोक चौहान के रूप में हुई थी. वह जिले में मक्का बेचते थे.

हालांकि, किसी भी आतंकवादी समूह ने इस हमले का दावा नहीं किया, लेकिन पुलिस ने इस घटना को ‘आतंकवादी हमला’ बताया था.

गांदरबल में हुए हमले से बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के उन हजारों प्रवासी श्रमिकों के बीच डर का माहौल पैदा होने की संभावना है, जो निर्माण, कृषि सहित अन्य कुशल और अकुशल क्षेत्रों में काम करके कश्मीर में अपनी आजीविका कमा रहे हैं.

गौरतलब है कि उमर अब्दुल्ला के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद नागरिक हत्या की यह दूसरी घटना है, जिसके चलते उनकी सरकार को कार्यालय में आने के बाद कानून- व्यवस्था के मोर्चे पर कड़े सवालों का सामना करना पड़ सकता है.

सोशल मीडिया मंच एक्स पर उमर अब्दुल्ला ने हमले को कायरतापूर्ण बताते हुए इसकी निंदा की है.

उन्होंने लिखा, ‘सोनमर्ग क्षेत्र के गगनगीर में ग़ैर-स्थानीय मजदूरों पर कायरतापूर्ण हमले की बेहद दुखद खबर है. ये लोग इलाके़ में एक प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजना पर काम कर रहे थे. मैं निहत्थे निर्दोष लोगों पर हुए इस हमले की कड़ी निंदा करता हूं और उनके प्रियजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं.’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों- पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, गुलाम नबी आज़ाद की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) और अन्य- ने भी इस हमले की निंदा की है.

महबूबा मुफ्ती ने एक्स पर गांदरबल में मजदूरों के खिलाफ हुई हिंसा को संवेदनहीन कृत्य बताते हुए शोकाकुल परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की.

वहीं, गुलाब नबी आज़ाद ने कहा, ‘कश्मीर के गांदरबल के गगनगीर इलाके में निर्दोष मजदूरों की हत्या की कड़ी निंदा करता हूं. पिछले तीन दिनों में यह तीसरी हत्या है. यह मानवता के विरुद्ध कृत्य है. शांति के दुश्मनों से सख्ती से निपटना होगा. उनके परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं और घायलों के लिए प्रार्थना!’

पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के महासचिव और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री इमरान अंसारी ने घटना की सूचना सामने आते ही एक्स पर लिखा था, ‘सोनमर्ग के गगनगीर में क्रूर हत्याओं से बहुत परेशान हूं. दो मासूमों की जान चली गई, परिवार तबाह हो गए. अधिकारियों से तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है. कश्मीर शांति, न्याय और संवेदनहीन हिंसा के अंत का हकदार है,’