भोपाल/मंगल भारत। सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों और
पुलिसकर्मियों का तबादलों के लिए इंतजार बढ़ता ही जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में बहुप्रतीक्षित तबादलों को लेकर फिर मांग उठी, लेकिन इस संबंध में हर कैबिनेट में प्रस्ताव आने का इंतजार इस बार भी बना रहा । इसकी वजह है इसको लेकर इस बार भी कोई प्रस्ताव नहीं आया। दरअसल माना जा रहा है कि पहले पार्टी के सदस्यता अभियान और उसके बाद अब उप चुनाव के चलते तबादलों पर लगी रोक हटाने का मामला टाल दिया गया है। गौरतलब है कि प्रदेश में बीते ढाई सालों से तबादलों पर लगा प्रतिबंध जारी है। उधर, तमाम मंत्री जल्द से जल्द तबादलों पर लगी रोक हटाने की मांग समय-समय पर करते आ रहे हैं। ऐसे में यह तो लगभग तय हो गया है कि अब नए साल में ही तबादलों पर लगी रोक हटाई जाएगी।
गौरतलब है कि राज्य सरकार आमतौर पर प्रतिवर्ष मई-जून में तबादलों से बैन हटाती है। इसमें अधिकतम 20 फीसदी तबादले करने का अधिकार विभागीय मंत्रियों को दिया जाता है। लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची तैयार करने के लिए कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही तबादलों पर बैन लग गया था। हालांकि पूर्व में अनुमान लगाया गया था की सदस्यता अभियान समाप्त होते ही तबादलों से प्रतिबंध हट जाएगा , लेकिन इसके बाद पार्टी संगठन के चुनावों के साथ ही दो सीटों पर उपचुनाव आ जाने से एक बार फिर से मामला टाल दिया गया है।
दो दिन पहले हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में भी यह मामला उठा था पर मुख्यमंत्री ने इस बार दीपावली के बाद विचार करने की बात कही। अब कैबिनेट की बैठक दीपावली के बाद ही होने की उम्मीद है। उधर, जरूरी तबादले अब भी किए जा रहे हैं। जरूरी तबादलों में प्रस्ताव सीएम समन्वय में जाते हैं और वहां से मंजूरी के बाद तबादले आदेश जारी किए जाते हैं।
तीन मंत्रियों ने की एक साथ मांग
सूत्रों की मानें तो तीन दिन पहले हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में तीन मंत्रियों ने सीएम से तबादलों पर प्रतिबंध हटाने पर विचार करने को कहा था। इन मंत्रियों का कहना था कि तबादलों पर बैन होने के कारण वे जरूरी प्रशासनिक तबादले नहीं कर पा रहे हैं। इस पर सीएम ने दीपावली के बाद इस पर विचार करने को कहा है। वहीं सूत्रों का यह भी कहना है कि अब आधा शैक्षणिक सत्र बीत चुका है। कर्मचारी संगठन अब तबादलों पर से बैन हटाने का विरोध कर रहा हैं। उनका कहना है कि अगर अब प्रतिबंध हटाया जाता है को कर्मचारियों को अपने बच्चों के प्रवेश में दिक्कत आएगी। ऐसे में सरकार अब तबादलों पर अब प्रतिबंध हटाने के पक्ष में नहीं दिख रही है। संभावना इस बात की है कि जिलों में तबादलों पर से प्रतिबंध में जिला स्तर पर आंशिक ढील दी जा सकती है। इसमें तबादलों की अधिकतम सीमा दस प्रतिशत तय की जा सकती है। यह तबादले प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद किए जा सकें गे।