उमा भारती और एक आइपीएस का फर्जी वीडियो वायरल, मामला दर्ज

उमा भारती और एक आइपीएस का फर्जी वीडियो वायरल, मामला दर्ज.

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और आइपीएस अधिकारी रूपा दिवाकर को लेकर एक फर्जी और आपत्तिजनक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है। 40 सेकंड के इस वीडियो में उमा भारती और रूपा की तस्वीर में काट-छांट कर झूठी कहानी बताई गई है। वीडियो पर आपत्ति लेकर सोमवार को उमा भारती के निज सचिव उमेश गर्ग ने क्राइम ब्रांच में इसकी शिकायत की। इसके बाद क्राइम ब्रांच थाना पुलिस ने अज्ञात आरोपित पर एफआइआर दर्ज कर जांच शुरू की है। पुलिस के अनुसार, उमेश गर्ग के पास सोमवार को किसी अज्ञात नंबर से इस वीडियो का लिंक उनके फोन पर भेजी थी। उन्होंने लिंक ओपन किया तो 40 सेकंड के वीडियो में उमा भारती को लेकर एक मनगढ़ंत कहानी बताई गई है। गर्ग का कहना है कि इस वीडियो के माध्यम से पूर्व मुख्यमंत्री की छवि धूमिल हो रही है। इसलिए वीडियो बनाने वाले और उसे पोस्ट करने वाले के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। इस पर क्राइम ब्रांच ने केस दर्ज कर लिया है।

पड़ोसी जिले में पर्याप्त खाद और गुना में नहीं मिल रही: दिग्विजय
रबी सीजन में बुआई के समय खाद न मिलने पर पूर्व सीएम व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर वितरण व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने गुना जिले में खाद की कमी पर जोर देते हुए सीएम को लिखा है कि पड़ोसी जिला अशोकनगर में पर्याप्त खाद है और यहां किसान परेशान हो रहे हैं। बुआई का आधा समय बीत गया, लेकिन अभी तक एक रैक भी नहीं पहुंची है। अपने पत्र में पूर्व सीएम ने लिखा है कि गुना में सिर्फ एक रेक (करीब 2700 मैट्रिक टन) खाद की आपूर्ति हुई है, जबकि मांग 25 हजार टन से अधिक है। खाद की कमी के चलते किसान वितरण केंद्रों पर लाइन में लगे रहते हैं, फिर भी उन्हें पर्याप्त खाद नहीं मिल पाता। पड़ोसी जिलों में पर्याप्त भंडार होने से कालाबाजारी का खतरा बढ़ गया है।

झारखंड में सीएम यादव बोले, यह चुनाव सभी बेईमानों से निपटने का
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने झारखंड के महगामा एवं पोरेयाहत विधानसभा में आयोजित चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अंग्रेजों के सामने चट्टान की तरह लडऩे वाले भगवान बिरसा मुंडा की धरती से झारखंड की जनता की आवाज आ रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आवाज से मिल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बदलते समय में जो समय के साथ नहीं चलते हैं, वे मिट जाते हैं। झारखंड की लड़ाई 1937 से शुरू हुई, लेकिन बीच में कई लोगों का मन झारखंड के विकास के लिए नहीं था, उनका मन सिर्फ लूट-खसोट के लिए था। ऐसे लोग लंबे समय तक कांग्रेस के भीतर और कांग्रेस के साथ में रहे। लगातार झूठ बोलकर कहते थे कि झारखंड राज्य बिहार से अलग हो ही नहीं सकता। यहां के बेईमान नेता चोर, डाकू, लूटेरे रोटी की जगह पर नोट खाते हैं। मंत्री, पीए और नौकरों के घर से 350 करोड़ रुपये निकलना आश्चर्य की बात है। यह चुनाव सभी बेईमानों से निपटने का चुनाव है। झारखंड में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। यहां के चिकित्सक, इंजीनियर, आईएएस, आईपीएस की प्रतिभाओं को आगे आने का मौका नहीं मिलता है, क्योंकि यहां बेईमानों ने कब्जा करके रखा है। विपक्षी नेताओं के लिए परिवार प्रथम और भाजपा के लिए देश प्रथम है। कांग्रेस के शासनकाल में एक हजार मनरेगा घोटाला, 600 करोड़ जमीन घोटाला, एक हजार करोड़ खनिज घोटाला, शराब घोटाला, सेना की जमीन का घोटाला, नौकरियों में घोटाले हुए हैं। ऐसे घोटालेबाजों को घर बैठाना है और संकल्प लेना है कि झारखंड में कमल खिलेगा और यह प्रदेश देश के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेगा।