मंत्रालय से लेकर जिलों तक होगा फेरबदल

मुख्य सचिव तैयार कर रहे एक और सूची.

मंगल भारत। मनीष द्विवेदी। मुख्य सचिव अनुराग जैन का पूरा फोकस प्रशासनिक कसावट पर है। इसलिए 26 आईएएस अधिकारियों के तबादले के बाद प्रदेश में एक और बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की तैयारी चल रही है। सूत्रों का कहना है कि मुख्य सचिव एक और सूची तैयार कर रहे हैं, जिसमें मंत्रालय से लेकर जिलों में पदस्थ अफसरों के नाम हैं। यानी अगली सूची में प्रमुख सचिव, सचिव स्तर के अफसरों को नई जिम्मेदारी दी जाएगी, वहीं कई जिलों के कलेक्टर भी बदलेंगे।
गौरतलब है कि अनुराग जैन ने मुख्य सचिव की कमान संभालने के लगभग चालीस दिन बाद बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की है। इसके बाद भी अभी कई पद अतिरिक्त प्रभार में है। संभावना है कि जल्द ही एक और प्रशासनिक फेरबदल किया जाएगा। एमडी व संचालक खनिज निगम, आयुक्त मप्र गृह निर्माण मंडल तथा आईजी रजिस्ट्रेशन के बाद पर नए अधिकारी पदस्थ किए जाएंगे। श्रीमन शुक्ला के अनुरोध को स्वीकार करते हुए राज्य सरकार ने उन्हें भोपाल में आयुक्त आदिमजाति कल्याण के पद पर पदस्थ किया है। शुक्ला जल्द ही प्रतिनियुक्ति पर भारत सरकार में जा सकते हैं। आयुक्त गृह निर्माण मंडल मनीष सिंह को अपर सचिव परिवहन तथा एमडी सडक़ परिवहन निगम की जिम्मेदारी सौंपकर मुख्यमंत्री और मुख्यसचिव ने इस बात के संकेत दिए है कि सडक़ परिवहन निगम को नए तरीके से एक बार फिर जिंदा किया जाएगा। संभावना है कि एक अथॉरिटी बनाकर अलग-अलग निकायों द्वारा चलाई जा रही बसों को एक साथ लाया जा सके। इससे आम जनता को राहत मिलेगी, क्योंकि घाटे वाले मार्गों में निजी आपरेटर बस नहीं चला रहे हैं।
कई जिलों के कलेक्टर भी बदलेंगे
प्रशासनिक कसावट के लिए 6 से अधिक जिलों के कलेक्टरों को बदला सकता है। राज्य सरकार आने वाले दिनों में कुछ जिलों के कलेक्टरों को भी बदल सकती है। सतना कलेक्टर अनुराग वर्मा का तीन साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। इसलिए वर्मा को नए जिले में जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। इसके अलावा नर्मदापुरम कलेक्टर सोनिया मीना को भी नए जिले में या विभागाध्यक्ष कार्यालय में पदस्थ किया जा सकता है। इसकी वजह है दो माह में हाईकोर्ट द्वारा कलेक्टर पर की गई टिप्पणी और कलेक्टर का स्थानीय स्तर पर विरोध बताया जा रहा है। हालांकि मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण के कारण कलेक्टरों के तबादलों पर प्रतिबंध है। कलेक्टरों के तबादले पांच जनवरी के बाद होने की संभावना है।
फुल फ्लैश अफसरों की जरूरत
मुख्य सचिव अनुराग जैन के कार्यकाल में पहली बार आईएएस अफसरों का तबादला हुआ है। इस सूची में कई विभागों में अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार दिया गया। जबकि इन पदों के लिए फुल फ्लैश अफसरों की जरूरत है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द विभागीय अधिकारियों को बदला सकता है। अब तक सीएम सचिवालय में अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव स्तर के 2 अफसरों की पोस्टिंग के चलते सीएम सचिवालय ही अब तक सारे फैसले कर रहा था। 11 नवंबर को हुए पदस्थापना आदेश में अब सीएस ऑफिस और सीएमओ के बीच संतुलन बनाने के संकेत भी मिले हैं। इसीलिए दो प्रमुख सचिव सीएम सचिवालय से वापस विभागों को भेजे गए हैं। प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव को खनिज साधन विभाग का प्रमुख सचिव बनाने के साथ प्रबंध संचालक एमपी खनिज निगम और संचालक खनिकर्म भौतिकी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। यह पद सचिव और अपर सचिव स्तर के अधिकारियों को सौंपा जाएगा। राजस्व मंडल ग्वालियर के सदस्य पद से सचिव स्तर के अधिकारी नागर गोजे मदन विभीषण की भोपाल वापसी हुई है, इनके स्थान पर एक अधिकारी की जल्द राजस्व मंडल में पोस्टिंग की जाएगी। मनोज पुष्प संचालक पंचायत राज और सीईओ एमपी ग्रामीण आजीविका मिशन को आयुक्त सहकारी संस्थाएं की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पंचायत राज संचालक और सीईओ एमपी ग्रामीण आजीविका मिशन के पद पर नए अधिकारी की पोस्टिंग की जाएगी। वहीं आयुक्त सहकारिता की जिम्मेदारी निभा रहे मनोज सरियाम की पोस्टिंग भी सरकार ने अब तक नहीं की है। उन्हें नई जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। गिरीश शर्मा को अपर सचिव सामान्य प्रशासन विभाग से परियोजना संचालक स्किल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट बनाया गया है। जीएडी में अपर सचिव की पोस्टिंग उनके स्थान पर की जाना बाकी है।