किसान एमएसपी की गारंटी और स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों सहित अन्य मांगों को लागू करवाने के लिए कई महीनों तक दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन के बाद अब राजधानी की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे थे, जहां हरियाणा पुलिस के आंसू गैस के गोले के चलते कई किसान घायल हो गए.
नई दिल्ली: किसानों के दिल्ली चलो मार्च को रोकने लिए हरियाणा पुलिस ने शनिवार (दिसंबर 14) को शंभू बार्डर पर किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारें की.
मालूम हो कि किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों सहित अपनी अन्य मांगों को लागू करवाने के लिए कई महीनों तक दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन करने के बाद अब राजधानी की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे थे.
द हिंदू के अनुसार, आंसू गैस के गोले के चलते मार्च शुरू करने वाले 101 किसानों में से लगभग एक दर्जन घायल हो गए, जिसके बाद इस मार्च को एक दिन के लिए स्थगित कर दिया.
इससे पहले किसानों और खेतिहर मजदूरों के समूह ने शंभू बार्डर से हरियाणा के अंबाला की ओर जैसे ही अपना मार्च शुरू किया और मल्टी-लेयर बैरिकेड्स को तोड़कर अपना रास्ता बनाने की कोशिश की, हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागने शुरू कर दिए. घायलों को विरोध स्थल पर तैनात एम्बुलेंस में नजदीकी अस्पताल ले जाया गया है.
हरियाणा सरकार ने शनिवार को किसानों के मार्च के मद्देनजर अंबाला जिले के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाओं को 17 दिसंबर को सुबह 6 बजे से रात 11:59 बजे तक निलंबित कर दिया.
किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के बैनर तले किसानों का समूह 13 फरवरी से शंभू-अंबाला और खनौरी बार्डर पर डेरा डाले हुए हैं. किसान अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से नई दिल्ली तक मार्च करने का प्रयास कर रहे थे, जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर उनकी फसलों की खरीद के लिए कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी आदि प्रमुख मांगें शामिल हैं.
केएमएम समन्वयक सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि एक दर्जन से अधिक प्रदर्शनकारी किसानों को चोटें आई हैं, जिसके बाद पैदल मार्च को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने किसानों को निशाना बनाने के लिए तोपों के जरिये ‘रसायन मिश्रित पानी’ का इस्तेमाल किया. हालांकि, अंबाला कैंट के पुलिस उपाधीक्षक रजत गुलिया ने आरोप को खारिज कर दिया.
पंढेर ने आगे कहा, ‘सरकार ने 101 किसानों के समूह पर बल प्रयोग किया, जो शांतिपूर्ण ढंग से मार्च कर रहे थे. यहां तक कि विपक्षी दल भी संसद के चालू सत्र में हमारी चिंताओं को नहीं उठा रहे हैं. 16 दिसंबर को हम पंजाब के बाहर देशभर में ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे. और 18 दिसंबर को हम पंजाब में रेलवे ट्रैक को अवरुद्ध करेंगे.’
गौरतलब है कि इससे पहले आंदोलनकारी किसानों ने 6 और 8 दिसंबर को दिल्ली के लिए पैदल मार्च को शुरू करने की कोशिश की थी. शनिवार (14 दिसंबर) को उनका दिल्ली कूच का ये तीसरा प्रयास था.