मंगल भारत: सीधी: उमरिया:-सुविधाओं के अभाव में भी शास.उच्च.माध्य.विद्या.उमरिया दे रहा है उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम.

वर्ष 2025 के मण्डल परीक्षा परिणाम पर एक नजर :संजय टाइगर रिजर्व में स्थित शास.उच्च.माध्य.विद्या.उमरिया से कक्षा 10वीं की मण्डल परीक्षा में शामिल 48 परीक्षार्थियों में 47 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए ,जिसमें प्रथम श्रेणी में 32, द्वितीय श्रेणी में 13 एवं तृतीय श्रेणी 02 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए । इस प्रकार विद्यालय का कक्षा 10वीं का परीक्षा परिणाम 97.92 प्रतिशत रहा । वहीं कक्षा 12वीं की मण्डल परीक्षा में शामिल 120 परीक्षार्थियों में 112 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए जिसमें प्रथम श्रेणी में 45, द्वितीय श्रेणी में 49 एवं तृतीय श्रेणी 02 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए । इस प्रकार विद्यालय का कक्षा 12वीं का परीक्षा परिणाम 93.33 प्रतिशत रहा ।
सत्र 2024-25 में हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी का परीक्षा परिणाम गत वर्षों की भांति एक बार फिर शानदार रहा । यह परिणाम केवल अंकों की उपलब्धि नहीं, बल्कि उन संघर्षों और प्रयासों का प्रतीक है, जो शिक्षकों, विद्यार्थियों और उनके परिवारों ने मिलकर किए ।
विद्यालय के समक्ष चुनौतियाँ एवं समाधान :
मध्य प्रदेश के सीधी जिले की कुसमी तहसील में स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उमरिया केवल एक विद्यालय नहीं, बल्कि शिक्षा की वह लौ है , जिसने अंधकारमय हालातों में भी आशा की किरण दिखाई है । सीधी से 65 किलोमीटर और मझौली तहसील से 15 किलोमीटर दूर घने जंगलों और जनजातीय गांवों के बीच बसे इस विद्यालय ने असंभव को संभव कर दिखाया है.
यह विद्यालय संजय राष्ट्रीय उद्यान के भीतर स्थित है, जहाँ के अधिकांश लोग गरीब हैं और कृषि या वनोपज पर आधारित जीविका चलाते हैं । बच्चे अक्सर अपने माता-पिता के साथ खेतों या जंगलों में काम करने के लिए मजबूर होते हैं । साथ ही ग्रामीण जनजातीय परिवेश के कारण अधिकांश अभिभावक अशिक्षित है , जो शिक्षा के प्रति सजग व जागरूक नहीं है । यही कारण है कि विद्यालय में विद्यार्थियों की उपस्थिति कम रहती है ,जो वर्तमान में विद्यालय की सबसे बड़ी समस्या है । नेटवर्क विहीन क्षेत्र होने के कारण विद्यार्थियों से सतत सम्पर्क बनाये रखना एक कठिन चुनौती है । बच्चों को विद्यालय तक पहुँचने के लिए जंगलों से होकर आना पड़ता है, जहाँ उन्हें जंगली जानवरों के डर का भी सामना करना पड़ता है । विद्यालय संजय टाइगर रिज़र्व क्षेत्र में होने के कारण दूर-दराज क्षेत्रों से आने वाले विद्यार्थियों को विद्यालय समय से पूर्व छोड़ना पड़ता है ,ताकि वे समय पर सुरक्षित अपने-अपने घरों तक पहुँच सके .

कुछ वर्ष पहले तक इस विद्यालय में विषयवार शिक्षक उपलब्ध नहीं थे, जिससे बच्चों की शिक्षा में लगातार बाधाएँ आती रहीं । लेकिन अब परिस्थितियाँ बदल चुकी हैं । सरकार के प्रयासों से सभी विषयों के लिए शिक्षक उपलब्ध कराए गए हैं । यहाँ न केवल नियमित शिक्षक बल्कि अतिथि शिक्षक भी पूरे समर्पण के साथ कार्य कर रहे हैं ।
विद्यार्थियों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा जागृत की गई जैसे मेधावी विद्यार्थी योजना, लैपटाप योजना, स्कूटी योजना ,सुपर-100 योजना के बारे में समय-समय पर विद्यार्थियों को अवगत कराया जाता रहा । विद्यार्थी एक दूसरे से आगे निकलने की चाहत में अध्ययन से जुड़े रहे । विद्यालय में सी.सी.एल.ई. ,उमंग-स्कूल हेल्थ एवं वैलनेस कार्यक्रम, जीवन कौशल शिक्षा का सफल संचालन भी एक बेहतर माहौल बनाने में कारगर साबित हुआ । विद्यालय में सीमित संसाधनों के बावजूद खेल सामग्री के साथ ICT कंप्यूटर लैब , लाइब्रेरी तथा प्रयोगशाला की व्यवस्था की गयी है । नियमित प्रायोगिक कार्य,खेलकूद , सांस्कृतिक कार्यक्रम, बालसभा एवं अन्य विविध रोचक गतिविधियों के कारण छात्र उपस्थित में वृद्धि हुई । इसके अतिरिक्त शिक्षक अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों से और उनके अभिभावकों से दूरभाष के माध्यम से सतत सम्पर्क में रहे जिससे उपस्थिति बढ़ी और उपस्थिति बढ़ने के कारण परीक्षा परिणाम बेहतर लाने में मदद मिली । नियमित प्रार्थना सभा एवं साप्ताहिक बाल सभा के आयोजन द्वारा छात्रों के जीवन में सकारात्मक पहलू और मानवीय मूल्य से अवगत कराया जाता है ताकि छात्र का समग्र विकास हो सके । समय-समय पर कैरियर काउंसलिंग द्वारा छात्रों को कैरियर के विभिन्न क्षेत्रों की जानकारी प्रदान की जाती है ।
अन्य उपलब्धि.
अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा छात्रों में नेतृत्व गुण विकसित कराने, मनोबल बढ़ाने एवं उनमें आधुनिक स्तरीय सोच विकसित कराने तथा उन्हें देश-प्रदेश के विकास से परिचित कराने के उद्देश्य से राज्य स्तरीय नेतृत्व विकास शिविर / भारत दर्शन कार्यक्रम के तहत शैक्षणिक भ्रमण दिनांक 25 फरवरी से 03 मार्च 2025 तक आयोजित किया गया । जिसमें विद्यालय में अध्ययनरत प्रतिभावान छात्र शुभम सिंह को भोपाल से नई दिल्ली एवं आगरा जाने का अवसर प्राप्त हुआ । साथ ही खेलकूद की एथलेटिक्स की विभिन्न प्रतियोगिताओं में विद्यालय के चार छात्रों को अमरकंटक क्रीड़ा परिसर की जोन स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर मिला .
विद्यार्थियों का सतत मूल्यांकन एवं कमजोर छात्रों के सुधार हेतु किए गए प्रयास “ऑपरेशन निखार”
विद्यालय में छात्रों के प्रवेश के साथ ही सभी विषय शिक्षक कार्य योजना बनाकर परीक्षा परिणाम की दिशा में काम करना प्रारंभ कर देते हैं ,जो क्रमशः मासिक , त्रैमासिक, अर्द्ध वार्षिक परीक्षा परिणाम से ही दिखाई देने लगता है । डी एवं ई ग्रेड के कमजोर छात्रों के लिए निदानात्मक एवं उपचारात्मक कक्षाओं का संचालन कराया गया , जिसमें मुख्य रूप से अंग्रेजी, गणित और विज्ञान जैसे कठिन विषयों को चुना गया । विद्यालय में कक्षा 10वीं एवं कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों का परीक्षा पूर्व अभ्यास कार्यक्रम के तहत प्रत्येक विषय की दो बार परीक्षा आयोजित हुई एवं उत्तर-पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कर छात्र द्वारा की गयी गलतियों के सुधार हेतु आवश्यक प्रयास किये गए । विद्यार्थियों को वर्ष 2022, 2023, 2024 के बोर्ड प्रश्न पत्रों एवं वर्ष 2025 के लिए बोर्ड द्वारा जारी मॉडल प्रश्न पत्र की आंसरशीट तैयार करवाकर अभ्यास करवाया गया ।
विद्यालय के प्राचार्य श्री अशोक कुमार बैस के कुशल नेतृत्व में शिक्षकगणों ने न केवल समय पर पाठ्यक्रम पूर्ण कराया, बल्कि बच्चों को स्व-अध्ययन की महत्ता भी समझाई । वर्ष भर शिक्षकों ने कई बार पाठ्यक्रम का पुनरावृत्ति कराई और आधुनिक शिक्षण तकनीकों का प्रयोग कर बच्चों को न केवल परीक्षा में , बल्कि जीवन में सफल होने के योग्य बनाया ।
बच्चों को विद्यालय पहुँचने के लिए जंगलों से होकर आना पड़ता है, जहाँ उन्हें जंगली जानवरों के डर का भी सामना करना पड़ता है । फिर भी उनका उत्साह कम नहीं होता । यह विद्यालय केवल शिक्षा ही नहीं, बल्कि साहस, समर्पण और परिवर्तन की मिसाल बन चुका है ।
सत्र 2024-25 में हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी का परीक्षा परिणाम गत वर्षों की भांति एक बार फिर शानदार रहा । यह परिणाम केवल अंकों की उपलब्धि नहीं, बल्कि उन संघर्षों और प्रयासों का प्रतीक है, जो शिक्षकों, विद्यार्थियों और उनके परिवारों ने मिलकर किए ।
सह-शैक्षणिक गतिविधियों, अनुशासन, नियमित अभ्यास, एवं सकारात्मक वातावरण के कारण अब यह विद्यालय आस-पास के गांवों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है । अतःइस विद्यालय में प्रवेश पाने के लिए छात्र-छात्राएं व अभिभावक प्रयासरत रहते है ।
विद्यालय के प्राचार्य श्री अशोक कुमार बैस का कहना है कि यह सफलता वरिष्ठ अधिकारियों के नियमित मोटीवेशन, विद्यालय के परीक्षा प्रभारी एवं शिक्षकों के अथक प्रयास तथा अभिभावकों के सहयोग के कारण प्राप्त हुई है । इस सफलता के पीछे जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का भी बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा । समय- समय पर मार्ग दर्शन एवं उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम लाने की प्रेरणा यही से प्राप्त हुई ।
उमरिया विद्यालय की यह कहानी हमें सिखाती है कि यदि समर्पित नेतृत्व, मेहनती शिक्षक और कुछ करने की ललक रखने वाले छात्र मिल जाएँ, तो शिक्षा का दीपक कहीं भी जल सकता है—चाहे वह जंगल के बीच ही क्यों न हो ।