माओवादियों के महा सचिव बसवराजू समेत आठ नक्सलियों के शवों का अंतिम संस्कार सोमवार (26 मई) को नारायणपुर में पुलिस और प्रशासन की निगरानी में किया गया. अंतिम संस्कार की पुष्टि नारायणपुर पुलिस द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में की गई है. इससे पहले स्थानीय लोगों का कहना था कि पुलिस परिजनों पर नारायणपुर में ही अंतिम संस्कार करने का दबाव बना रही थी.

नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ के जंगलों में 21 मई को हुए मुठभेड़ में मारे गए 27 नक्सलियों में से माओवादियों के महा सचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू समेत आठ नक्सलियों के शवों का अंतिम संस्कार सोमवार (26 मई) को नारायणपुर में पुलिस और प्रशासन की निगरानी में कर दिया गया है. इनमें से पांच नक्सली तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से थे, जबकि तीन छत्तीसगढ़ के थे.
इस पूरे मामले से मीडिया को पूरी तरह दूर रखा गया. अंतिम संस्कार की पुष्टि नारायणपुर पुलिस द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में की गई है. विज्ञप्ति में लिखा गया है, ‘मुठभेड़ में मारा गया सीपीआई (माओवादी) का महासचिव बसवराजू (नंबाला केशव राव) का भी अंतिम संस्कार किया गया.’
पुलिस का कहना है कि बसव राजू के शव पर किसी का स्पष्ट कानूनी दावा नहीं था, इसलिए कार्यपालक मजिस्ट्रेट के आदेशानुसार कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए उनका अंतिम संस्कार नारायणपुर में किया गया.
हालांकि द वायर हिंदी ने अपनी पिछली रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया था कि बसवराजू का परिवार उसका शव लेने के लिए पिछले तीन दिन से नारायणपुर में था.
बसवराजू के परिजन उनके पैतृक स्थल पर अंतिम संस्कार करने के लिए शव की लगातार मांग कर रहे थे.
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, बसवराजू के भाई एन. रामप्रसाद 22 मई को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर पहुंचे थे, ताकि उनके शव को लेकर आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम ज़िले के कोटाबोम्माली मंडल स्थित अपने पैतृक गांव जियन्नापेट लौट जाएं.
बसवराजू के अलावे मारे गए 4 अन्य माओवादियों का परिवार भी अपने सदस्य का शव लेने के लिए नारायणपुर में पुलिस का चक्कर काट रहे थे.
सामाजिक कार्यकर्ता बेला भाटिया जो अभी नारायणपुर में मृतक माओवादियों के परिजनों के साथ नारायणपुर में मौजूद हैं, उन्होंने द वायर हिंदी से पुलिस द्वारा 8 माओवादियों के अंतिम संस्कार करवा दिए जाने की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि ‘बसवराजू और चार अन्य नक्सलियों का अंतिम संस्कार उनके परिवार वालों की गैर मौजूदगी में की गई.’ बाकी 3 माओवादियों के परिजन की मौजूदगी के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है. इसके पहले उन्होंने द वायर हिंदी को बताया था कि पुलिस परिजनों पर शवों का अंतिम संस्कार करने का दबाव बना रही है. उन्होंने यह भी बताया था कि परिजनों को प्रशासन द्वारा पिछले तीन दिनों तक अंधेरे में रखा गया, उन्हें शव के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई.
वहीं, पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, मारे गए माओवादी कैडरों में से एक, कोसी हुंगी के शव का उसके परिजनों ने संक्रमण फैलने की आशंका के चलते नारायणपुर में ही अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया.
इससे पहले स्थानीय लोगों ने द वायर हिंदी को बताया था कि पुलिस नारायणपुर में पुलिस थाने से दो किलोमीटर दूर उनके अंतिम संस्कार की जगह तैयार कर रही है, और परिजनों पर दबाव बना रही है कि वह अंतिम संस्कार के बाद अस्थियों को अपने साथ ले जाएं. यह जानकारी मिलने के कुछ ही घंटों के भीतर 8 माओवादियों का अंतिम संस्कार गुपचुप तरीके से कर दिया जाता है.
ज्ञात हो कि नारायणपुर के अबूझमाड़ में 21 मई को हुए एनकाउंटर में सीपीआई (माओवादी) के जनरल सेक्रेटरी नमबाला केशव राव उर्फ बसवराजू समेत 27 नक्सली मारे गए थे.