पुरी में जगन्नाथ वार्षिक रथ यात्रा उत्सव के लिए लाखों श्रद्धालु एकत्र हुए हैं. यह घटना रविवार तड़के 4-4:20 बजे के आसपास सारधाबली में हुई, जब कथित तौर पर धार्मिक अनुष्ठान की सामग्री ले जा रहा एक वाहन भीड़ में घुस गया. प्रत्यक्षदर्शियों ने आरोप लगाया कि तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए मौके पर कोई पर्याप्त पुलिस व्यवस्था या अधिकारी नहीं थे.

नई दिल्ली: ओडिशा के पुरी में श्री गुंडिचा मंदिर के पास रविवार (29 जून) सुबह भगदड़ में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और 50 से ज़्यादा लोग घायल हो गए.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पुरी में जगन्नाथ वार्षिक रथ यात्रा उत्सव के लिए लाखों श्रद्धालु एकत्र हुए हैं. यह घटना सुबह 4-4:20 बजे के आसपास सारधाबली में हुई, जब कथित तौर पर धार्मिक अनुष्ठान की सामग्री ले जा रहा एक वाहन भीड़ में घुस गया.
प्रत्यक्षदर्शियों ने आरोप लगाया कि तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए मौके पर कोई पर्याप्त पुलिस व्यवस्था या अधिकारी नहीं थे.
अस्पताल के अधिकारियों ने बताया है कि कुछ घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि अन्य गंभीर रूप से घायल होने के कारण अस्पताल में भर्ती हैं.
अधिकारियों ने पुष्टि की है कि मृतकों में महिलाएं भी शामिल हैं, लेकिन पीड़ितों की पहचान अभी भी सत्यापित की जा रही है.
इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने माफी मांगी है.
उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ‘मैं और मेरी सरकार भगवान जगन्नाथ के सभी भक्तों से व्यक्तिगत रूप से क्षमा मांगते हैं. यह लापरवाही माफ करने लायक नहीं है.’
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षा चूक की तुरंत जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.
इस संबंध में ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने अखबार से कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी को घटना के बारे में जानकारी दे दी है.इस मामले की जल्द ही जांच शुरू की जाएगी और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
गौरतलब है कि पुरी में इस वार्षिक रथ यात्रा उत्सव के दौरान रथ पर सवार त्रिमूर्ति (जगन्नाथ, बलभद्र, सुभद्रा) शनिवार को सारधाबली पहुंचे थे. श्री गुंडिचा मंदिर के लिए औपचारिक जुलूस रविवार शाम को निर्धारित है.
इस मामले को लेकर पुरी के जिलाधिकारी सिद्धार्थ एस. स्वाईं ने पत्रकारों को बताया कि रथ यात्रा संपन्न होने के एक दिन बाद आज तड़के पुरी में रथ पर सवार भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को देखने के लिए भीड़ उमड़ी थी, जहां यह हादसा हुआ.
उन्होंने आगे कहा, ‘रथ यात्रा के दौरान भगदड़ में मौतें पहले भी हुई हैं, लेकिन यह पहला मौका है जब रथ यात्रा संपन्न होने के बाद भगदड़ मची है.’
सिद्धार्थ एस. स्वाईं ने आगे कहा, ‘तड़के चार और पांच बजे के बीच भीड़ काफी बढ़ गई और भगदड़ मच गई. कुल 9 लोगों को सांस लेने में तकलीफ हुई और उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती किया गया. उनमें से तीन की मौत हो गई है. बाकी 6 की हालत अभी खतरे से बाहर है. घटना कैसे घटी, इसकी जांच की जाएगी. लेकिन फिलहाल प्रशासन दर्शन व्यवस्था को नियंत्रित करने पर जोर दे रहा है.’
इस भगदड़ पर पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ‘पुरी में हुई इस दुखद भगदड़ में अपनी जान गंवाने वाले तीनों श्रद्धालुओं के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करता हूं.’
उन्होंने बताया है कि प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इस भयानक त्रासदी के शुरू में श्रद्धालुओं के परिजनों ने ही राहत कार्य शुरू किया. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई सरकारी मशीनरी मौजूद नहीं थी. ये लापरवाही दिखाता है.