किसानों और मज़दूरों की 14 सूत्रीय माँगें: सीधी ज़िले में संयुक्त मोर्चा ने सौंपा ज्ञापन
सीधी (म.प्र.) | 9 जुलाई 2025 | मंगल भारत
सीधी ज़िले के चुरहट में संयुक्त किसान एवं मज़दूर मोर्चा द्वारा सरकार को संबोधित करते हुए एक 14 सूत्रीय मांग-पत्र सौंपा गया।
यह ज्ञापन उपखंड अधिकारी (SDM) के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और राज्य शासन को भेजा गया, जिसमें किसानों-मज़दूरों के मौलिक अधिकारों, सामाजिक सुरक्षा और आजीविका से जुड़ी समस्याएं उजागर की गई हैं।
क्या रही प्रमुख मांगें:
1. सभी फसलों की कानूनी गारंटी खरीद, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 2.5 गुना लाभ के साथ।
2. किसानों के लिए कर्ज़मुक्ति और उचित ऋण नीति, ताकि आत्महत्या जैसी घटनाओं पर रोक लगे।
3. मज़दूरों के लिए ₹26,000/- मासिक न्यूनतम वेतन, 4 श्रम संहिताओं को निरस्त करने की मांग।
4. पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली।
5. बिजली के निजीकरण का विरोध, प्री-पेड स्मार्ट मीटर हटाने की मांग।
6. कॉरपोरेट कंपनियों के लिए भूमि अधिग्रहण बंद करने का आह्वान।
7. पशुपालन व आवारा मवेशियों की समस्या के समाधान हेतु सार्वजनिक बीमा योजना और हर गांव में गौशाला की मांग।
ज्ञापन में चुरहट क्षेत्र की स्थानीय समस्याओं का भी उल्लेख किया गया:
मनरेगा योजना में बजट की कटौती और मजदूरी भुगतान की समस्याएं।
सिंचाई के लिए ज़मीन उपलब्ध न होने पर वन भूमि को खेती के योग्य बनाने की मांग।
वर्ष 1987 की भूमि हड़पवई योजनाओं की जांच और निष्पक्ष पुनर्वितरण की मांग।
गांवों में जलभराव, सड़क खराबी और प्रशासनिक निष्क्रियता पर चिंता जताई गई।
मोर्चा का कहना है कि”अगर सरकार ने किसानों और मज़दूरों की इन बुनियादी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो ये संघर्ष सिर्फ ज्ञापन तक सीमित नहीं रहेगा — यह जनांदोलन में बदलेगा।”
मंगल भारत निष्कर्ष:
संयुक्त किसान एवं मज़दूर मोर्चा की यह पहल न केवल ज़मीनी समस्याओं को उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि जनता अब खामोश नहीं है।
अब देखना होगा कि शासन इन मांगों को कितनी गंभीरता से लेता है।
मंगल भारत