रूस-यूक्रेन युद्ध ख़त्म करने के लिए ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगाए: ह्वाइट हाउस

ह्वाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए भारत पर सैंक्शन लगाए हैं. लगातार तीन बयानों में भारत के तेल कारोबार को पुतिन की जंग से जोड़ा गया. साथ ही दावा किया गया कि ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष को भी ख़त्म किया, जो परमाणु युद्ध में बदल सकता था.

नई दिल्ली: ह्वाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने 19 अगस्त को कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को ख़त्म करने के उद्देश्य से भारत पर सैंक्शन्स लगाए हैं.

पीटीआई के मुताबिक लेविट ने कहा,

राष्ट्रपति ने इस युद्ध को समाप्त करने के लिए बहुत ज़्यादा सार्वजनिक दबाव बनाया है. उन्होंने कदम उठाए हैं, जैसा कि आपने देखा – भारत पर सैंक्शन्स लगाए और भी कई कदम उठाए. उन्होंने बहुत साफ़ कहा है कि वे चाहते हैं कि यह युद्ध ख़त्म हो.

इससे पहले 19 अगस्त को ही ट्रंप कैबिनेट के अधिकारी स्कॉट बेसेंट ने कहा था कि भारत के ‘कुछ सबसे अमीर परिवार’ देश में रूसी कच्चे तेल को खरीदने और दोबारा बेचने से हो रहे ‘मुनाफाखोरी’ में शामिल हैं.

एक दिन पहले, ह्वाइट हाउस के वरिष्ठ व्यापार सलाहकार और अर्थशास्त्री पीटर नवारो ने अख़बार में लिखे एक कॉलम में कहा था कि भारत द्वारा रूस से तेल की खरीद से होने वाला पैसा भारत के ‘राजनीतिक रूप से जुड़े ऊर्जा कारोबारियों’ तक पहुंच रहा है, और वहां से आगे व्लादिमीर पुतिन के युद्ध ख़ज़ाने में जा रहा है.

इन लगातार तीन बयानों के बाद भारत की चिंताएं बढ़ गई हैं कि अमेरिका उसके मॉस्को से तेल की लगातार ख़रीद को कैसे देख रहा है.

ट्रंप ने भारत पर 25% का ‘पेनल्टी’ टैरिफ लगाया है, जो पहले से लागू 25% ‘रिसिप्रोकल’ टैरिफ के ऊपर है. इस तरह भारत पर कुल टैरिफ बढ़कर 50% हो गया है. इसका असर कई निर्यात उद्योगों पर पड़ने की संभावना है.

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, ह्वाइट हाउस ने यह दावा भी दोहराया कि ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष को खत्म कर दिया है.

लेविट ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा, ‘राष्ट्रपति ट्रंप अमेरिकी ताक़त का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि हमारे सहयोगी, हमारे मित्र और दुनिया भर में हमारे विरोधी — सभी से सम्मान हासिल कर सके.’

उन्होंने कहा कि यह असर सिर्फ़ रूस और यूक्रेन के बीच हालात सुधरने में ही नहीं दिखा, बल्कि दुनिया भर के सात संघर्षों के ख़त्म होने में भी देखा गया.

लेविट ने कहा, ‘हमने यह भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के अंत में देखा, जो परमाणु युद्ध में बदल सकता था अगर हमारे पास ऐसा राष्ट्रपति नहीं होता जो अमेरिका के राष्ट्रपति पद के साथ आने वाली ताक़त और प्रभाव पर विश्वास करता.’

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, एक अन्य सवाल के जवाब में लेविट ने कहा कि ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष को खत्म करने के लिए व्यापार को ‘बहुत प्रभावशाली ढंग से दबाव (लेवरेज) के रूप में’ इस्तेमाल किया.