पुलिस मुख्यालय में तीन महीने से अनुमति का इंतजार कर रही फाइल.

भोपाल/मंगल भारत। देश में अग्रिवीर योजना लागू होने के बाद अद्र्ध सैनिक बलों और राज्यों की सरकारों ने अपने यहां की पुलिसभर्ती में पूर्व अग्रिवीरों के लिए कोटा तय किया है। इसी कड़ी में मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी पुलिस और सशस्त्र बलों की भर्ती में पूर्व अग्रिवीरों को भर्ती करने की घोषणा की थी, लेकिन उनकी घोषणा के बाद भी कोटा तय नहीं हो पाया है। जानकारी के अनुसार, पूर्व अग्निवीर जवानों को आरक्षण देने संबंधी प्रस्ताव करीब तीन महीने से पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) में अटका है। पीएचक्यू के वरिष्ठ अधिकारी तय नहीं कर पा रहे हैं कि पूर्व अग्निवीरों को पुलिस बल की भर्ती में आरक्षण दिया जाए या नहीं और दिया जाए, तो कितना?
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 में अग्निपथ योजना लॉन्च की थी। अग्निपथ योजना के तहत हर साल 40-45 हजार युवाओं को सेना में शामिल करने का प्लान है, ये युवा साढ़े 17 साल से 23 साल की उम्र के बीच के होंगे। ये युवा अग्निवीर जवान कहलाते हैं। योजना में युवाओं को 4 साल तक नौकरी का मौका मिलता है। इसके बाद अग्निवीर रिटायर्ड हो जाते हैं। रिटायर्ड होने के बाद अग्निवीरों का क्या होगा, इसको लेकर योजना की शुरुआत से सवाल उठते रहे हैं। अग्निवीरों भविष्य सुरक्षित रहे और अधिक से अधिक युवा अग्निवीर बनने के लिए प्रेरित हों, इसलिए राज्य सरकारें उन्हें पुलिस व सशस्त्र बल में आरक्षण दे रही हैं। केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 में अग्निपथ योजना लॉन्च की थी। इस योजना के तहत अग्निवीर जवानों के पहले बैच की चार साल की सेवाएं सेवाएं वर्ष 2026 में पूरी हो जाएंगी। केंद्र सरकार इन अग्निवीर जवानों को रोजगार देने को लेकर सक्रिय हो गई है। मप्र समेत अन्य सभी राज्यों को पुलिस बलों की भर्ती में अग्निवीरों के लिए पद आरक्षित करने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। केंद्र सरकार का यह कदम पहले बैच के अग्निवीरों को नागरिक जीवन में स्थानांतरित करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।
एक साल पहले सीएम ने की थी घोषणा
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 26 जुलाई 2024 को कारगिल विजय दिवस पर प्रदेश में पूर्व अग्निवीर जवानों को पुलिस और सशस्त्र बलों की भर्ती में आरक्षण देने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था, अग्निवीर जवानों को मप्र में पुलिस और सशस्त्र बलों की भर्ती में आरक्षण दिया जाएगा। लेकिन उनकी घोषणा के एक साल बाद भी मप्र में पूर्व अग्निवीर जवानों के लिए पुलिस बल की भर्ती में आरक्षण देने को लेकर सरकार अंतिम निर्णय नहीं ले पाई है। जानकारी के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गत अप्रैल में मप्र सरकार को चि_ी लिखकर पुलिस बलों की भर्ती में पूर्व अग्निवीर जवानों को 20 प्रतिशत पद आरक्षित करने की सिफारिश की थी। पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त अग्निवीरों को राज्य स्तरीय कानून व्यवस्था बलों में स्थान देना उनके अनुभव का सही उपयोग होगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय से प्राप्त पत्र का अध्ययन करने के बाद गृह विभाग ने इसे पुलिस मुख्यालय को भेज दिया था। पुलिस मुख्यालय से कहा गया था कि वह पूर्व अग्निवीर जवानों को आरक्षण के संबंध में अंतिम निर्णय लेकर विभाग को अवगत कराए।
विभागों के बीच समन्वय नहीं
मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि सामान्य प्रथा यह है कि मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा करने के बाद सीएम सचिवालय घोषणा को लागू करने के लिए संबंधित विभाग के साथ समन्वय करता है, लेकिन पूर्व अग्निवीरों को आरक्षण के मामले में सीएम सचिवालय और गृह विभाग के अधिकारियों ने सक्रियता नहीं दिखाई। यही वजह है कि अब तक इस संबंध में कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका। अग्निवीर कोटा के मामले में आरक्षण प्रतिशत तय होने के बाद भर्ती नियम और अन्य विवरणों को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अंतिम रूप दिया जाएगा। अपर मुख्य सचिव गृह एसएन मिश्रा का कहना है कि पूर्व अग्निवीर जवानों को पुलिस भर्ती में आरक्षण देने की प्रक्रिया चल रही है।
कई राज्यों में अग्रिवीरों को आरक्षण
हरियाणा और ओडिशा की भाजपा सरकारों ने पूर्व अग्निवीरों को पुलिस भर्ती में आरक्षण देने का निर्णय लिया है। हरियाणा सरकार ने तय किया है पूर्व अग्निवीरों को पुलिस भर्ती में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। जो अग्निवीर 4 साल देश सेवा के बाद खुद का बिजनेस शुरू करना चाहेगा, उसे राज्य सरकार 5 लाख तक का बिना ब्याज लोन देगी। ओडिशा ने वर्दी सेवाओं में पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत कोटा और आयु सीमा में पांच साल की छूट देने का निर्णय लिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पूर्व अग्निवीरों के लिए केंद्रीय बलों और असम राइफल्स में 10 प्रतिशत रिक्तियां आरक्षित करने का निर्णय लिया है। सीआईएसएफ और बीएसएफ ने पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की है।