राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर महाराष्ट्र के गढ़चिरौली और उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई है. दोनों ही मामले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर उनकी सोशल मीडिया पोस्ट से जुड़े हुए हैं.

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर महाराष्ट्र के गढ़चिरौली और उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई है. दोनों ही मामले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर उनकी सोशल मीडिया पोस्ट से जुड़े हुए हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गढ़चिरौली पुलिस ने स्थानीय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक मिलिंद नरोटे की शिकायत पर तेजस्वी यादव के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, तेजस्वी यादव के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 196 (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), धारा 356 (मानहानि), धारा 352 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना), और धारा 353 (सार्वजनिक व्यवस्था को प्रभावित करने वाले बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
वहीं, उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में भी तेजस्वी यादव के खिलाफ समान आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. शाहजहांपुर की भाजपा महानगर अध्यक्ष शिल्पी गुप्ता की शिकायत पर थाना सदर बाजार पुलिस ने यह कार्रवाई की.
शिल्पी गुप्ता ने आरोप लगाया कि तेजस्वी ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी की, जिससे जन भावनाओं को ठेस पहुंची.
इस संबंध में शाहजहांपुर के एसपी रोजेश द्विवेदी ने बताया कि यहां बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री के खिलाप बीएनएस की धारा 352(2) और 197(1)(a) के तहत मामला दायर किया गया है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, तेजस्वी यादव ने शुक्रवार (22 अगस्त) को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक कार्टून पोस्ट किया था, जिसमें जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गया रैली को व्यंगात्मक रूप से ‘बयानबाजी की दुकान’ बताया गया था.
रैली से पहले एक्स पर शेयर किए गए इस पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी को एक दुकानदार के रूप में दिखाया गया था. व्यंग्यात्मक दुकान के साइनबोर्ड पर लिखा था, ‘बयानबाजी की मशहूर दुकान’. इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने मोदी से बिहार में एनडीए के 20 सालों के साथ-साथ अपने 11 साल के शासन का भी हिसाब मांगा था.
इस पोस्ट में तेजस्वी यादव ने लिखा, ‘प्रधानमंत्री जी, गया में बिना हड्डी की जुबान से आज झूठ और जुमलों का हिमालय खड़ा करेंगे लेकिन बिहार के न्यायप्रिय जनता दशरथ मांझी की तरह उनके झूठ और जुमलों के इन विशाल पहाड़ों को तोड़ देगी. 11 साल अपनी और 20 वर्षों की एनडीए सरकार के 20 सालों का हिसाब दो?.’
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में राजद और कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने बिहार के प्रवासियों के खिलाफ एक कांग्रेसी मुख्यमंत्री की पुरानी टिप्पणी का प्रसंग उठाते हुए कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर राज्य के लोगों के प्रति तिरस्कार का भाव रखने और उन्हें केवल ‘वोट बैंक’ समझने का आरोप लगाया.
बिहार के बोधगया में एक रैली में राष्ट्रीय जनता दल और उसके सहयोगियों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘उनके लिए बिहार के लोग सिर्फ़ वोट बैंक हैं; उन्हें गरीबों के संघर्षों की कोई चिंता नहीं है. आपको याद होगा कि कैसे एक बार कांग्रेस के मुख्यमंत्री ने मंच से कहा था कि बिहारियों को उनके राज्य में घुसने नहीं दिया जाएगा. बिहार के लोगों के प्रति कांग्रेस की नफ़रत ऐसी ही है. हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि बिहार के बेटे-बेटियों को यहीं रोज़गार मिले और वे सम्मान की ज़िंदगी जी सकें.’
गौरतलब है कि मोदी स्पष्ट रूप से पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की टिप्पणी का जिक्र कर रहे थे, जिन्होंने 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले लोगों से कहा था कि ‘यूपी, बिहार के भैया को पंजाब में न आने दें.’
उस समय इस टिप्पणी पर आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू जैसे नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी.