भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई की मां और राजनीतिक कार्यकर्ता कमलताई गवई ने बुधवार (1 अक्तूबर) को कहा कि वह स्वास्थ्य कारणों से 5 अक्टूबर को अमरावती में होने वाले आरएसएस शताब्दी समारोह में शामिल नहीं होंगी.

नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई की मां और राजनीतिक कार्यकर्ता कमलताई गवई ने बुधवार (1 अक्तूबर) को कहा कि वह स्वास्थ्य कारणों से 5 अक्टूबर को अमरावती में होने वाले आरएसएस शताब्दी समारोह में शामिल नहीं होंगी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले सीजेआई के भाई डॉ राजेंद्र गवई ने पहले संवाददाताओं से कहा था कि उन्हें निमंत्रण मिला है और उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है, और वह इसमें शामिल होंगी.
हालांकि, पहले प्रसारित एक कथित पत्र का हवाला देते हुए, जिसमें दावा किया गया था कि वह एक कट्टर आंबेडकरवादी होने के कारण इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी, कमलताई ने कहा कि यह संभवतः ‘किसी और’ ने लिखा होगा, जो उनके परिवार का ‘शुभचिंतक’ है.
बुधवार को जारी एक बयान में कमलताई ने कहा कि वह अपनी बढ़ती उम्र (84) और स्वास्थ्य समस्याओं के कारण इस समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगी.
कमलताई ने कथित पत्र के जारी होने के बाद उन पर और उनके पति दिवंगत दादासाहेब गवई, जो अंबेडकरवादी आंदोलन के दिग्गज थे, की आलोचना पर भी चिंता व्यक्त की.
कमलताई ने कहा, ‘दादासाहेब का पूरा जीवन आंबेडकरवादी विचारों को समर्पित था. वे अक्सर संघ सहित अन्य विरोधी मंचों पर जाते थे, हिंदुत्व का समर्थन करने के लिए नहीं, बल्कि समानता, स्वतंत्रता, बंधुत्व, न्याय और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के सिद्धांतों को प्रस्तुत करने के लिए. उनका दृढ़ विश्वास था कि असहमत लोगों को भी आंबेडकरवादी विचारों को सुनना चाहिए.’
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अगर उन्हें ऐसे किसी कार्यक्रम में शामिल होना है, तो वे केवल आंबेडकरवादी विचार ही प्रस्तुत करेंगी.
उन्होंने कहा, ‘हम चाहे कहीं भी जाएं, हमारे मूल्यों की मांग है कि हम अपनी अंतिम सांस तक आंबेडकरवादी विचारधारा को बनाए रखें.’
कमलताई ने अपने बयान में उन पर और दादासाहेब गवई पर की गई तथ्यहीन आलोचना पर ‘दुख’ भी व्यक्त किया.
उन्होंने आंबेडकरवादी आंदोलन और विपश्यना के प्रति अपनी आजीवन प्रतिबद्धता दोहराई. लेकिन स्पष्ट किया कि 84 वर्ष की आयु और स्वास्थ्य समस्याओं के कारण, वे 5 अक्टूबर के कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी.
अपने बयान के अंत में उन्होंने कहा, ‘एक घटना के कारण मेरे जीवन के काम को कलंकित करने का यह प्रयास दुखद है. मेरा स्वास्थ्य मुझे अब रुकने के लिए कह रहा है. यह आराम करने का समय है.’
दादासाहेब गवई चैरिटेबल ट्रस्ट के सचिव प्रोफ़ेसर कमलाकर पायस ने अखबार से पुष्टि की कि कमलताई का नवीनतम बयान वास्तव में उनकी ओर से जारी किया गया है.
इस संबंध में सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के नेता डॉ. राजेंद्र गवई ने कहा था, ‘संघ का कार्यक्रम अमरावती में हो रहा है, और आई साहेब (मां) को इसमें शामिल होने का निमंत्रण मिला है और उन्होंने उसे स्वीकार कर लिया है.’
उन्होंने आगे बताया था कि इससे पहले नागपुर में संघ के विजयादशमी समारोह में भी बैरिस्टर और राज्यसभा के पूर्व उपसभापति बीडी. खोबरागड़े और दादासाहेब गवई जैसे नेता मौजूद थे. इसलिए, हमारी मां ने भी निमंत्रण स्वीकार कर लिया था. गवई परिवार ने हमेशा ऐसे रिश्ते बनाए रखे हैं जो राजनीतिक सीमाओं से परे हैं, जो पार्टी लाइन से ऊपर हैं.
इस मामले को लेकर आरएसएस की संचार शाखा विश्व संवाद केंद्र के अधिकारियों ने अखबार को बताया था कि उन्होंने निमंत्रण देने से पहले कमलताई की सहमति ली थी और यह भी पूछा था कि निमंत्रण पत्र पर उनका नाम कैसे लिखा जाना चाहिए.