उम्र से तो ज्यादा तो, यह लड़का बड़ा है.

उम्र से तो ज्यादा तो, यह लड़का बड़ा है.

मंगल भारत: साहित्य और कला यह धरोहर ईश्वरी देन कहां जाना कोई अति संयुक्त नहीं होगी क्योंकि साहित्य और कला जन्मजात ही पैदा होती है इसको अलग से निर्मित नहीं किया जा सकता.
ऐसे ही एक मिसाल रीवा संभाग के मैहर जिले में जन्मे हरिओम जायसवाल की है जो अटल बिहारी वाजपेई आर्ट एंड कॉमर्स कॉलेज इंदौर से B.A स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं.
उनके द्वारा रचित एक कविता युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रही है.
वक्त से पहले बचपन बिखर सा गया .
हर एक 18 साल का लड़का जिम्मेदारियां पर आ खाड़ा है
कर रहा है तैयारी कुछ बन जाने की मगर
देखो ना बसंत में कैसा यह पतझड़ झडा है
कितनी कम उम्र में मिली है जिम्मेदारी इसको उम्र से तो ज्यादा यह लड़का बड़ा है
कर दिए हैं कांटों ने इसके पैर को चोटिल मगर यह लड़का उसी रास्ते पर अड़ा है
कर रहा है तैयारी कुछ बड़ा कर जाने की देखो ना कैसे यह लड़का संघर्षों पर खड़ा है
देख रहा है यह दूर की मंजिलों को अब बेफिक्र सा लड़का अब धैर्य पर खड़ा है
कह रहा है अपनी कहानी मंजिल को पा लेने की देखो ना यह लड़का अपनी उम्र से कितना बड़ा है
इस रचनाकार के लिए सिर्फ यही कहा जा सकता है कि उम्र से तो ज्यादा तो यह लड़का बड़ा है.